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बिहार विधान परिषद के नये सभापति की तलाश शुरू, इन तीन नामों की है चर्चा

बिहार विधान परिषद के नये सभापति की तलाश शुरू हो गयी है. 25 अगस्त को सभापति पद के लिए होने वाले चुनाव में जदयू के तीन नेता प्रो रामवचन राय, मो गुलाम गौस और देवेश चंद्र ठाकुर के नामों की चर्चा है. आखिरी समय में बाजी पलट भी सकती है और किसी नये नाम पर सहमति बन सकती है.

पटना. बिहार विधान परिषद के नये सभापति की तलाश शुरू हो गयी है. 25 अगस्त को सभापति पद के लिए होने वाले चुनाव में जदयू के तीन नेता प्रो रामवचन राय, मो गुलाम गौस और देवेश चंद्र ठाकुर के नामों की चर्चा है. आखिरी समय में बाजी पलट भी सकती है और किसी नये नाम पर सहमति बन सकती है.

पूर्णकालिक सभापति का यह पद खाली

पूर्णकालिक सभापति का यह पद पहली बार जदयू को मिलने जा रहा है. इसके पहले उपसभापति के रूप में प्रो हारूण रशीद को इस पद पर कार्य करने का मौका मिला था. राज्य में नये राजनीतिक समीकरण के हिसाब से राजद को विधानसभा के अध्यक्ष का पद मिलना तय माना जा रहा है, जबकि जदयू के हिस्से में विधान परिषद के सभापति का पद आयेगा.

फिलहाल विधान परिषद में जदयू सबसे बड़ा दल

फिलहाल 75 सदस्यीय विधान परिषद में जदयू सबसे बड़ा दल है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सदन में इसके 25 सदस्य हैं. फिलहाल भाजपा के अवधेश नारायण सिंह कार्यकारी सभापति के रूप में कार्यरत हैं. उपसभापति का पद रिक्त है. राज्यपाल फागू चौहान ने 25 अगस्त को नये सभापति का चुनाव कराने का निर्देश विधान परिषद सचिवालय को दिया है. इसके लिए 24 अगस्त को दिन के 12 बजे तक नामांकन लिये जायेंगे.

जदयू के भीतर प्रो रामवचन राय सबसे वरीय सदस्य

जदयू के भीतर प्रो रामवचन राय सबसे वरीय सदस्य हैं. अतिपिछड़ी जाति से आने वाले प्रो राय को विधायी कार्याें का लंबा अनुभव है. वहीं ,मो गुलाम गौस पार्टी के अल्पसंख्यक चेहरे हैं. पहली बार इन्हें राजद ने विधान परिषद का सदस्य बनाया था. इस बार जदयू ने इन्हें मौका दिया है. सीतामढ़ी जिले से आने वाले देवेश चंद्र ठाकुर की साफ- सुथरी छवि रही है. पार्टी में उनकी गिनती मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी नेताओं में होती रही है. इन तीनों के अलावा पार्टी के भीतर किसी कुशवाहा जाति के नेता को भी सभापति पद के लिए उपयुक्त माना जा रहा है.

अब विपक्ष के नेता का पद संख्या बल के आधार पर भाजपा को मिलेगा

इधर, नये समीकरण में राजद के सत्ताधारी दल में शामिल होने के बाद सदन में विपक्ष के नेता पद की कुर्सी खाली हो गयी है. संख्या बल के आधार पर भी यह पद भाजपा के हिस्से में आयेगा. माना जा रहा है कि विधानसभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता तय करने के पूर्व पार्टी केंद्रीय नेतृत्व अपना एक ऑब्जर्वर पटना भेजेगी. विधायकों और विधान पार्षदों की राय जानने के बाद दोनों सदनों में नेता विपक्ष के नाम का ऐलान किया जायेगा. वैसे वरीयता के आधार पर विधान परिषद में प्रो नवल किशोर यादव की विपक्ष के नेता पद की दावेदारी बन सकती है. सामाजिक समीकरण में भी वह सरकार को कठघरे में घेरने में फिट हो सकते हैं.

विधान परिषद में दलीय स्थिति

  • जदयू 25

  • भाजपा 23

  • 1राजद 14

  • कांग्रेस 04

  • सीपीआइ 02

  • हम 01

  • रालोजपा 01

  • निर्दलीय 05

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