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कार्रवाई में बाधा: इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग की पोल खोलने वाले ड्रग इंस्पेक्टर को हटाया

पटना: पीएमसीएच में मरीजों को मिलने वाले सरकारी इंजेक्शन की हो रही ब्लैक मार्केटिंग की पोल पूरी तरह खुलने से पहले ही एक ड्रग इंस्पेक्टर को बदल दिया गया. देवेंद्र कुमार राम नाम के इस ड्रग इंस्पेक्टर को जिला नियंत्रण कक्ष की ओर से कंट्रोल रूम में विधि व्यवस्था देखने के लिए प्रतिनियुक्त पर भेज […]

पटना: पीएमसीएच में मरीजों को मिलने वाले सरकारी इंजेक्शन की हो रही ब्लैक मार्केटिंग की पोल पूरी तरह खुलने से पहले ही एक ड्रग इंस्पेक्टर को बदल दिया गया. देवेंद्र कुमार राम नाम के इस ड्रग इंस्पेक्टर को जिला नियंत्रण कक्ष की ओर से कंट्रोल रूम में विधि व्यवस्था देखने के लिए प्रतिनियुक्त पर भेज दिया गया है. यानी अब देवेंद्र कंट्रोल रूम में अपनी ड्यूटी देंगे. इसको देखते हुए देवेंद्र ने भी कार्य में बाधा उत्पन्न होने का हवाला देते हुए औषधि विभाग के ड्रग कंट्रोलर सहित कई अधिकारियों से शिकायत की है.
पीएमसीएच में जांच के लिए चार इंस्पेक्टरों की लगी है ड्यूटी : पीएमसीएच में इंजेक्शन की अवैध सप्लाइ मामले में जांच के लिए कुल चार ड्रग इंस्पेक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी है, लेकिन देवेंद्र राम स्थानीय ड्रग इंस्पेक्टर हैं और उन्हें पीएमसीएच, जीएम रोड सहित पश्चिम भाग के दवा दुकानों पर जांच के लिए ड्यूटी पर लगाया गया था. ऐसे में अन्य तीन ड्रग इंस्पेक्टरों को सही मायने में पीएमसीएच में जांच करने में बाधा उत्पन्न हो रही है. सवाल उठ रहा है कि इंजेक्शन का खुलासा अंतिम चरण में था, तो स्थानीय इंस्पेक्टर की ड्यूटी क्यों बदल दी गयी.
पश्चिम एरिया के ड्रग इंस्पेक्टर देवेंद्र राम की बदल दी गयी ड्यूटी
पीएमसीएच से खाली लौटे ड्रग इंस्पेक्टर : ड्रग इंस्पेक्टर की तीन सदस्यीय टीम शनिवार को पीएमसीएच में जांच करने पहुंची. लेकिन शनिवार को बिना जांच के ही टीम को वापस लौटना पड़ गया. जांच कर रहे ड्रग इंस्पेक्टर सच्चितानंद विक्रांत का कहना है कि रिकार्ड रूम के अधिकारियों को पेशेंट ट्रीटमेंट चार्ट और एडवाइज पब्लिक प्रिसपेक्शन रजिस्टर को देना था. इसी आधार पर इंजेक्शनों की जांच और मरीजों से पूछताछ की जानी थी. लेकिन रिकार्ड रूम के पदाधिकारियों के मना करने से जांच नहीं हो पायी. जबकि 3 जून को इसे देना तय था. इसी को देखते हुए पीएमसीएच के अधीक्षक को सोमवार यानी 5 जून को रजिस्टर व चार्ट देने के लिए कहा गया है. संबंधित दस्तावेज मिलने के बाद फिर से जांच शुरू हो जायेगी.
क्या है मामला : पीएमसीएच में सरकार की ओर से उपलब्ध होने वाली मेरोपेनम 1 ग्राम हायर एंटीबायोटिक इंजेक्शन कंकड़बाग स्थित हनुमान एजेंसी सहित कई प्राइवेट दवा दुकानों में बिकता पाया गया है. यह इंजेक्शन बाहर की दुकानों पर कैसे गया, इसकी जांच के लिए पीएमसीएच में ड्रग विभाग की टीम लगातार जांच कर रही है. टाटा वार्ड सहित कई वार्डों में जांच भी हुई, जिनमें मामला उजागर भी हो गया था. कुल 37 वार्डों में छापेमारी की जानी है. यह इंजेक्शन बाहर में दुकान पर दो हजार रुपये में बिकता पाया गया.
इंस्पेक्टर ने की शिकायत : ड्रग इंस्पेक्टर देवेंद्र राम ने ड्रग कंट्रोलर, जांच टीम के प्रभारी सच्चितानंद सहित औषधि विभाग के कई अधिकारियों को लिखित में शिकायत की है. पत्र के माध्यम से देवेंद्र ने कहा है कि पीएमसीएच के लिए वह तकनीकी रूप से सक्षम हैं. पश्चिम एरिया होने के चलते उन्हें पीएमसीएच की काफी जानकारी है. ऐसे में मिशन सफल हो और मामले का खुलासा हो जाये, इसको देखते हुए पुन: नियुक्त किया जाये.
क्या कहते हैं अधिकारी
इलेक्शन को देखते हुए कई अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगायी गयी है, स्टाफ की कमी को देखते हुए यह आर्डर निकाला गया है. इसकी के तहत ड्यूटी बांटी गयी है. वहीं आप जिस ड्रग इंस्पेक्टर की बात कह रहे हैं, उनकी ड्यूटी लगी है या नहीं इसके बारे में मुझे जानकारी नहीं. ड्यूटी चार्ट देखने पर ही पता चलेगा.
कारी महतो, कंट्रोल रूम प्रभारी, जिला नियंत्रण कक्ष

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