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रमजान में खुल जाते हैं जन्नत के दरवाजे, गलती सुधारने का सभी को मिलता है मौका

पटना. रमजान में सभी को अपनी गलतियों को सुधारने का मौका मिलता है. गलतियों से तोबा करने और अच्छाइयों के बदले बरकत पाने के लिए भी इस महीने की इबादत का महत्व है. अमीरे शरीअत मौलाना वली रहमानी बताते हैं कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं. अल्लाह रोजेदारों और इबादत […]

पटना. रमजान में सभी को अपनी गलतियों को सुधारने का मौका मिलता है. गलतियों से तोबा करने और अच्छाइयों के बदले बरकत पाने के लिए भी इस महीने की इबादत का महत्व है. अमीरे शरीअत मौलाना वली रहमानी बताते हैं कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खुल जाते हैं. अल्लाह रोजेदारों और इबादत करनेवालों की हर दुआ कबूल करता है.

इनसान को उसके गुनाहों से माफी मिलती है. रमजान में जकात का महत्व खासा बढ़ जाता है. जकात का मतलब है अपनी कमाई का करीब ढाई फीसद गरीबों में बांटना.

ईद से पहले फितरा दिया जाता है, जिसमें परिवार का प्रत्येक इनसान ढाई किलो के हिसाब से गेहूं या उसकी कीमत की रकम इकट्ठा कर जरूरतमंदों में बांट देता है. रोजेदार मगरिब की अजान के पहने खाने-पीने की चीजों को लेकर परिवार के साथ बैठ जाएं. इफ्तार के समय सामूहिक रूप से दुआ करें. इस वक्त की दुआ कबूल होती है.

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