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विधायक हत्याकांड : पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद
हजारीबाग/पटना : सारण जिले के मशरक के तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की हत्या मामले में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह और पूर्व मुखिया रितेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. हजारीबाग सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र शर्मा के कोर्ट ने मंगलवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये से यह सजा मुकर्रर की. साथ […]
हजारीबाग/पटना : सारण जिले के मशरक के तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की हत्या मामले में पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह और पूर्व मुखिया रितेश सिंह को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है.
हजारीबाग सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र शर्मा के कोर्ट ने मंगलवार को वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये से यह सजा मुकर्रर की. साथ ही 40 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. अन्य धाराओं में भी इन तीनों को 307 में 10 वर्ष और 10 हजार रुपये जुर्माना, विस्फोटक अधिनियम के तहत 10 वर्ष सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना, 304 में तीन वर्ष की सजा सुनायी गयी है. जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर अभियुक्तों को छह माह और अधिक सजा काटनी होगी.
सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. सजा सुनाये जाने के वक्त कोर्ट परिसर में दोनों पक्षों के रिश्तेदार, समर्थकों के साथ-साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे. इसके पहले इस कोर्ट ने 18 मई को इन तीनों आरोिपतों को इस मामले में दोषी करार दिया था, जबकि प्रभुनाथ सिंह के छोटे भाई और बनियापुर के राजद विधायक केदार सिंह को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी कर दिया था.
भाई केदार िसंह बोले, हम हाइकोर्ट में जायेंगे
महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई विधायक केदार सिंह ने सजा सुनाये जाने के बाद कहा कि कोर्ट के फैसले का हम सम्मान करते हैं. इस फैसले के विरुद्ध में हम हाइकोर्ट में चुनौती देंगे. हमें पूरा विश्वास है कि ऊपरी अदालत में हमें अवश्य न्याय मिलेगा. वहीं मृत अशोक सिंह के भाई और पूर्व विधायक तारकेश्वर सिंह ने कहा कि देर से ही सही, लेकिन न्याय मिलने से हमें खुशी मिली है. परिवार के साथ-साथ हमारे समर्थकों और जनता ने कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत किया है.
पटना में बम से हमला कर अशोक सिंह की कर दी गयी थी हत्या
मशरक (अब बनियापुर) के पूर्व विधायक अशोक सिंह की हत्या 22 साल पूर्व तीन जुलाई, 1995 को हुई थी. इस घटना को उनके पटना के पांच स्टैंड रोड स्थित सरकारी आवास में अंजाम दिया था. हत्यारों ने बम विस्फोट कर अशोक सिंह व उनके साथ उस समय मौजूद अनिल सिंह की हत्या कर दी थी. अनिल महाराजगंज के तत्कालीन बीडीओ बाकी के पुत्र थे.
घटना के बाद अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी ने सचिवालय थाने में कांड संख्या 339/95 के तहत हत्या की प्राथमिकी दर्ज करायी थी, जिसमें प्रभुनाथ सिंह सहित पांच लोग आरोपित किये गये थे. पुलिस ने आइपीसी की धारा 302, 307, 324, 120 (बी) के तहत मामला दर्ज किया था. नौ अक्तूबर, 1995 को एसीजीएम पटना संज्ञान लिया था और फिर सुनवाई हुई थी. इसी बीच शिकायतकर्ता चांदनी देवी के अनुरोध पर उक्त केस को हजारीबाग सिविल कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया था. वहां केस में चार्ज फ्रेम हुआ और फिर सभी आरोपितों की गिरफ्तारी का निर्देश दिया गया.
प्रभुनाथ को हरा कर विधायक बने थे अशोक सिंह
अशोक सिंह 1995 में जनता दल के टिकट पर मशरक विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने थे. उस समय प्रभुनाथ सिंह वहां से लगातार दो बार विधायक रहे थे. लेकिन, अशोक सिंह ने बिहार पीपुल्स पार्टी से चुनाव लड़ रहे प्रभुनाथ सिंह को 22 हजार से अधिक मतों से पराजित कर दिया था. विधायक बनने के तीन माह बाद ही उनकी हत्या पटना स्थित सरकारी आवास पर कर दी गयी. इसके बाद उपचुनाव में अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी राजद के टिकट पर चुनाव लड़ीं, जबकि अशोक सिंह के बड़े भाई तारकेश्वर सिंह निर्दलीय चुनाव लड़े और विधायक बने. प्रभुनाथ सिंह के परिवार का कोई सदस्य उपचुनाव नहीं लड़ा था.
प्रभुनाथ सिंह विधायक से पहुंचे संसद तक
प्रभुनाथ सिंह सारण में बाहुबली के रूप में जाने जाते रहे हैं. उन्होंने पहली बार 1985 में निर्दलीय विधायक बने. प्रभुनाथ सिंह ने डॉ हरेंद्र सिंह को हराया था. इसके बाद फिर से वह 1990 में जनता दल के उम्मीदवार के रूप में मशरक के फिर विधायक बने. 1995 में उन्होंने अशोक सिंह ने हरा दिया. इसके बाद उन्होंने विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा और महाराजगंज संसदीय क्षेत्र से 1998, 1999 व 2004 में लगातार जदयू के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए.
लेकिन, 2009 लोकसभा चुनाव में वह राजद के उमाशंकर से हार गये. इसके बाद 2012 में वह जदयू छोड़ कर राजद में शामिल हो गये और उमाशंकर सिंह की मौत के बाद 2013 में हुए उपचुनाव में राजद की ओर से लड़े और जदयू के पीके शाही को हरा कर फिर सांसद बने. लेकिन, 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने हरा दिया.
चांदनी देवी ने कहा
दिल को मिला सकून लेिकन मिलनी चाहिए थी फांसी की सजा
पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह व अन्य को उम्रकैद की सजा के बाद राजीव नगर रोड नंबर 10 स्थित स्व अशोक सिंह के घर में खुशी की लहर दौड़ गयी. अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी ने कहा कि मेरी मेहनत आज रंग लायी और मेरे पति के तमाम हत्यारों को सजा मिली. मेरे दिल को आज सुकुन मिला है. उन्होंने कहा कि मुझे न्यायालय पर पूरा भरोसा था कि न्याय जरूर मिलेगा. लेकिन, उन तमाम लोगों ने जिस तरह से घटना को अंजाम दिया था, उसके अनुसार उन सभी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी. पति की हत्या आंखों के सामने हुई थी.
उस समय हमारे दोनों बच्चे साढ़े तीन साल व ढाई साल के थे. पूरे परिवार को ही इन लोगों ने पल भर में बरबाद कर दिया था. दो मासूमों से उनके पिता का साया छीन लिया था और ऐसे लोगों को फांसी की सजा होनी चाहिए थी.
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