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लालू परिवार के मॉल पर ग्रहण, निर्माण पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने लगाई रोक

पटना:बिहार की राजधानी पटनाके सगुना मोड़ में बन रहे राज्य के सबसे बड़े मॉल के निर्माण पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तत्काल रोक लगा दी है. मंत्रालय की ओर से राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रधान सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सचिव और सिया के अध्यक्ष के भेजे […]

पटना:बिहार की राजधानी पटनाके सगुना मोड़ में बन रहे राज्य के सबसे बड़े मॉल के निर्माण पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने तत्काल रोक लगा दी है. मंत्रालय की ओर से राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रधान सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के सचिव और सिया के अध्यक्ष के भेजे पत्र में तत्काल निर्माण पर रोक लगाने का आदेश दिया गया है. आदेश की कापी मॉल का निर्माण करा रही मेरेडियन कंस्ट्रक्शन के सीएमडी राजद विधायक अबु दोजाना को भी भेजी गयी है. मॉल का निर्माण राज्य के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के स्वामित्व वाली जमीन पर हो रहा है.

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी अाज निर्माण कार्य पर रोक सबंधी कागजात प्रेस कांफ्रेंस में जारी किया. उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने 15 मई को इस संबंध में पत्र जारी किया है. इधर, राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने भी निर्माण पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया है.

सगुना मोड़ के पास राज्य के सबसे बड़े मॉल डिलाइट मॉल का निर्माण दानापुर के जलालपुर मौजा में हो रहा है. इसका विल्ट अप एरिया 7.66 लाख वर्ग मीटर है. माॅल का निर्माण मेरेडियन कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी करा रही है. मॉल निर्माण में पर्यावरण नियमों का उल्लंघन के मामले को लेकर भाजपा नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने 22 और 27 अप्रैल को केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय को पत्र लिखा था.

सुशील मोदी का आरोप है कि बिना सिया की अनुमति के इसका निर्माण हो रहा है. उन्होंने कहा कि दो लाख वर्गफीट से अधिक के निर्माण पर सिया की अनुमति आवश्यक है. उनकी शिकायत के बाद मॉल का निर्माण करा रही कंपनी के अनुमति के लिए आवेदन दिया. हालांकि निर्माण करा रही कंपनी के सीएमडी का कहना है कि अभी वहां पर कोई निर्माण नहीं हो रहा है. मिट्टी की खुदाई जांच के लिए की गयी और इसके बाद सिया के पास अनुमति के लिए आवेदन दिया गया.

वहीं, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एल ए डिवीजन की ओर से 15 मई को जारी पत्र में कहा गया है कि पर्यावरण संरक्षण रूल 1985 रूल चार (पांच) के तहत तत्काल इसके निर्माण पर रोक लगाया जाता है. निर्माण स्थल पर यथा स्थिति बनाए रखने को कहा गया है. पत्र के अनुसार इस प्रोजेक्ट में पर्यावरण नियमों का ध्यान नहीं रखा गया. अब इस पर आगे मंत्रालय की कोई निर्णय लेगा.

भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि रांची और पुरी केदो होटलों को लालू प्रसाद के रेल मंत्रित्वकाल में देने के एवज में मात्र 15 लाख में पटना के सगुना मोड़ पर 115 कट्ठा जमीन प्रेमचन्द्र गुप्ता की कम्पनी डिलाइट मॉर्केटिंग में लिखवा लिया गया था.इस डिलाइट मार्केटिंग के मालिक अब तेजस्वी यादव एवं राबड़ी देवी है. जिनकी 115 कट्ठा जमीन पर 7 लाख 66 हजार वर्गफुट का 750 करोड़ की लागत का मॉल बन रहा है. जिसे राजद के सुरसंड विधायक अबू दोजाना बना रहे हैं. 12 मंजिल और दाे बेसमेंट सहित इस मॉल में 5 स्टार होटल, मल्टीपलेक्स, शापिंग मॉल, आफिस टावर तथा 1 हजार दुकाने रहेंगी.

सुशील मोदी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्तर्गत 2 लाख वर्गफुट से ज्यादा का निर्माण स्टेटएनवॉयरमेंट इमपैक्ट एसेस्मेंट अॉथोरिटी से अनुमति प्राप्त किए बिना प्रारम्भ कर दिया गया है. तेजस्वी यादव की कम्पनी की ओर से मामला मीडिया में आने के बाद 20 अप्रैल को यानि 1 वर्ष बाद अनुमति के लिए आवेदन दिया गया. नियम के अनुसार यदि अनुमति के बिना कार्य प्रारम्भ कर दिया जाता है तो यह उल्लघंन का मामला बनता है और ऐसी स्थिति में राज्य प्राधिकार अनुमति प्रदान नहीं कर सकता है बल्कि भारत सरकार को अनुमति के लिए भेजना पड़ेगा. परन्तु चूंकि वन विभाग तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप के पास है, इस कारण वन विभाग औरसिया की मिली भगत से निर्माण को रोक कर प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई नहीं की गयी और न ही भारत सरकार को सूचित किया गया.

सुशील मोदीने कहा कि स्वयं बिल्डर दोजाना ने अपने आवेदन में स्वीकार किया है कि नींव खुदाई का काम पूरा किया जा चुका है और निर्माण प्रारम्भ करने के बाद अनुमति के लिए आवेदन दिया जा रहा है. भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने 15 मई, 2017 को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सदस्य सचिव, पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव तथा राजद विधायक अबु दोजाना को निर्देश दिया है कि तत्काल इस निर्माण कार्य को रोक दिया जाए.

भाजपा नेता ने कहा कि सवाल है कि 115 कट्ठा जमीन पर 750 करोड़ का मॉल बनाने वाले तेजस्वी यादव ने पर्यावरण की अनुमति प्राप्त किए बिना कैसे निर्माण प्रारम्भ कर दिया. तेज प्रताप यादव ने वन विभाग के मंत्री के नाते इस अवैध निर्माण को रूकवा कर क्यो एफआइआर दर्ज नहीं कराया गया. क्या मुख्यमंत्री का यह दायित्व नहीं बनता था कि वह हस्तक्षेप कर इस अवैध निर्माण को रूकवाते.

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भाजपा नेता ने कहा कि मिट्टी खनन के लिए भी अलग से अनुमति लेने पड़ती है जिसे बिना लिए मिट्टी खनन किया गया है. इस नियम के उल्लघंन के तहत सारी मिट्टी को जब्त कर एफआइआर दर्ज किया जाना चाहिए. तेजस्वी यादव को यह भी सार्वजनिक करना चाहिए कि इस 750 करोड़ के मॉल का नक्शा किस नगर निकाय ने कब पास किया और किसने पास किया.

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