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220 कर्मी, सफाई तीन शिफ्ट, फिर भी पटना जंकशन को मिला 28वां स्थान

सफाई में पीछे. सामान्य रूप से नहीं होती एक से दस नंबर प्लेटफॉर्म तक सफाई, कचरा रिसाइक्लिंग की व्यवस्था भी नहीं पटना : पटना जंकशन का बाहरी परिसर, प्लेटफॉर्म और रेलवे ट्रैक हमेशा चकाचक रहे, इसको लेकर दानापुर रेल मंडल प्रशासन ने निजी एजेंसी को सफाई की जिम्मेवारी दी है. निजी एजेंसी से किये गये […]

सफाई में पीछे. सामान्य रूप से नहीं होती एक से दस नंबर प्लेटफॉर्म तक सफाई, कचरा रिसाइक्लिंग की व्यवस्था भी नहीं
पटना : पटना जंकशन का बाहरी परिसर, प्लेटफॉर्म और रेलवे ट्रैक हमेशा चकाचक रहे, इसको लेकर दानापुर रेल मंडल प्रशासन ने निजी एजेंसी को सफाई की जिम्मेवारी दी है. निजी एजेंसी से किये गये अनुबंध के अनुसार तीन शिफ्टों में मेकनाइज्ड व मैनुअल दोनों तरीकों से प्लेटफॉर्म की सफाई की जानी है. तीनों शिफ्ट के लिए 220 सफाई कर्मी तैनात हैं.
लेकिन, जंकशन की सफाई की हकीकत कुछ और ही है. जंकशन पर सफाई का फोकस सिर्फ एक व दस नंबर प्लेटफॉर्म तक ही सीमित है. प्लेटफॉर्म नंबर दो से लेकर नौ तक फर्श की सफाई हो या फिर रेलवे ट्रैक की सफाई की अनदेखी की जाती है. यही वजह है कि 75 ए वन श्रेणियों के स्टेशनों में पटना जंकशन को स्वच्छता में 28वां रैंक मिला है.
शौचालय की व्यवस्था ठीक नहीं : जंकशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक व दस पर शौचालय हैं, जिसकी रखरखाव की जिम्मेवारी निजी हाथों में है. इसके अलावा प्लेटफॉर्म पर यूरिनल की साफ-सफाई बेहतर नहीं है.
पेयजल की बेहतर व्यवस्था नहीं : पर्याप्त संख्या में पीने के पानी की व्यवस्था की है. प्लेटफॉर्म पर जगह-जगह सामान्य व शीतल पेयजल और आइआरसीटीसी के माध्यम से वाटर प्यूरिफायर लगाये गये हैं, लेकिन मेंटेनेंस का अभाव है. इस कारण अमूमन नलों के टब से लगातार पानी गिरता रहता है, जिससे प्लेटफॉर्म 24 घंटे गीला रहता है. साथ ही वाटर प्यूरिफायर काफी गंदा है, जिस कारण लाभ यात्री नहीं लेते हैं.
कचरा प्रबंधन आधा-अधूरा :
प्लेटफॉर्म की सफाई के साथ-साथ रेलवे ट्रैक की भी नियमित सफाई करनी है. प्लेटफॉर्म एक, दो व तीन तक नियमित सफाई होती है. इसके अलावा रेलवे ट्रैकों पर गंदगी फैली रहती है. इतना नहीं, दो नंबर प्लेटफॉर्म के बीच सीवरेज लाइन है, जो हमेशा गंदा दिखता है. वहीं, जंकशन से रोजाना सौ-डेढ़ सौ मीटरिक टन कचरा निकलता है, जिसकी रिसाइक्लिंग की व्यवस्था नहीं है.
एक साल में बेहतर हुई है सफाई, पिछले साल था 75वां स्थान
रेल मंत्री द्वारा बुधवार को जारी की गयी स्टेशनों की रैंकिंग में ए-वन श्रेणी के स्टेशनों में भले ही पटना जंकशन पिछड़ गया हो, लेकिन सुधार में पहले स्थान पर है. वर्ष 2016 में स्वच्छता रैकिंग में पटना जंकशन का स्थान 75वां था, जो अब 28वां हो गया है. इंप्रूवमेंट रैंकिंग में जंकशन को प्लस 66 अंक मिला है. वहीं, प्लस 55 अंक लाकर दूसरे स्थान पर गुवाहाटी है. इस तरह देखा जाये, तो पहले की तुलना में रैंकिंग में काफी सुधार आया है.
इन बिंदुओं पर किया गया सर्वे
ट्रेनों की आवागमन की उद्घोषणा की व्यवस्था, प्लेटफॉर्म की फर्श, शौचालय में पानी की व्यवस्था, पीने के पानी की व्यवस्था, नल से प्लेटफॉर्म गीला हो रहा है या नहीं, प्रवेश द्वार, पार्किंग व्यवस्था, गंदगी फैलाने वाले यात्रियों पर कार्रवाई,
यात्रियों का फीडबैक.
जंकशन की सफाई एक नजर में
सफाई कर्मी की संख्या : 220
कितने शिफ्ट में सफाई : तीन
सफाई पर वार्षिक खर्च : 2,99,50,476 रुपये
प्लेटफॉर्म की सफाई : दो बार मेकनाइज्ड व तीन बार मैनुअल
रेलवे ट्रैक की सफाई : दो बार मेकनाइज्ड व दो बार मैनुअल
फुटओवर ब्रिज : दो बार मेकनाइज्ड व तीन बार मैनुअल
पटना जंकशन को मिले अंक
ऑडिट प्रक्रिया 230.2
प्रत्यक्ष अवलोकन 211.6
यात्री फीडबैक 277.2
पिछले वर्ष की तुलना में बेहतर सफाई की गयी है. रैंकिंग में भी ग्रोथ है. सर्वे रिपोर्ट आयी है. इसमें दिखाई गयी कमियों को दूर किया जायेगा, ताकि जंकशन पर आने वाले यात्रियों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो.
अरविंद कुमार रजक, सीपीआरओ, पूमरे

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