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गरीबों व स्लम में रहने वालों को सरकार देगी किफायती आवास

पटना : राज्य के स्लम में रहने वालों और गरीब वर्ग के लोगों को किफायती आवास मुहैया कराने के लिए ‘किफायती आवास और मलिन बस्ती (स्लम) पुनर्वास एवं पुनर्विकास आवास नीति, 2017’ को राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गयी. राज्य में अत्यंत कमजोर वर्ग और न्यूनतम आय वर्ग के करीब एक करोड़ 87 […]

पटना : राज्य के स्लम में रहने वालों और गरीब वर्ग के लोगों को किफायती आवास मुहैया कराने के लिए ‘किफायती आवास और मलिन बस्ती (स्लम) पुनर्वास एवं पुनर्विकास आवास नीति, 2017’ को राज्य कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गयी. राज्य में अत्यंत कमजोर वर्ग और न्यूनतम आय वर्ग के करीब एक करोड़ 87 लाख लोगों के पास आवास नहीं है.
इन्हें आवास मुहैया कराने के लिए बिहार राज्य आवास बोर्ड के स्तर पर या किसी निजी बिल्डर के माध्यम से तैयार होने वाले फ्लैट या भूखंड पर आवास बनाने के लिए दो तरह के मॉडल तैयार किये गये हैं. इन दोनों मॉडलों की मंजूरी कैबिनेट से दी गयी है.
अब बिहार राज्य आवास बोर्ड की जमीन पर इसी मॉडल के तहत आवास मुहैया कराये जायेंगे. सरकारी या प्राइवेट बिल्डर चार हजार वर्ग मीटर से ज्यादा बड़े भूखंड पर जितने भी फ्लैट बनायेंगे, उसमें 50 फीसदी फ्लैट एलआइजी एवं इडब्ल्यूएस वालों के लिए आरक्षित रखना होगा. इस वर्ग के लोगों को तैयार हुए कुल फ्लैटों में आधे फ्लैट देना अनिवार्य होगा. अगर कोई निजी बिल्डर पूरी तरह से फ्लैटों का निर्माण करायेगा, तो उसे कुल क्षेत्रफल का 15 फीसदी फ्लैट इन दोनों वर्गों के लिए आरक्षित करना होगा.
इस 15 फीसदी आरक्षित फ्लैटों में भी 50 फीसदी फ्लैट सिर्फ इडब्ल्यूएस वालों को देना अनिवार्य होगा. इसी तरह अगर आवासीय भूखंड पर आवास तैयार करने की कोई योजना होती है, तो इसमें कुल भूखंड का 10 फीसदी हिस्सा इन दोनों वर्ग के लोगों को देना अनिवार्य होगा.
10 चार हजार वर्ग मीटर से कम वाले भूखंड – चार हजार वर्ग मीटर से कम वाले भूखंड पर जो आवासीय परिसर या अपार्टमेंट तैयार किये जायेंगे, उसमें कुल फ्लैटों की संख्या का 10 फीसदी फ्लैट एलआइजी एवं इडब्ल्यूएस वाले लोगों के लिए आरक्षित रखे जायेंगे. नगर निगम क्षेत्र में इस तरह के जो अपार्टमेंट तैयार होंगे, उनकी बिक्री का रेट 750 रुपये वर्ग फीट होगा. जबकि, नगर पंचायत में पड़ने वाले अपार्टमेंट की बिक्री का रेट एलआइजी एवं इडब्ल्यूएस के लिए 250 रुपये प्रति वर्ग फीट होगा.
कैबिनेट के अन्य बड़े फैसले
पंचायत राज संस्थान एवं नगर निकाय संस्थान के अंतर्गत नियोजित शिक्षकों और पुस्तकालयाध्यक्षों को पुनरीक्षित वेतन देने को मिली मंजूरी.
आरा, गया, मुजफ्फरपुर, सहरसा व बिहार शरीफ के लिए मास्टर प्लान तैयार करने का रास्ता साफ पुलिस महकमा में अनुकंपा बहाली के नियम को आसान करने के लिए बिहार पुलिस मैन्यूअल में किया गया संशोधन. अब समूह ग एवं घ के पदों पर अनुकंपा के आधार पर बहाली के लिए अब एसपी की अध्यक्षता की समिति बनायी गयी है, जो इसके लिए अनुशंसा करेगी.
दो जिलों में निजी विवि स्थापित करने की अनुमति मिली. मधुबनी में संदीप विवि व नालंदा केके विवि स्थापित की जायेगी.पटना में स्थित बिहार संग्रहालय परियोजना में विभिन्न पहलुओं पर खर्च होने वाले कुल 517.34 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गयी.
– अब राज्य सरकार के विभाग केंद्र सरकार की तैयार इ-मार्केट प्लेस नामक वेब पोर्टल से सीधे सरकारी रेट पर 50 हजार तक का कोई सामान मंगवा सकते हैं. इसके लिए किसी तरह की टेंडर करने की कोई जरूरत नहीं होगी. यह ऐप अमेजन जैसी शॉपिंग साइट की तरह काम करेगा.

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