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नाला रोड में पेट्रोल पंप पर पेट्रोल देते समय मशीन में विस्फोट, लगी आग
घटना. आग पेट्रोल की अंडरग्राउंड टंकी तक पहुंच जाती तो होता काफी जान-माल का नुकसान पटना : कदमकुआं थाने के नाला रोड स्थित पेट्रोल पंप राजेंद्र नगर सर्विस स्टेशन में गुरुवार को पेट्रोल देने के क्रम में शॉर्ट सर्किट से विस्फोट हुआ, जिससे आग लग गयी. अचानक हुई इस घटना के बाद पेट्रोल पंप पर […]
घटना. आग पेट्रोल की अंडरग्राउंड टंकी तक पहुंच जाती तो होता काफी जान-माल का नुकसान
पटना : कदमकुआं थाने के नाला रोड स्थित पेट्रोल पंप राजेंद्र नगर सर्विस स्टेशन में गुरुवार को पेट्रोल देने के क्रम में शॉर्ट सर्किट से विस्फोट हुआ, जिससे आग लग गयी. अचानक हुई इस घटना के बाद पेट्रोल पंप पर भगदड़ की स्थिति हो गयी.
जो लोग पेट्रोल भरवा रहे थे, वे अपनी-अपनी बाइक व कार वहीं छोड़ कर पैदल ही बाहर की ओर भागे. हालांकि, वहां के कर्मचारी रमानी साव, अरविंद कुमार, शंकर कुमार, अशरफी लाल, विपिन कुमार, अरविंद पासवान व शैलेश कुमार ने हिम्मत व बहादुरी का परिचय दिया. भागने के बजाय सभी उपकरणों से आग बुझाने में जुट गये. पेट्रोल पंप पर 13 फायर उपकरण थे और सभी फोम वाले थे. सभी कर्मचारियों ने एक साथ फोम की बौछार की और दो मिनट के अंदर ही आग पर काबू पा लिया. लेकिन, लोगों को यह डर बना हुआ था कि अब भी कहीं अंदर आग तो नहीं है. इसलिए फिर से फोम की बौछार किया गया और मशीन खोली गयी. गनीमत है कि कर्मचारियों की बहादूरी के कारण एक बड़ा हादसा होने से टल गया.इस घटना में पेट्रोलपंप कर्मचारी अरविंद व शंकर को हल्की चोट लगी.
टल गया बड़ा हादसा : अगर आग या उसकी गरमी पेट्रोल पंप की अंडरग्राउंड टंकी में पहुंच जाती, तो आधा किलोमीटर का इलाका इससे प्रभावित हो जाता. इससे काफी जान-माल का नुकसान भी हो सकता था. कर्मचारी अगर थोड़ी भी देर करते, तो बड़ी घटना होने से नहीं रोका जा सकता था. क्योंकि, अंडरग्राउंड पेट्रोल टंकी में करीब 80 हजार लीटर पेट्रोल होता है. पेट्रोल पंप संचालक संजय कुुमार ने बताया कि शॉर्ट सर्किट के कारण मशीन में आग लगी थी, लेकिन उसे बुझा लिया गया. पेट्रोल टंकी तक आग पहुंचने की बात नहीं है, क्योंकि बीच में एक मोटर होता है और उसकी मदद से ही पेट्रोल ऊपर की ओर आता है और फिर नोजल से बाइक या कार में दी जाती है. पेट्रोल पंप मैनेजर अनूप राय ने बताया कि उनकी ड्यूटी नौ बजे से थी. वह वहां मौजूद नहीं थे. कर्मचारियों को हर छह माह पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन द्वारा आग से बचाव व उससे निबटने को लेकर प्रशिक्षण दिया जाता है.
मच गयी थी अफरातफरी : घटना सुबह आठ बज कर 40 मिनट पर हुई. उस समय अधिकतर दुकानें बंद थीं और आसपास के एक-दो होटल ही खुले थे. हालांकि, पेट्रोल पंप के अगल-बगल व पीछे में रेसिडेंशियल मकान है और सड़क पर वाहनों का काफी दबाव था. घटना के बाद पेट्रोल पंप पर जब अफरातफरी का माहौल कायम हुआ तो रेसिडेंशियल इलाके के लोगों को भी जानकारी हुई. वे भी अपने-अपने घरों से बाहर निकल आये. उक्त इलाके में घनी आबादी है. जिन्होंने अपनी बाइक या कार वहां छोड़ी थी, वे आग पूरी तरह बुझने के बाद ही उसे लेने के लिए गये. नाला रोड में यातायात प्रभावित हो गया.
पेट्रोल पंप फिलहाल बंद, एसडीओ जांच कर देंगे रिपोर्ट : घटना के बाद पेट्रोल पंप दिन भर बंद रहा. कदमकुआं थानाध्यक्ष गुलाम सरवर ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच एसडीओ करेंगे और उनकी रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जायेगी. फिलहाल पेट्रोल पंप को बंद कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि वहां जो भी कर्मचारी थे और वे जिस तरह से काम कर रहे थे, उससे स्पष्ट है कि वे सभी प्रशिक्षित थे. उन लोगों ने ही आग पर काबू पाया. वहीं, अगलगी की घटना के बाद पटना सदर एसडीओ आलोक कुमार ने नाला रोड पेट्रोल पंप को सील करा दिया है. उन्होंने बताया कि दुर्घटना के बाद सेफ्टी मेजर्स को ध्यान में रखते हुए पेट्रोल पंप बंद रखने का आदेश दिया गया है. सेफ्टी सर्टिफिकेट दिखाने के बाद ही पंप खोलने की अनुमति मिलेगी.
क्या कहा पेट्रोल पंप कर्मियों ने : पेट्रोल पंप कर्मी अरविंद कुमार, रमानी साव, शंकर कुमार ने बताया कि वे पेट्रोल दे रहे थे और उसी समय अंदर से विस्फोट हुआ और आग लग गयी. इस कारण अरविंद पर भी पेट्रोल के छींटे पड़े और चोट भी लगी. शंकर को भी हाथ में चोट लगी है. अरविंद ने बताया कि सभी कर्मचारियों ने मिल कर आग को बुझा लिया. आग बुझाने के पूर्व बिजली काट दी गयी थी.
वैसे तो तेल कंपनियों के नियम बहुत सख्त हैं, लेकिन पटना के अधिकतर पेट्रोल पंप संचालक कंपनी के नियमों का पालन नहीं करते हैं. नियम के अनुसार हर पेट्राेल पंप पर आग बुझाने के लिए पानी और रेत से भरी बाल्टी का होना अनिवार्य है. एंटी फायर स्ट्रिंग्यूशन मशीन टंगी रहती है, जिसमें एक विशेष प्रकार का पाउडर होता है. इसे पेट्रोल या डीजल से लगी आग बुझाने में प्रयोग किया जाता है. वहीं, सीओटू गैस सिलेंडर रखा जाता है, जो इलेक्ट्रॉनिक सामानों में लगी आग को बुझाने में प्रयोग किया जाता है.लेकिन पेट्रोल पंप पर इन चीजों की उपलब्धता की समय-समय पर जांच नहीं होती.
इन बातों का रखें ख्याल : पेट्रोल पंप में लगी मशीन से छह मीटर तक मोबाइल का प्रयोग प्रतिबंधित है. मगर इसका प्रयोग बिना-रोकटोक चल रहा है. तेल लेने वक्त मोबाइल का प्रयोग नहीं करना है. पेटीएम का भी प्रयोग नोजल के पास नहीं करना है. लेकिन इसका प्रयोग खुलेआम हो रहा है.
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