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बिहार की होगी श्रम नीति, श्रमिकों को मिलेगा संरक्षण

दीपक कुमार मिश्रा पटना : बिहार भी जल्द उन राज्यों में शामिल हो जायेगा जिसकी अपनी श्रम नीति होगी. केरल, महाराष्ट्र जैसे कुछ चंद ऐसे राज्य हैं जिनकी श्रम नीति है. श्रम नीति से श्रमिकों को संरक्षण मिलेगा व उनके हितों की रक्षा होगी. श्रम संसाधन विभाग श्रम नीति बनाने में जुट गया है. इसके […]

दीपक कुमार मिश्रा
पटना : बिहार भी जल्द उन राज्यों में शामिल हो जायेगा जिसकी अपनी श्रम नीति होगी. केरल, महाराष्ट्र जैसे कुछ चंद ऐसे राज्य हैं जिनकी श्रम नीति है. श्रम नीति से श्रमिकों को संरक्षण मिलेगा व उनके हितों की रक्षा होगी. श्रम संसाधन विभाग श्रम नीति बनाने में जुट गया है.
इसके पहले विभाग ने राज्य की कौशल नीति को बनाया था. श्रम नीति का सबसे अधिक लाभ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को होगा. नीति का जब ड्राफ्ट तैयार हो जायेगा तब इसे चर्चा के लिए लोगों, श्रमिक संगठनों व विभिन्न सरकारी विभागों के बीच रखा जायेगा. विभागीय सूत्र बताते हैं कि राज्य में कुल कितने श्रमिक हैं, इसका कोई सही-सही आकलन तो नहीं है लेकिन यह संख्या करोड़ों में है
इनके हितों की रक्षा के लिए कोई समग्र और व्यापक नीति राज्य में नहीं है. श्रम नीति के अभाव में खासकर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के हितों की पूरी तरह से रक्षा नहीं हो पाती है. श्रमिकों के हितों की सुरक्षा कैसे हो इसकी जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी.
इसी को लेकर विभाग श्रम नीति बना रहा है.
श्रम नीति से श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी
श्रम नीति की जरूरत महसूस की जा रही थी. श्रम नीतिसे श्रमिकों के हितों की रक्षा होगी. विभाग इसको तैयार कर रहा है.
दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव, श्रम संसाधन विभाग
राज्य के श्रमिकों के हितों की होगी पूरी सुरक्षा
श्रम नीति में श्रमिकों के हितों का पूरा ख्याल रखा जायेगा. नीति को कई सेक्शन में बांटा जायेगा. श्रम नीति में औद्योगिक संबंधों में खास ख्याल रखा जायेगा. श्रमिकों का नियोजकों के साथ कैसे मधुर संबंध रहे. श्रमिकों के अधिकार कैसे नियोजक दें, इसको श्रमिक नीति में रखा जा रहा है.
इसके अलावा न्यूनतम मजदूरी का कैसे निर्धारण हो इसकी चर्चा नीति में होगी. कार्यस्थल पर मजदूरों को न्यूनतम मूलभूत सुविधा मिले, श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा मिले इसका भी ध्यान श्रमिक नीति में रखा जायेगा. संगठित और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को बेहतर वातावरण कैसे मिले यह भी श्रम नीति में शामिल होगा.
इसके अलावा श्रम क्षेत्र में शोध, सर्वे आदि किस तरह से हो इसका भी ध्यान श्रम नीति में होगा. इसके अलावा समय के अनुसार श्रम कानूनों में किया और कैसे परिवर्तन किया जाये इसकी भी चर्चा होगी. श्रम नीति बना रहे एक अधिकारी ने बताया कि यह एक तरह से विभाग का गाइड लाइन होगा.
श्रमिकों के साथ-साथ श्रम विभाग के अधिकारियों के क्षमता विकास और प्रबंधन को भी श्रम नीति में शामिल किया गया जायेगा. इसके अलावा सरकार, गैर सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र में करनेवाले लोगों को पुरस्कृत करने को भी श्रम नीति में शामिल किया जायेगा. असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पीएफ का लाभ कैसे मिले इसे भी श्रम नीति में शामिल किया जायेगा. श्रम कानूनों को लेकर किस विभाग का किया अधिकार और दायित्व है, इसे भी श्रम नीति में शामिल किया जायेगा.

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