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MLA अनंत सिंह दो साल बाद जेल से बाहर निकले, बिना ताम-झाम के पहुंचे अपने आवास
पटना : एक दर्जन से अधिक केसों में जमानत याचिका मंजूर होने के बाद शनिवार को तीन बजे विधायक अनंत सिंह बेऊर जेल से बाहर आ गये. यहां उनके समर्थकों ने स्वागत किया. गाड़ियों का काफिला नहीं था. सिर्फ तीन गाड़ियां थीं, जिसमें वे तुरंत बैठे और निकल गये. इस दौरान समर्थकों ने न तो […]
पटना : एक दर्जन से अधिक केसों में जमानत याचिका मंजूर होने के बाद शनिवार को तीन बजे विधायक अनंत सिंह बेऊर जेल से बाहर आ गये. यहां उनके समर्थकों ने स्वागत किया. गाड़ियों का काफिला नहीं था.
सिर्फ तीन गाड़ियां थीं, जिसमें वे तुरंत बैठे और निकल गये. इस दौरान समर्थकों ने न तो नारेबाजी की और न शोर मचाया. बिना तामझाम के वे सकुर्लर रोड स्थित सरकारी आवास पर पहुंचे और फिर दस मिनट रुकने के बाद तुरंतअपने विधानसभा क्षेत्र मोकामा के लिए निकल गये.
बेऊर जेल अधीक्षक रूपक कुमार ने बताया कि गया कोर्ट से कागजात आते ही जेल से दिन में तीन बजे अनंत सिंह को रिहा कर दिया गया.
जेल के अंदर से ही जीता निर्दलीय विधानसभा चुनाव : अनंत सिंह ने जेल के अंदर से ही मोकामा विधानसभा का चुनाव लड़ा था और विजयी घोषित हुए थे. चुनाव नवंबर, 2015 में हुए और वे जून में ही जेल भेज दिये गये थे.
24 जून, 2015 को किया गया था गिरफ्तार : अनंत सिंह को 24 जून, 2015 को पटना स्थित सरकारी आवास से गिरफ्तार किया गया था. उनके ऊपर दर्ज हर मामले में जमानत हो गयी थी और सरकार की ओर से सीसीए का प्रस्ताव लाया गया था, सुप्रीम कोर्ट ने सीसीए के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके बाद अचानक ही तत्कालीन मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को धमकाने के मामले में प्रोडक्शन वारंट पहुंच गया. जिसके कारण रिहाई टल गयी. शुक्रवार को उक्त मामले में भी उन्हें गया कोर्ट से जमानत मिल गयी.
बाढ़ बाजार से 17 जून की शाम चार युवकों का अपहरण अनंत सिंह के खास प्रताप सिंह ने कर लिया था और चारों की बेरहमी से पिटाई की गयी थी. तीन युवक तो घर लौट गये थे, लेकिन एक युवक रौशन का शव अगले दिन मिला था. उस समय एसएसपी जितेंद्र राणा ने कुछ अपराधियों को पकड़ा था.
इसी बीच उनका ट्रांसफर हो गया. नये एसएसपी विकास वैभव के नेतृत्व में पुलिस टीम 24 जून को अनंत सिंह के सरकारी आवास पर पहुंची, जहां से खून से सने कपड़े व इंसास हथियार के कारतूस बरामद किये गये थे. इसके पूर्व उन पर ठेकेदार राजीव रंजन सिंह से करोड़ों की रंगदारी, अगवा करने का भी मामला था. पुलिस ने बिहटा में दर्ज ठेकेदार के अगवा करने के मामले में अनंत सिंह को जेल भेज दिया.
इसके बाद कई हत्याकांड के मामले अनंत सिंह पर चले. जेल के अंदर रहने के दौरान भी अनंत सिंह चर्चित हुए और पीएमसीएच के कैदी वार्ड में इलाज करा रहे राजीव रंजन सिंह ने अनंत सिंह पर जेल के अंदर से धमकी देने का भी पीरबहोर थाने में मामला दर्ज करा दिया था. राजीव रंजन सिंह को अगवा करने के मामले में बिहटा थाने में 2014 के नवंबर माह में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. ये सभी मामले 2014 व 2015 के थे. लेकिन इसके पूर्व उन पर बेऊर थाने में अपहरण व हत्या, कोतवाली में ठेकेदार की हत्या के भी मामले दर्ज थे.
बाढ़ : शनिवार को चार बजे मोकामा विधायक अनंत सिंह 22 माह न्यायिक हिरासत में रहने के बाद रिहा होने पर अपने पैतृक गांव बाढ़ के नदावां पहुंचे. जहां पर उन्होंने अपनी पत्नी नीलम देवी के साथ मां ब्राहमणी स्थान में जाकर करीब आधा घंटे तक पूजा- अर्चना की. पूजा समाप्ति के बाद अनंत सिंह बड़हिया स्थित मां जगदंबा स्थान के लिए रवाना हो गये. इस दौरान विधायक के कार्यकर्ता गजानंद पांडेय, राम सागर प्रसाद, कार्तिकेय मास्टर, लल्लु मुखिया, अजय तिवारी आदि मौजूद थे.
पटना. रिहा होने के बाद अनंत सिंह ने राजनैतिक टिप्पणी पर कोई जवाब नहीं दिया और वे यह कह कर टाल गये कि उन्हें जानकारी नहीं है, क्योंकि वे तो जेल में थे. महागंठबंधन को लेकर कुछ मीडियाकर्मियों ने सवाल किया था. उन्होंने केवल इतना कहा कि उन्हें न्यायालय पर भरोसा था और फैसले का सम्मान करता हूं. मुझे उम्मीद थी कि न्याय मिलेगा और वह मिला. वह अब जनता की सेवा करेंगे.
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