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अब कुछ ऐसा होगा, बिहार के निजी स्कूलों का फीस स्ट्रक्चर

पटना : राज्य के निजी स्कूलों और निजी शिक्षण संस्थान के फीस स्ट्रक्चर को ठीक करने और उनकी मनमानी को रोकने के लिए राज्य सरकार दूसरे राज्यों में लगने वाले फीस स्ट्रक्चर का आकलन करेगी. बिहार सरकार गुजरात, चंडीगढ़, दिल्ली, तमिलनाडु अपनी टीम भेजेगी और वहां निजी स्कूलों व संस्थानों में लगने वाले फीस व […]

पटना : राज्य के निजी स्कूलों और निजी शिक्षण संस्थान के फीस स्ट्रक्चर को ठीक करने और उनकी मनमानी को रोकने के लिए राज्य सरकार दूसरे राज्यों में लगने वाले फीस स्ट्रक्चर का आकलन करेगी. बिहार सरकार गुजरात, चंडीगढ़, दिल्ली, तमिलनाडु अपनी टीम भेजेगी और वहां निजी स्कूलों व संस्थानों में लगने वाले फीस व उसको लेकर तैयार किये गये एक्ट का अध्ययन किया जायेगा. इसका निर्णय निजी स्कूलों पर नकेल कसने के लिए शिक्षा विभाग में गठित कमेटी ने लिया है.
विभाग के अपर सचिव के. सेंथिल कुमार की अध्यक्षता में कमेटी की पहली बैठक में जिन-जिन राज्यों में इसको लेकर एक्ट बना है वहां से इसका प्रारूप लाया जायेगा. इसके लिए अधिकारियों का एक दल राज्यों में जायेगा और संबंधित विभागों से किस आधार पर एक्ट तैयार किया गया और किन-किन बातों पर ध्यान रखा गया उसकी विस्तार से जानकारी लेकर आयेगा. शिक्षा विभाग यह भी देखेगा कि हर साल दूसरे राज्यों में निजी
स्कूल व संस्थान किस-किन मद में राशि लेते हैं, सालाना कितनी वृद्धि होती है, कैसे वृद्धि होती है उसकी पूरी जानकारी लेकर आयेंगे. ऐसे सभी राज्यों की रिपोर्ट को शिक्षा विभाग अध्ययन कर समीक्षा करेगी और बिहार के निजी स्कूलों व निजी संस्थानों के लिए एक्ट का निर्धारण किया जायेगा. साथ ही एक फीस स्ट्रक्चर भी बनायी जायेगी, ताकि स्कूलों में अलग-अलग फीस नहीं ली जा सके और अभिभावकों को दोहन रुक सके.
शिक्षा विभाग यह पूरी कवायद पटना हाइकोर्ट के निर्देश के बाद कर रहा है. विभाग को अगले महीने कोर्ट में इस मामले पर जवाब देना है. बैठक में माध्यमिक शिक्षा निदेशक, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, बीइपी के कार्यक्रम पदाधिकारी राजीव रंजन, माध्यमिक शिक्षा के अजीत कुमार, प्राथमिक शिक्षा की पुष्पा झा व सहायक निदेशक अमित कुमार मौजूद थे.

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