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सरकारी भवनों के रख-रखाव को लेकर बनेगी पॉलिसी
ठेकेदार व एजेंसियों काे पांच साल तक सरकारी भवनों का करना होगा रख-रखाव प्रस्ताव को पारित कराने के लिए कैबिनेट को भेजा जा रहा है पटना : राज्य में सड़कों के मेंटेनेंस की तरह सरकारी भवनों का भी रख-रखाव होगा. सरकारी भवनों के रख-रखाव को लेकर नयी मेंटेनेंस पॉलिसी बनेगी. सड़कों के मेंटेनेंस के लिए […]
ठेकेदार व एजेंसियों काे पांच साल तक सरकारी भवनों का करना होगा रख-रखाव
प्रस्ताव को पारित कराने के लिए कैबिनेट को भेजा जा रहा है
पटना : राज्य में सड़कों के मेंटेनेंस की तरह सरकारी भवनों का भी रख-रखाव होगा. सरकारी भवनों के रख-रखाव को लेकर नयी मेंटेनेंस पॉलिसी बनेगी. सड़कों के मेंटेनेंस के लिए बनी ओपीआरएमसी नीति की तरह भवन निर्माण विभाग आउटपुट एंड परफॉरमेंस बेस्ड बिल्डिंग एसेट्स मेंटेनेंस कांट्रैक्ट (ओपीबीएमसी) नीति बना रही है.
इसके तहत भवन का निर्माण करनेवाली कंपनी द्वारा भवनों का रख-रखाव किया जायेगा. पांच साल में भवनों में क्षतिग्रस्त हिस्से को मरम्मत करने का काम उक्त कंपनी करेगी. मेंटेनेंस पॉलिसी को पारित कराने हेतु प्रस्ताव को कैबिनेट भेजा जा रहा है. सरकारी भवनों के निर्माण के बाद उसके रख-रखाव को लेकर कोई नीति नहीं है. भवनों का निर्माण होने के बाद उसका मेंटेनेंस नहीं होने से कई साल बाद भवन क्षतिग्रस्त हो जाता है. क्षतिग्रस्त भवनों को ठीक करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर उसकी मरम्मत की जाती है. इससे भवनों की अनदेखी होती है. अब ऐसा नहीं हो इसके लिए कवायद की जा रही है.
सड़कों के मेंटेनेंस को लेकर ओपीआरएमसी नीति
राज्य में सड़कों के मेंटेनेंस को लेकर आउटपुट एंड परफॉरमेंस बेस्ड रोडएसेट्स मेंटेनेंस कांट्रैक्ट(ओपीआरएमसी ) नीति लागू है. बिहार पथ आस्तियां अनुरक्षण नीति 2013 के अधीन ओपीआरएमसी नीति लागू हुई. नीती के तहत सड़कों का निर्माण करने के बाद उसके मेंटेनेंस की जिम्मेवारी कांट्रैक्टर को दी जाती है. एक कांट्रैक्टर पांच साल तक उस सड़क का मेंटेनेंस करता है.
मेंटेनेंस के साथ-साथ रोड सेफ्टी, रोड साइन, रोड कट, पुल पर सुरक्षा संबंधी काम, शहरी क्षेत्राें में फुटपाथ में ड्रेनेज होल के टूटने पर मरम्मत सहित अन्य काम शामिल है. इस काम को लेकर लापरवाही नहीं बरती जायेगी. मेंटेनेंस के लिए कांट्रैक्टर को कुल भुगतान होनेवाली राशि का दस फीसदी राशि विभाग रखती है.
मेंटनेंस पॉलिसी बनाने को लेकर भवन निर्माण विभाग ने प्रारूप तैयार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया. कमेटी में अधीक्षण अभियंता वरुण कुमार सिंह को अध्यक्ष बनाया गया.
इसके अलावा कार्यपालक अभियंता तारिणी दास, रविंद्रनाथ प्रसाद व मदन मोहन चौधरी व सहायक अभियंता अनिल कुमार सदस्य बनाये गये. कमेटी में सदस्य सचिव जितेंद्र कुमार शामिल हैं. कमेटी द्वारा सड़कों के दीर्घकालीन रख-रखाव की व्यवस्था के लिए ओपीआरएमसी का अध्ययन किया गया. कमेटी ने विभिन्न स्टेकहोल्डरों से कार्यशाला के माध्यम से संपर्क करने का काम किया. जानकारों के अनुसार सरकारी भवनों के रख-रखाव के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी की आवश्यकता महसूस की गयी. विभाग ने संबंधित भवन अंचल में पदस्थापित अभियंताओं से सुझाव भी प्राप्त किया. विभागीय सूत्र ने बताया कि रख-रखाव की नीति को लेकर तैयार प्रारूप की स्वीकृति को लेकर कैबिनेट भेजा जायेगा.
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