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चैंबर ऑफ कॉमर्स से आये प्रतिनिधि बने महापौर

अमिताभ श्रीवास्तव पटना सिटी : पटना नगर निगम में वार्ड संख्या 30 का 1977 से लेकर 2002 अर्थात 25 वर्षों तक प्रतिनिधित्व करनेवाले पूर्व पार्षद जगदीश प्रसाद कहते हैं कि अतीत इतना समृद्ध था कि संगठन से चुन कर आये प्रतिनिधि को भी महापौर का दायित्व मिलता था. स्मृतियों में खो पूर्व पार्षद बतातें है […]

अमिताभ श्रीवास्तव
पटना सिटी : पटना नगर निगम में वार्ड संख्या 30 का 1977 से लेकर 2002 अर्थात 25 वर्षों तक प्रतिनिधित्व करनेवाले पूर्व पार्षद जगदीश प्रसाद कहते हैं कि अतीत इतना समृद्ध था कि संगठन से चुन कर आये प्रतिनिधि को भी महापौर का दायित्व मिलता था. स्मृतियों में खो पूर्व पार्षद बतातें है कि पहले तीन संगठन से प्रतिनिधि आते थे. इसमें चैंबर ऑफ कॉमर्स, श्रमिकों के ट्रेड यूनियन व स्नातक वर्ग से एक-एक प्रतिनिधि आते थे. चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि के तौर पर ही केएन सहाय को लंबे समय तक पटना के महापौर होने का सौभाग्य मिला. इससे पहले पटना सिटी से जीते चंद्र मोहन प्रसाद महापौर बने थे.
इसके एक साल के बाद केएन सहाय बनाये गये. पूर्व पार्षद के अनुसार बाद में फिर जमुना प्रसाद व मधुसुदन यादव महापौर बने. निगम पार्षदों व जन प्रतिनिधियों की बैठक मछुआ टोली स्थित बांकीपुर अंचल में होती थी. बैठक के लिए हाॅल बना था, जिसमें पार्षद बैठक करते थे. पूर्व पार्षद भी मानते हैं कि उस समय का माहौल अनुशासनिक था. महापौर व मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी में कभी खींचतान नहीं होती थी.अधिकारी महापौर व पार्षद की बात सुन त्वरित कार्य कराते थे. वर्तमान व्यवस्था में तमाशबीन बने पूर्व पार्षद बताते है कि हद तो यह है निगम संविधान के तहत पार्षदों को क्या अधिकार व कर्तव्य है.
इस बात की भी जानकारी अधिकांश पार्षदों को नहीं होगी. बैठक से पहले एक्ट की पुस्तक पार्षदों को मिलती थी ताकि निगम व स्थायी समिति की बैठक में पार्षद तैयारियों के साथ जाये. महापौर के सानिध्य में वार्ड में काम करने का मौका मिला था. छोटी-छोटी अनुशंसा को अधिकारी त्वरित गति से कार्रवाई करते हुए धरातल पर उतार देते थे. अब वह समय नहीं है. मौजूदा स्थिति यह है कि महापौर की बात तो अधिकारी सुनते नहीं, पार्षदों क्या सुनेंगे. वार्ड में रहते हुए भी वर्तमान व्यवस्था को देख सियासत में दूरी बनाये पूर्व पार्षद कहते है कि समृद्ध अतीत का वर्तमान खोखला है. ऐसे में बेहतर है चुप रहने की.

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