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50 और शिक्षकों का वेतन व इंक्रीमेंट रोका गया

पटना : मैट्रिक और इंटर के मूल्यांकन में शामिल नहीं होनेवाले 50 और शिक्षकों पर पटना डीइओ ने कार्रवाई की है. इन शिक्षकों के वेतन को रोक दिया गया है. इनके सर्विस को ब्रेक कर दिया गया है. साथ ही इन शिक्षकों के वेतन में इस बार कोई इंक्रीमेंट भी नहीं किया जायेगा. इसकी जानकारी […]

पटना : मैट्रिक और इंटर के मूल्यांकन में शामिल नहीं होनेवाले 50 और शिक्षकों पर पटना डीइओ ने कार्रवाई की है. इन शिक्षकों के वेतन को रोक दिया गया है. इनके सर्विस को ब्रेक कर दिया गया है. साथ ही इन शिक्षकों के वेतन में इस बार कोई इंक्रीमेंट भी नहीं किया जायेगा. इसकी जानकारी भी शिक्षकों की सूची के साथ डीइओ ने तमाम विद्यालयों को उपलब्ध करवा दी है. इंटर व मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन में लापरवाही बरतनेवाले नवादा, भोजपुर, सीतामढ़ी और मुजफ्फरपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को शिक्षा विभाग ने नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. उनका वेतन भी रोक दिया गया है.
शनिवार तक का दिया गया समय
पटना डीइओ से जिले भर के शिक्षकों को शनिवार तक का समय दिया गया है.शिक्षक अगर शनिवार तक मूल्यांकन में शामिल हो जाते हैं, तो उनके वेतन पर विचार किया जायेगा. डीइओ मेदो दास ने बताया कि अगर शिक्षक शनिवार तक योगदान देते हैं, तो ऐसे शिक्षकों के रुके वेतन को दिया जा सकता है.
54 शिक्षकों की बढ़ी संख्या
पटना जिले में शुक्रवार को मैट्रिक के मूल्यांकन में 54 शिक्षकों की बढ़ोतरी हुई है. अभी तक कुल आठ केंद्रों पर 1066 शिक्षक मूल्यांकन कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार को 54 और शिक्षकों ने योगदान दिया है. अब इनकी संख्या 1120 हो गयी है. इससे मूल्यांकन में तेजी आयी है. वहीं, इंटर में अभी 541 शिक्षक मूल्यांकन कार्य में शामिल है.
प्रधान परीक्षक को परीक्षक के रूप में भी होगा भुगतान
इंटर और मैट्रिक के मूल्यांकन में जो प्रधान परीक्षक उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करेंगे, उन्हें परीक्षक के रूप में भुगतान किया जायेगा. मूल्यांकन में तेजी आये, इसके लिए प्रधान परीक्षक को भी मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया है.
सीबीएसइ क्षेत्रीय कार्यालय को शिक्षक उपलब्ध करवाने को लिखा गया पत्र
इंटर और मैट्रिक का मूल्यांकन करने से केंद्रीय विद्यालय संगठन ने इनकार कर दिया है. केंद्रीय विद्यालय संगठन ने पटना जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र लिख कर इसकी सूचना दे दी है. पत्र के माध्यम से केवीएस के सहायक आयुक्त ने कहा कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की शिक्षण व्यवस्था से केवीएस के शिक्षक परिचित नहीं है. ऐसे में वे मूल्यांकन में शामिल होने में असमर्थ हैं. अब जिला शिक्षा कार्यालय से सीबीएसइ क्षेत्रीय कार्यालय को पत्र लिख कर शिक्षक उपलब्ध करवाने को कहा गया है.
हर स्कूल से मिलें विषयवार शिक्षक
डीइओ मेदो दास ने सीबीएसइ क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक को पत्र लिख कर विषयवार शिक्षक देने का अाग्रह किया है. पत्र में लिखा गया है कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रख कर समय पर मूल्यांकन होना जरूरी है. शिक्षकों के मूल्यांकन बहिष्कार के कारण समय पर रिजल्ट घोषित करना कठिन हो रहा है.
इंटर और मैट्रिक के मूल्यांकन में किसी तरह की गड़बड़ी न हो. परीक्षार्थियों को परीक्षक सही अंक दें. इसके लिए इस बार दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के उत्तर के लिए मॉडल आंसर उपलब्ध करवाया जा रहा है. इसमें दिये गये निर्देश के अनुसार ही अंक दिये जायेंगे. एक्सपर्ट शिक्षक नहीं होने से मूल्यांकन में आ रही दिक्कत काे देखते हुए बोर्ड ने यह फैसला लिया. अभी तक समिति वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के अांसर-की ही उपलब्ध करवाती रही है. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के माॅडल आंसर स्टेप वाइज तैयार किये गये हैं. शिक्षकों को कैसे अंक देने हैं, इसे भी बताया गया है. मॉडल अांसर को देख परीक्षकों को मूल्यांकन करना है.
मूल्यांकन केंद्रों पर सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. न ही लाइट और न ही दूसरी कोई सुविधा है. ऐसे में कोई भी शिक्षक ओवरटाइम करने को तैयार नहीं है. मूल्यांकन केंद्रों पर सुरक्षा का पूरा इंतजाम हो, उसके बाद ही रात में मूल्यांकन होगा. इसको लेकर मूल्यांकन केंद्राधीक्षकों ने पटना जिला शिक्षा कार्यालय को पत्र लिख कर सूचित किया है. पटना जिले में इंटर व मैट्रिक के मूल्यांकन के लिए 16 केंद्र बनाये गये हैं. इसमें से एक भी केंद्र पर ओवरटाइम मूल्यांकन का काम शुरू नहीं हो पाया है. पांच बजे के बाद मूल्यांकन केंद्र से शिक्षक जाने लगते हैं.
रात में महिलाएं रुकने को तैयार नहीं
महिला परीक्षक रात में मूल्यांकन करने को तैयार नहीं हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक शिक्षिका ने बताया कि आठ घंटे से अधिक समय मूल्यांकन पर देना मुश्किल है. रात में 10 बजे तक मूल्यांकन करेंगे, तो घर कैसे जायेंगे.
2.35 करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं में 10 लाख का मूल्यांकन
इंटर और मैट्रिक को मिला कर कुल दो करोड़ 35 लाख उत्तर पुस्तिकाएं हैं. केवल 10 लाख की ही जांच हो पायी है. जांच समय पर हो, इसके लिए हर दिन पांच से छह लाख उत्तर पुस्तिकाओं की जांच आवश्यक है. देश में बढ़ रही सामाजिक विषमता, आरक्षण समाप्त करने की हो रही साजिश : चौधरी

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