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इंटर-मैट्रिक की उत्तर पुस्तिकाओं की जांच में 17 अलग केटेगरी के संस्थानों के शिक्षकों से ली जा रही मदद
पटना : इंटर-मैट्रिक के मूल्यांकन में नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और मिडिल स्कूलों के शिक्षक शामिल हो रहे हैं. समय पर रिजल्ट घोषित हो, इसके लिए पूरी कोशिश की जा रही है. हर जिलों में अपने तरीके से मूल्यांकन को गति देने की कोशिश जिलाधिकारी के सहयोग से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कर रही है. […]
पटना : इंटर-मैट्रिक के मूल्यांकन में नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और मिडिल स्कूलों के शिक्षक शामिल हो रहे हैं. समय पर रिजल्ट घोषित हो, इसके लिए पूरी कोशिश की जा रही है. हर जिलों में अपने तरीके से मूल्यांकन को गति देने की कोशिश जिलाधिकारी के सहयोग से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति कर रही है.
मूल्यांकन में सरकारी के अलावे प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों की मदद ली जा रही है. इसको लेकर बिहार बोर्ड के अध्यक्ष ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग बुधवार को किया. तमाम जिलाधिकारी, डीइओ, डीपीओ के साथ आयोजित वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग में मूल्यांकन से संंबंधित सारी जानकारियां ली गयीं.
दो करोड़ 35 लाख में सात लाख उत्तर पुस्तिकाओं की हुई जांच : मूल्यांकन अभी काफी कम हुआ है. मैट्रिक के एक करोड़, 56 लाख और इंटर के 79 लाख उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करवायी जानी है. इसमें इंटर में पांच लाख और मैट्रिक में साढ़े चार लाख उत्तर पुस्तिकाओं की ही जांच अभी तक हो पायी है. कई जिलों के केंद्रों पर मूल्यांकन का काम अभी शुरू भी नहीं हो पाया है.
लेकिन, अब शिक्षकों ने योगदान देना शुरू कर दिया है. 30 अप्रैल तक मूल्यांकन समाप्त करने का लक्ष्य : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने तमाम जिला शिक्षा पदाधिकारियों को 30 अप्रैल तक मैट्रिक और इंटर मूल्यांकन को समाप्त करने का लक्ष्य दिया गया है. जैसे-जैसे मूल्यांकन समाप्त होगा, उसके ओएमआर की स्कैनिंग शुरू कर दी जायेगी. मैट्रिक मूल्यांकन में आठ केटेगरी और इंटर के मूल्यांकन मे नौ केटेगरी के शिक्षक लगाये गये हैं.
ओवर टाइम में चलेगा मूल्यांकन : समिति की ओर से शिक्षकोंको ओवर टाइम में मूल्यांकन कार्य करने का निर्देश दिया गया है. कई जिलों में शिक्षकों से ओवर टाइम में मूल्यांकन करवाना शुरू कर दिया गया है.
इंटर मूल्यांंकन में इस केटेगरी के शिक्षक दे रहे हैं योगदान :
राजकीय, राजकीयकृत प्लस-टू उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजकीयकृत परियोजना बालिका प्लस-टू व नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय, प्रस्वीकृत, अनुशंसित, संबद्धता प्राप्त प्लस-टू विद्यालय, अंगीभूत महाविद्यालय, विवि से संबद्धता प्राप्त डिग्री कोटि के महाविद्यालय, सीबीएसइ बोर्ड के प्राइवेट स्कूल, सरकारी व गैर सरकारी मान्यता प्राप्त विद्यालयों के स्नातकोत्तर शिक्षक.
मैट्रिक मूल्यांकन में इस केटेगरी के शिक्षकों को लगाया गया है : राजकीय-राजकीयकृत माध्यमिक विद्यालय, उत्क्रमित उच्च विद्यालय, आंबेडकर आवासीय उच्च विद्यालय, रेलवे की ओर से संचालित उच्च विद्यालय, सीबीएसइ के प्राइवेट स्कूल, बिहार राज्य मदरसा बोर्ड, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड, सरकारी व गैर सरकारी मान्यता प्राप्त विद्यालयों के स्नातक शिक्षक. इन सभी शिक्षकों को मूल्यांकन कार्यों में लगाया गया है.
सर्विस पर लगाया ब्रेक
अब तक 300 शिक्षकों पर कार्रवाई की गयी है. इन शिक्षकों के वेतन पर भी रोक लगा दी गयी है. साथ में इन शिक्षकों के सर्विस पर भी ब्रेक लगा दिया गया है. ये शिक्षक मूल्यांकन के लिए अब तक योगदान नहीं दिये है. निलंबित करने के लिए शिक्षकों के नाम नियोजन के पास भेजा गया है.
मेदो दास, डीइओ, जिला शिक्षा कार्यालय
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