पटना : सरकार के सात निश्चयों में शामिल ग्रामीण टोला संपर्क योजना की कुल सड़कों की डीपीआर 30 मई तक बन जायेगी. इसमें कोताही बरतनेवाले अभियंताओं पर कार्रवाई होगी. राज्य के ग्रामीण कार्यमंत्री शैलेश कुमार ने इस आशय का निर्देश विभाग के अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता को दिया है. मंत्री […]
पटना : सरकार के सात निश्चयों में शामिल ग्रामीण टोला संपर्क योजना की कुल सड़कों की डीपीआर 30 मई तक बन जायेगी. इसमें कोताही बरतनेवाले अभियंताओं पर कार्रवाई होगी. राज्य के ग्रामीण कार्यमंत्री शैलेश कुमार ने इस आशय का निर्देश विभाग के अभियंता प्रमुख, मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और कार्यपालक अभियंता को दिया है.
मंत्री ने अभियंताओं को निर्देश दिया है कि जीटीएसएनवाइ के तहत बनने वाली कुल सड़क की 50 फीसदी डीपीआर 10 अप्रैल तक और 30 मई तक सारी सड़कों की डीपीआर समर्पित करनी है. जीटीएसएनवाइ के तहत राज्य में करीब चार हजार किलोमीटर सड़क बनेंगे. इससे 4643 टोले सड़क से जुड़ जायेंगे. इस योजना पर 3536 करोड़ खर्च आयेगी. चालू वित्तीय वर्ष में हजार किलोमीटर सड़क निर्माण का लक्ष्य रखा गया है. अगले चार साल में सभी सड़कों का निर्माण हो जाना है.
बीस कार्यपालक अभियंताओं को नोटिस : ग्रामीण कार्यमंत्री शैलेश कुमार ने विभाग के सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज और मधेपुरा सर्किल के 20 से अधिक कार्यपालक अभियंताओं से शो काउज पूछने का निर्देश दिया है. इनपर काम में लापरवाही बरतने का आरोप है.
मंत्री ने इस चारों सर्किल के कामकाज की समीक्षा की.
समीक्षा के दौरान उन्होेंने कहा कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता का खास ख्याल रखना है. कुमार ने बताया कि अभियंताओं से 10 दिन के भीतर उन संवेदकों का भी लिस्ट बनाने को कहा गया है जो सड़क के रखरखाव में कोताही और लापरवाही बरत रहे हैं. सड़क निर्माण के बाद उसी संवेदक को सड़क का रखरखाव करना है. विभाग अबतक दो हजार ठेकेदारों काे डिबार घोषित कर चुका है. करीब आठ सौ संवेदकों पर सार्टिफिकेट केस किया जा चुका है. बरसात के पहले सभी लंबित काम को समाप्त करने का भी निर्देश अभियंताओं को दिया गया है. सभी कार्यपालक अभियंताओं से एक सप्ताह के भीतर उनके यहां लंबित कार्यों की सूची तथा उसे तय समय सीमा के भीतर पूरा करने का एक्शन प्लान की जानकारी मांगी गयी है.