पटना: बीएसएससी पेपर लीक व एएनएम बहाली में हुई धांधली को लेकर विधानसभा व विधान परिषद में विपक्ष ने शनिवार को भी हंगामा किया. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एएनएम बहाली में धांधली पेपर लीक मामले से भी बड़ा मामला है. उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की मांग करते हुए कहा कि पैरवी करने में राज्य सरकार के तीन मंत्रियों के नाम सामने आ चुके हैं. इन तीनों मंत्रियों को राज्य सरकार तुरंत बरखास्त करे. ‘प्रभात खबर’ का नाम लेते हुए मोदी ने कहा कि इसमें पैरवी करने वाले जिन लोगों के नंबर छपे हैं, उनमें एक नंबर ओएसडी शंकर प्रसाद का भी है.
शंकर प्रसाद स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के ओएसडी हैं और उन्होंने तीन से ज्यादा अभ्यर्थियों की पैरवी एएनएम की परीक्षा में पूर्व सचिव परमेश्वर राम से की है. इससे यह साफ जाहिर होता है कि यह पैरवी स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के कहने पर ही की गयी है. इसके अलावा दो अन्य मंत्री आलोक मेहता और कृष्ण नंदन वर्मा ने भी एएनएम बहाली में पैरवी की है, जो पूरी तरह से गलत है.
मंत्री का पैरवी के लिए कहना आदेश : मोदी
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि ‘पॉलिटिकल रूल्स ऑफ एक्जिक्यूटिव बिजनेस’ के मुताबिक कोई मंत्री किसी अधिकारी को पैरवी के लिए नहीं कह सकता है. मंत्री का कहना आदेश होता है. अगर वह किसी अधिकारी को कुछ करने के लिए कह रहा है, तो यह माना जायेगा कि वह संबंधित अधिकारी को ऐसा करने के लिए आदेश दे रहा है. मंत्री संवैधानिक पद पर हैं. वह आम आदमी की तरह सरकारी अधिकारी से आरजू नहीं कर सकते. उनका कहना आदेश माना जायेगा और किसी परीक्षा में किसी की बहाली का आदेश देना, उस परीक्षा की निष्पक्षता को पूरी तरह प्रभावित करना है.
उन्होंने कहा कि एएनएम बहाली में जितने भी विधायक समेत अन्य लोगों ने पैरवी की है, उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए. अगर किसी भाजपा के विधायक ने भी इसके लिए पैरवी की है, तो उनके खिलाफ भी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की जांच करने के बाद कई अन्य बड़े नाम के सामने आने की संभावना है. वर्तमान में एसआइटी परचा लीक मामले की जांच कर रही है. एएनएम नियुक्ति की जांच प्रक्रिया नये सिरे से होनी चाहिए.