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एक वर्ष में 27% कालाजार के रोगी घटे

राज्य कालाजार दिवस आज : कालाजार मरीजों को राहत कोष से 6600 रुपये मुआवजा देनेवाला पहला राज्य बना बिहार पटना : बालू मक्खी से फैलने वाली कालाजार को भले ही दुनिया के अधिकतर हिस्से से मिटाया जा चुका हो, लेकिन यह बीमारी अब भी भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के हजारों लोगों को अपना शिकार […]

राज्य कालाजार दिवस आज : कालाजार मरीजों को राहत कोष से 6600 रुपये मुआवजा देनेवाला पहला राज्य बना बिहार
पटना : बालू मक्खी से फैलने वाली कालाजार को भले ही दुनिया के अधिकतर हिस्से से मिटाया जा चुका हो, लेकिन यह बीमारी अब भी भारत, नेपाल, भूटान और बांग्लादेश के हजारों लोगों को अपना शिकार बना रही है.
वर्तमान में भारत के जिन 54 जिलों में कालाजार का प्रभाव है, उनमें सर्वाधिक 33 जिले बिहार के हैं. इनके अलावा झारखंड के चार व पश्चिम बंगाल के 11 जिलों के साथ ही पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों में भी इसका छिटपुट प्रभाव है. बुधवार को राज्य सरकार कालाजार दिवस मनायेगी ताकि जागरूकता पैदा कर राज्य को 2017 तक कालाजार मुक्त बनाया जा सके.
कालाजार की पुष्टि के मामले भी बिहार में घटे : अधिकारियों के मुताबिक बिहार में कालाजार की पुष्टि वाले मामलों में भी कमी आयी है. यह संख्या 2015 में 6517 थी जो 2016 में 4773 रही. यह एक वर्ष में 27 फीसदी की महत्वपूर्ण कमी है. राज्य कार्यक्रम अधिकारी व अतिरिक्त निदेशक डॉ एमपी शर्मा ने बताया कि हम 2017 तक कालाजार उन्मूलन के लक्ष्य हेतु प्रतिबद्ध हैं. 2015 के मुकाबले वर्ष 2016 में राज्य में कालाजार की पुष्टि वाले 1744 मामलों की कमी दर्ज की गयी है.
रोग निवारक एवं बीमारी की रोकथाम के अन्य उपाय भी तेज किये जा रहे हैं. डॉ शर्मा ने बताया कि 33 कालाजार प्रभावित जिलों के में 20 मार्च से इंडोर रेसिडुअल स्प्रे की शुरुआत होगी. इसके अलावा, जनवरी 2017 से घर-घर कालाजार मरीजों की तलाश कार्यक्रम भी राज्य के 120 प्रभावित गावों में संचालित किया जा रहा है. बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहांसरकारी अस्पतालों में इलाज कराने वाले सभी कालाजार मरीजों को मुख्यमंत्री कालाजार राहत कोष से 6600 रुपये का मुआवजा प्रदान किया जा रहा है.
देश में 70 फीसदी मामले बिहार के : कालाजार से मुक्त होने की दिशा में प्रयास कर रहे बिहार ने कालाजार उन्मूलन की दिशा में अच्छी प्रगति की है. स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त निदेशक (नेशनल वेक्टर बर्न डिसिज कंट्रोल प्रोग्राम) डॉ आरके दास गुप्ता के द्वारा जारी आंकड़ों की मानें, तो चार राज्यों में दर्ज किये जाने वाले कालाजार के कुल मामलों में 70% योगदान अकेले बिहार से आता है. देश में इस बीमारी के मामलों में महत्वपूर्ण कमी देखी गयी है. 2011 में ऐसे मामलों की संख्या 33,187 थी जो 2016 में घटकर 6245 रह गयी. यह लगभग 81 फीसदी की गिरावट है. इससे जुड़ी मृत्यु दर भी 2011 में 80 के मुकाबले 2016 में घट कर शून्य हो गयी है.

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