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400 का लेंस मरीजों को बेच रहे 2000 में
मरीजों को लूट रहे पटना के दुकानदार आनंद तिवारी पटना : आंखों का लेंस बेचनेवाले दुकानदार डॉक्टरों के सहयोग से मरीजों को लूट रहे हैं. 400 से 2000 रुपये तक के लेंस को 3000 से 5000 रुपये तक मेें बेचा जा रहा है. प्राइवेट अस्पतालों में तो विदेशी लेंस और अत्याधुनिक तकनीक के नाम पर […]
मरीजों को लूट रहे पटना के दुकानदार
आनंद तिवारी
पटना : आंखों का लेंस बेचनेवाले दुकानदार डॉक्टरों के सहयोग से मरीजों को लूट रहे हैं. 400 से 2000 रुपये तक के लेंस को 3000 से 5000 रुपये तक मेें बेचा जा रहा है. प्राइवेट अस्पतालों में तो विदेशी लेंस और अत्याधुनिक तकनीक के नाम पर 28 हजार रुपये तक वसूले जा रहे हैं. आंखों में लेंस लगाने में यह लूट लंबे समय से चली आ रही है. इसके अलावा टैक्स की भी खूब चोरी हो रही है. कोई दुकानदार किसी भी मरीज को पक्का बिल नहीं देता. स्वास्थ्य विभाग, औषधि विभाग और आयकर विभाग सब तमाशबीन बने हुए हैं. वहीं, नाम न बताने की शर्त पर एक सप्लायर ने बताया कि प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर व ऑप्टिकल्स दुकानदारों को 30 से 40% कम रेट पर लेंस दिये जाते हैं, पर डॉक्टर मरीजों से मनमानी रकम वसूलते हैं.
पीएमसीएच में रोजाना 20 से 25 मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन होता है. अस्पताल के डॉक्टर मरीजों को बाहर से लेंस लानेको कहते हैं. मरीजों की मानें, तो तीन से चार ऑप्टिकल्स दुकानें पीएमसीएच के आंख विभाग से सेट हैं. उन्हीं दुकानों से मरीजों को लेंस व दवा लाने को बोला जाता है. बड़ी बात तो यह है कि दुकानदार जैसा ग्राहक देखता है, उसी के अनुसार पैसे वसूलता है. पटना के राजेंद्रनगर नेत्रालय में रोजाना 30 से अधिक मरीजों की आंखों का ऑपरेशन होता है.
हालांकि, यहां मरीजों को लेंस निशुल्क लगाया जा रहा है. लेकिन, विदेशी लेंस का गोरखधंधा चल रहा है. लेंस लगाने से पहले यहां के कर्मचारी मरीजों को सरकारी और प्राइवेट दोनों लेंसों का अंतर समझा देते हैं. मरीजों को बेहतर क्वालिटी और विदेशी लेंसों के बारे में बताया जाता है. ऐसे में मरीज बेहतर लेंस के झांसे में आ जाते हैं और दलालों के माध्यम से अधिक दाम पर लेंस खरीद लेते हैं.
आइजीआइएमएस में भी मरीजों से लूट
आइजीआइएमएस मेें आंख के मरीजों को कम दाम में दवा, लेंस आदि उपकरण मिल जाये, इसको लेकर अमृत दवा दुकान खोली गयी थी, लेकिन यहां न तो लेंस मिल रहा और न ही दवा. मरीजों को बाहर या फिर सप्लायर के माध्यम से लेंस मुहैया कराया जाता है. इसके अलावा यहां पैकेज सिस्टम के माध्यम से भी मरीजों को लेंस लगाये जाते हैं. ज्यादातर डॉक्टर मरीजों को समझा-बुझा कर खुद कंपनी से लेंस मंगाते हैं और उसके बाद 400 रुपये का लेंस 2000 रुपये में लगाते हैं.
प्राइवेट अस्पतालों में खर्च पांच गुना
प्राइवेट अस्पतालों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन के लिए सरकारी अस्पतालों की तुलना में चार से पांच गुना अधिक पैसे वसूले जाते हैं. इन अस्पतालों में तमाम वीवीआइपी आते हैं. उनसे भी विदेशी लेंस के नाम पर पांच गुना अधिक दाम वसूले जाते हैं.
आइजीआइएमएस के निदेशक डॉ एनआर विश्वास ने बताया िक अमृत दवा दुकान में लेंस, उपकरण व दवा रखनी है, जिन्हें सस्ती दर पर बेचना है. मरीजों को लेंस के अधिक दाम नहीं देने पड़े, इसके लिए सूची बनायी गयी है. बहुत जल्द परिसर में सस्ता लेंस मुहैया करा दिया जायेगा.
राजेंद्र नगर नेत्रालय अस्पताल के डायरेक्टर डॉ नरेश भीमसारिया ने कहा िक राजेंद्र नगर ही एक ऐसा अस्पताल है, जहां मरीजों को निशुल्क लेंस लगाया जाता है. जो मरीज बाहर से लेंस लाकर लगाने की बात कहते हैं, उनको स्वेच्छानुसार ही लेंस लगाया जाता है.
अगर इसके बाद भी कहीं से दिक्कत हो रही है, तो मैं पता करूंगा.
अध्यक्ष, पीएमसीएच आइ विभाग के डॉ उमेश कुमार ने बताया िक लेंसनहीं होने के चलते पीएमसीएच के मरीजों को बाहर से लेंस लाने को बोला जाता है. लेंस निशुल्क मिले, इसके लिए जिम्मेवार अधिकारी को इमेल कर दिया है. जहां तक किसी प्राइवेट दुकान पर भेजने की बात है, तो इसकी मुझे जानकारी नहीं है, यह बात गलत भी हो सकती है.
कौन से लेंस कितने में
लेंस कीमत मनमाने दाम
सुप्रा फोब 2000 03 से 9000
आपा 1 पीस 250 900
एक्रीफोल्ड 600 2000
गेलेक्सी फोल्ड 3500 12000
नासप्रो 800 3000
आरो फ्लेक्स 450 2000
फ्लेक्स-इवी 500 2000
क्या कहते हैं मरीज
मां मीनता देवी का ऑपरेशन पीएमसीएच के आइ विभाग में हुआ है. डॉक्टर ने सादे कागज पर दवा व लेंस का नाम लिख कर अजय ऑप्टिकल्स जाने को बोला. जब वहां गये, तो हमें 1000 रुपये का लेंस दिया गया. वहां ग्राहक देख कर अलग-अलग रेट पर लेंस दिया जा रहा था.
सोनू यादव, मरीज का बेटा
मेरी मां के मोतियाबिंद का ऑपरेशन शनिवार को पीएमसीएच में हुआ. यहां के एक कर्मचारी ने अजय ऑप्टिकल्स दुकान से लेंस लाने को बोला. वहां हमें 2000 रुपये में लेंस दिया गया, जबकि किसी को 1000, तो किसी को 1500 रुपये में ही लेंस दिया जा रहा था. पूछे जाने पर दुकानदार ने कहा कि बेहतर क्वालिटी है.
जूही कुमारी, मरीज की बेटी
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