पटना : बिहार में परचा लीक कांड को लेकर चर्चा में रहे बिहार कर्मचारी चयन आयोगबीएसएससी में एक और मामला सामने आ रहा है. आयोग के अध्यक्ष ने परीक्षा मद के नाम पर अप्रैल, 2015 में एक करोड़ रुपये की अग्रिम निकासी की थी, लेकिन दो साल बाद भी उसे वापस जमा नहीं कराया गया. नियमों के मुताबिक सरकारी सेवक द्वारा विभागीय कार्य के लिए निकाली गयी अग्रिम निकासी की राशि तीन माह के अंदर जमा करानी होती है. इस मामले में महालेखाकार कार्यालय ने जब जानकारी लेनी चाही, तो अध्यक्ष ने गोपनीय मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया. इसका खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मिली महालेखाकार की एक रिपोर्ट में हुई है.
गोपनीयता का बहाना
विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में फीस के रूप में प्राप्त 69 करोड़ 93 लाख 13 हजार रुपये जमा हुए थे. लेकिन, महालेखाकार के मुताबिक फीस के रूप में प्राप्त इस राशि को बीएसएससी के कोषागार में जमा नहीं किया गया. आयोग द्वारा किस परीक्षा के लिए कितनी फीस ली जमा की गयी का हिसाब नहीं मिल पा रहा है.