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जल संसाधन मंत्री ललन सिंह का दावा, 19.31 लाख हेक्टेयर में खरीफ सिंचाई करने का बना रिकॉर्ड

पटना : इस बार जल संसाधन विभाग ने 19.31 लाख हेक्टेयर में खरीफ सिंचाई करने का रिकॉर्ड बनाया है. उक्त दावा गुरुवार को जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने किया. वे सूचना भवन में विभाग की उपलब्धियों पर पत्रकार वार्ता कर रहे थे. उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई प्रबंधन में कोई चूक न […]

पटना : इस बार जल संसाधन विभाग ने 19.31 लाख हेक्टेयर में खरीफ सिंचाई करने का रिकॉर्ड बनाया है. उक्त दावा गुरुवार को जल संसाधन मंत्री ललन सिंह ने किया. वे सूचना भवन में विभाग की उपलब्धियों पर पत्रकार वार्ता कर रहे थे. उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण और सिंचाई प्रबंधन में कोई चूक न हो, इसके लिए विभाग ने बाढ़ और सिंचाई विंग का विधिवत बंटवारा कर दिया है.

पहले एक ही अभियंता के जिम्मे बाढ़ और सिंचाई का काम निर्भर था, इससे उनकी कार्य क्षमता पर तो असर पड़ता ही था, बाढ़ नियंत्रण और रबी-खरीफ सिंचाई का शत-प्रतिशत लाभ भी नहीं मिल पाता था. उन्होंने बताया कि बाढ़-सिंचाई विंग के पुनर्गठन का बेहतर फलाफल सामने आया है. इस बार कहीं कोई बांध नहीं टूटा. हां, गोपालगंज और कोसी प्रक्षेत्र में दबाव जरूर बढ़ा था, किंतु विभाग ने बाढ़ पर नियंत्रण पा लिया.

विभाग ने इस बार हर-हाल में 15 मई तक बाढ़-कटाव निरोधक कार्य कराने का लक्ष्य तय कर दिया है. इस कार्य में कोई कोताही न हो, इसके लिए कार्य स्थल पर आइपी कैमरे लगाये जायेंगे, जिससे मॉनीटरिंग होगी. इस बार कटाव नियंत्रण पर 1190.71 और बाढ़ नियंत्रण पर आठ करोड़ रुपये के खर्च का बजट बनाया जायेगा. जल संसाधन मंत्री ने बताया कि सूबे में सिंचाई सृजन के लिए 2019 तक की योजना तय कर ली गयी है. हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पांच सिंचाई योजनाओं का उद्घाटन किया है. इन सबके अलावा जहानाबाद की उदेरा स्थान बराज, भागलपुर की बटेश्वर पंप नहर योजना अौर जमुई का कुंडघाट जलाशय योजना का भी काम इसी साल के जून तक पूरा करने का लक्ष्य है. जल संसाधन विभाग ने इस बार 66,493 हेक्टेयर में नई सिंचाई क्षमता विकसित करने का निर्णय लिया है. उस पर तेजी से काम हो रहा है. सिंचाई की पुरानी योजनाओं को भी पुनर्जिवित किया जायेगा. नदी जोड़ योजना संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि कोसी मेची लिंक की केंद्र ने स्वीकृति दे दी है. तीन-से चार माह में इसका क्लियरेंस मिल जायेगा. उसी तरह सकरी नाटा की स्वीकृति का मामला भी अंतिम चरण में हैं. यूपी-झारखंड की आपत्तियों का निबटारा होने के बाज इंद्रपुरी जलाशय योजना के भी नदी जोड़ योजना से जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है. संवाददाता सम्मेलन में विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.
बराज निर्माण का बिहार सरकार करेगी विरोध
राज्य सरकार गंगा में हल्दिया से इलाहाबाद तक बड़ी संख्या में बराज निर्माण का बिहार सरकार विरोध करेगी. सिंचाई मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि गंगा की अविरलता पर 25-26 फरवरी को पटना में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होगा. सम्मेलन के माध्यम से सरकार गंगा की अविरलता को बड़ा मुद्दा बनायेगी. सम्मेलन में देश-विदेश की विभिन्न नदियों की विशेष जानकारी रखने वालों को आमंत्रित किया गया है. जल पुरुष राजेंद्र सिंह सम्मेलन में विशेष रूप से भाग लेंगे. इसके अलावा पद्मभूषण चंडी प्रसाद भट्ट, वलवीर सिंह सीचेवाल और पृथ्वी सिंह आदि भी शामिल होंगे. सम्मेलन पटना के होटल मौर्या में होगा.

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