पटना : पटना उच्च न्यायालय ने धान के बदले चावल देने के मामले में घोटाला करने वाले मिलरों के खिलाफ सख्ती दिखायी है. जस्टिस चक्रधारी शरण सिंह की एकल पीठ ने बुधवार को इस मामले में सुनवाई की और सरकारी राशि को चपत लगाने वाले सभी मिलरों की जांच के लिए, सीआइडी की स्पेशल इंवेस्टिगेटिंग टीम को एसआइटी गठित करने का निर्देश दिया. कोर्ट ने अपराध अनुसंधान विभाग के एडीजी विनय कुमार को एसआइटी जांच की देखरेख की जिम्मेवारी सौंपी है. कोर्ट ने सीआइडी को पहली मार्च, 2017 को जांच की प्रारंभिक रिपोर्ट देने को कहा है.
जांच का दिया आदेश
कोर्ट ने कहा कि सभी जिलों में चल रही अलग-अलग जांच अब एक ही जगह होगी. कोर्ट को बताया गया कि सभी जिलों में अलग-अलग जांच अधिकारी इसकी तहकीकात कर रहे हैं. जिससे एक ही जैसे मामले में एकरूपता नहीं आ पा रही. इस पर कोर्ट ने सरकारी वकील को तलब किया. सरकारी वकील ने कहा कि अलग-अलग जिलों में केस दर्ज किया गया है. सभी जिलों में इसके अलग जांच अधिकारी नियुक्त हैं. इसलिए जांच में एकरूपता नहीं आ पायी है. इस पर कोर्ट ने अपराध अनुसंधान विभाग को सभी मामले अपने मातहत लेने और एसआइटी गठित कर जांच आरंभ करने का निर्देश दिया.
मिलरों पर होगी कार्रवाई
इन मिलरों पर 2010 से 14 के बीच एक क्विंटल धान के बदले 55 से 60 किलोग्राम चावल देने की बजाय मात्र तीस किलोग्राम चावल ही देने का आरोप है. इसके एवज में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरते जाने का भी आरोप है. हाई कोर्ट के निर्देश पर ऐसे मिलरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.