पटना : बिहार इन दिनों मिनी पंजाब और मिनी तिब्बत बना हुआ है. एक तरफ गया में 34वां कालचक्र पूजा शुरू हो गया है वहीं दूसरी ओर राजधानी पटना गुरु गोविंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव से गुलजार है. कालचक्र पूजा के लिये बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की उपस्थिति में नामग्याल मठ के बौद्ध भिक्षुओं ने सुत्तपाठ कर इस पूजा की शुरुआत कर दी है. बोधगया में तिब्बत से लेकर विदेशों से भी बौद्धधर्म को मानने वाले लामा और श्रद्धालु भारी संख्या में पहुंच गये हैं. धर्मगुरु दलाई लामा का प्रवचन सुनने के लिये सुबह से ही कालचक्र मैदान में श्रद्धालु पहुंचने लगे हैं. बोधगया जिला प्रशासन की माने तो कालचक्र पूजा के लिये प्रवेश के लिये 14 गेट बनाये गये हैं. सुरक्षा की दृष्टिकोण से काफी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. कालचक्र पूजा 14 जनवरी तक होगा, उसमें शामिल होने के लिये एक लाख लोग पहुंचे हुए हैं.
वहीं दूसरी ओर बिहार की राजधानी पटना में 350वें प्रकाशोत्सव को लेकर काफी गहमा-गहमी का माहौल है. पटना में देश-विदेश से श्रद्धालु प्रकाशोत्सव में शामिल होने के लिये पहुंच रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पांच जनवरी को कार्यक्रम में शामिल होने के लिये पटना पहुंच रहे हैं. सीएम नीतीश कुमार स्वयं कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे हैं. प्रकाशोत्सव की तैयारी इतनी भव्य की गयी है कि देश-विदेश में इसकी चर्चा हो रही है. पटना सिटी, कंगन घाट और गांधी मैदान में मिनी पंजाब बस गया है. लंगर के अलावा गांधी मैदान में टेंट सिटी बसाई गयी है. जहां सैकड़ों श्रद्धालु डेरा डाले हुए हैं.