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नोटबंदी के बाद अचानक बढ़ी आय, तो देना होगा हिसाब

पटना : राज्य में नोटबंदी की घोषणा के बाद से कई लोगों की आय में अचानक कई गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. ऐसे सभी लोगों के आय की गहन जांच की जायेगी. अगर ये लोग अपना सही स्रोत बताने में नाकाम रहते हैं, तो इनसे खाते में जमा किये आय पर 77 से […]

पटना : राज्य में नोटबंदी की घोषणा के बाद से कई लोगों की आय में अचानक कई गुना की बढ़ोतरी दर्ज की गयी है. ऐसे सभी लोगों के आय की गहन जांच की जायेगी. अगर ये लोग अपना सही स्रोत बताने में नाकाम रहते हैं, तो इनसे खाते में जमा किये आय पर 77 से 82 प्रतिशत टैक्स लिया जायेगा और इसके अलावा अनडिक्लेयर इनकम की 200 प्रतिशत तक पेनाल्टी भी ली जायेगी. यह जानकारी आयकर विभाग के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (पीसीसी आइटी, बिहार-झारखंड) एसटी अहमद ने अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में दी.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद कुछ लोगों या व्यापारियों की आय में अचानक कई गुना की बढ़ोतरी हो गयी है. ऐसे लोग इस फिराक में हैं कि आय में कई गुना की बढ़ोतरी दिखाकर वे अपने ब्लैक मनी को छिपा लेंगे. वे अपनी ब्लैक मनी को आय के रूप में दिखाकर, इस पर सामान्य रूप से 30 प्रतिशत टैक्स देकर व्हाइट करने में कामयाब हो जायेंगे.
जबकि ऐसा संभव नहीं है. अचानक आय में बढ़ोतरी होने वाले लोग भी जांच के दायरे में हैं और इनकी पहचान की जा रही है. हालांकि अभी उन्होंने इसका कोई खुलासा नहीं किया कि सूबे में ऐसे लोगों की संख्या कितनी है. प्रेस वार्ता के दौरान आयकर विभाग के निदेशक (अन्वेशण) अशोक कुमार सिन्हा, आयुक्त प्रशांत भूषण समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.पीसीसी ने बिहार व झारखंड में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, 2016 के शुरुआत की घोषणा की. कहा कि इस योजना के जरिये ब्लैक मनी वाले अपनी अवैध आय को बैंक में सीधे जमा करवा सकते हैं. इस पर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण सेस के रूप में 73 प्रतिशत तक टैक्स लिया जायेगा.
आयकर विभाग ने बिहार में 150 शैक्षणिक, धार्मिक समेत सभी तरह के निजी या सामाजिक संस्थानों को नोटिस जारी किया है. नोटिस किसी गड़बड़ी के कारण नहीं जारी किये गये है. बल्कि, हिदायत के तौर पर जारी किये गये हैं. ताकि ये लोग किसी व्यक्ति या संस्थान से पुराने या नयी करेंसी में ज्यादा मात्रा में दान या अन्य रूप से आर्थिक मदद नहीं लें. ज्यादा संख्या में किसी से दान लेना भी जांच के दायरे में आयेगा. दान देने वाले को अपनी आय का सही स्रोत बताना होगा.
अगर कोई व्यक्ति इस तरह का दान किसी संस्थान में देता है, तो संबंधित संस्थान को आयकर विभाग को जानकारी देनी होगी. गुपचुप दान लेकर रखने वाले संस्थानों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
इसके अलावा बिहार और झारखंड में 681 जनधन बैंक खातों का भी पता चला है, जिनमें एक से तीन लाख के बीच रुपये जमा हैं. इन खातों में कुल 10 करोड़ 80 लाख रुपये जमा हैं, जिनकी जांच चल रही है. बिहार में अब तक किसी जनधन खाते का नक्सली से संबंधित होने का कोई सबूत नहीं मिला है. हालांकि झारखंड के दो-तीन जन-धन खातों में नक्सली कनेक्शन मिले हैं. फिलहाल इन मामलों की जांच स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर आयकर विभाग कर रहा है.
नोटबंदी की घोषणा के बाद यानी 9 नवंबर से अब तक बिहार में 16 छापेमारी और 41 सर्वे हो चुके हैं. इस दौरान अब तक नौ करोड़ 17 लाख रुपये कैश के रूप में जब्त किये जा चुके हैं.
राज्य में अब तक 42 करोड़ 40 लाख रुपये की अघोषित आय सामने आ चुकी है. ब्लैक मनी को व्हाइट करने के खेल में कई बैंक वालों की भी मिली-भगत सामने आयी है. इसके अलावा कुछ ऐसे संदिग्ध बैंक खाते या मामले भी सामने आये हैं, जिनमें किसी तरह के अापराधिक कार्यों के जरिये पैसे जमा होने की संभावना है. ऐसे 14 मामलों को इडी (प्रवर्तन निदेशालय) और दो मामले सीबीआइ को ट्रांसफर किये जा चुके हैं.

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