पटना : मुख्यमंत्री के सात निश्चय के तहत शौचालय निर्माण का काम प्राथमिकता के आधार पर कराया जाना है और इस कार्य में लापरवाही करनेवालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जायेगा. लेकिन, बार-बार समीक्षा के बाद भी काम की गति में कुछ खास तेजी नहीं आयी है. समीक्षा के क्रम में बख्तियारपुर, फुलवारी, बाढ़, पटना सदर व पुनपुन प्रखंड में भुगतान की स्थिति सबसे खराब है. ऐसे में डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने इन सभी बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा है. उन्होंने प्रखंड के पर्यवेक्षक पदाधिकारियों को भी सचेत किया है कि जिन-जिन प्रखंडों के पदाधिकारी नामित किये गये हैं, उस वार्डों के ओडीएफ स्थल पर कैंप करें.
ये बातें डीएम ने शुक्रवार को लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत हिंदी भवन में उन्मुखीकरण-सह-समीक्षा कार्यक्रम के दौरान अधिकारियों को कहीं. कार्यक्रम का अायोजन नोडल पदाधिकारियों को संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से किया गया है. ताकि, डीएम के मार्ग निर्देश में जिले में शौचालय निर्माण की गति को और तेज किया जाये. दिसंबर माह के अंत तक प्रत्येक प्रखंड से एक-एक पंचायत को खुले में शौचालय मुक्त किये जाने का निर्देश दिया गया है. समीक्षा के क्रम में पाया गया कि फतुहा प्रखंड में एक, दनियावां में एक, पंडारक में दो, फुलवारी में दो व पुनपुन प्रखंड के तीन पंचायतें ही ओडीएफ (शौचालय मुक्त वार्ड घोषित) किया जा सका है.