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अब तक 70 स्कूलों ने भेजा डिटेल्स

पटना : यूनिवर्सल डिस्ट्रिक इन्फाॅरमेंशन सिस्टम (यू-डाइस) अब स्कूलों से बच्चों और शिक्षकों के डिटेल्स के अलावा स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर रिपोर्ट भी तैयार करेगी. इसके लिए बिहार भर के हाइस्कूलों से इन्फ्रास्ट्रक्चर डिटेल्स की मांग की गयी है. प्रत्येक जिलों के कार्यालय में स्कूल के प्राचार्य की ओर से स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर रिपोर्ट नवंबर तक जमा […]

पटना : यूनिवर्सल डिस्ट्रिक इन्फाॅरमेंशन सिस्टम (यू-डाइस) अब स्कूलों से बच्चों और शिक्षकों के डिटेल्स के अलावा स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर रिपोर्ट भी तैयार करेगी. इसके लिए बिहार भर के हाइस्कूलों से इन्फ्रास्ट्रक्चर डिटेल्स की मांग की गयी है. प्रत्येक जिलों के कार्यालय में स्कूल के प्राचार्य की ओर से स्कूल इन्फ्रास्ट्रक्चर रिपोर्ट नवंबर तक जमा करायी जानी थी. लेकिन, स्कूलाें की सुस्त प्रक्रिया से अब तक पटना जिले के 70 स्कूल ही डिटेल्स दे सके हैं.
जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से 31 दिसंबर तक स्कूलाें को यू-डाइस के तहत जिला कार्यालयों में डिटेल्स जमा कराने का निर्देंश दिया गया है. जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डाॅ अशोक कुमार ने बताया कि जिले के 324 स्कूलों में से मात्र 70 स्कूल ही इन्फ्रास्ट्रक्चर की रिपोर्ट दे सके हैं. ऐसे में उन स्कूलों को 31 दिसंबर तक सूचना देने का निर्देश दिया गया है. 31 दिसंबर तक नहीं देनेवाले स्कूलों का डिटेल्स नहीं लिया जायेगा.
प्रतिवर्ष किया जाता है प्रकाशित : डाइस डाटा के तहत पूर्व में जहां स्कूलों में पढ़नेवाले छात्र-छात्राओं की जानकारी मांगी गयी थी. वहीं, अब इसके तहत यू-डाइस डाटा की मांग की गयी है.
नेशनल यूनिवर्सिटी फॉर एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन (न्यूपा) भारत सरकार के तहत संचालित डाइस अब तक सरकारी स्कूलों की सूची रखती थी. लेकिन, अब यूनिवर्सल डाइस के तहत प्रत्येक राज्य व जिलों के सभी निजी और सरकारी दोनों स्कूलों की जानकारी रखेगी. साथ ही अब स्कूल कितने एरिया में बना है? स्कूल की बाउंडरी है या नहीं? क्लास रूम कितने हैं? स्कूल का गेट है या नहीं. अब इन सारी बातों की जानकारी भी यू-डाइस डाटा में होगी. डाइस के संग्रहित आंकड़ों के आधार पर ही सरकार शिक्षा से संबंधित योजनाएं तैयार करती है और बजट निर्धारित करती है.
शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2010 के लागू होने पर सभी विद्यालयों में 25 फीसदी सीटों पर नामांकन लिया जाना है. इसके लिए उन्हें क्लास वन के तहत 4300 रुपये भी दिये जाते हैं.
इसके तहत सरकार के पास निजी विद्यालयों की सूची उपलब्ध होने पर बजट का निर्धारण हो सकेगा. साथ ही किसी भी विद्यालय में शिक्षा के मानक पढ़ाई हो रही है या नहीं, उसकी भी जानकारी मिल सकेगी. राज्य में कितने बच्चे हैं? कितने बच्चों का इनरॉलमेंट निजी व सरकारी स्कूलों में है इन सभी की जानकारी भी यू-डाइस डाटा से उपलब्ध हो सकेगी.

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