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500 टोले में जलापूर्ति योजना का होगा री-टेंडर
फ्लोराइडग्रस्त टोले में हर घर नल का जल के तहत पहुंचाना है पानी पटना : फ्लोराइड प्रभावित 500 टोले में पाइप से घर-घर पानी पहुंचाने के लिए निकाले गये टेंडर में तकनीकी गड़बड़ी को लेकर फिर से री-टेंडर होगा. री-टेंडर निकालने की प्रक्रिया इस माह के अंत तक शुरू होगी. टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने […]
फ्लोराइडग्रस्त टोले में हर घर नल का जल के तहत पहुंचाना है पानी
पटना : फ्लोराइड प्रभावित 500 टोले में पाइप से घर-घर पानी पहुंचाने के लिए निकाले गये टेंडर में तकनीकी गड़बड़ी को लेकर फिर से री-टेंडर होगा. री-टेंडर निकालने की प्रक्रिया इस माह के अंत तक शुरू होगी. टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने में डेढ़ से दो माह समय लगता है.
वित्तीय वर्ष खत्म होने से पहले विभाग इन 500 टोले में काम शुरू करने की योजना पर काम कर रही है. सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल योजना में घरों में पाइप से पानी पहुंचाने के लिए पाइप बिछाने का काम होगा. फ्लोराइड प्रभावित टोले में घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट के साथ पाइप बिछाया जायेगा. पाइप बिछाने के लिए कांट्रैक्टर बहाल होंगे.
पीएचइडी विभाग ने 11 जिले के फ्लोराइडग्रस्त टोले का सर्वे कर 500 टोले को चिह्वित किया. विभाग द्वारा दूसरे फेज में इन टोले का चयन हुआ. इन टोले में पाइप बिछाने के लिए निकाले गये टेंडर में लगभग आधा दर्जन एजेंसियों ने भाग लिया. लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के कारण टेंडर की प्रक्रिया को रद्द करना पड़ा. नवंबर माह में टेंडर निकाला गया था. इससे पहले विभाग द्वारा पहले फेज में सर्वे कर चिह्वित कर 500 टोले में घर-घर पाइप से पानी पहुंचाने पर काम हो रहा है.
एक साल में पूरा होगा काम
टेंडर में सफल एजेंसी को एक साल में पाइप बिछाकर घर-घर जलापूर्ति काम पूरा करना है. एजेंसी को डिजायन, निर्माण, आपूर्ति व चालू करने के साथ पांच साल तक उसका रख-रखाव करना है.
पीएचइडी विभाग दूसरे फेज में पांच समूह में 500 टाेले को चिह्वित किया है. फ्लोराइड प्रभावित 11 जिले में सर्वे कर 500 टोले में लघु जलापूर्ति योजना के तहत काम होना है.
फ्लोराइड प्रभावित नालंदा में 25, गया में 25, औरंगाबाद में पांच, रोहतास में 10, कैमूर में 15, नवादा में 20, भागलपुर में 50, बांका में 200, मुंगेर में 25, शेखपुरा में 25 व जमुई में 100 टोले में पाइप के द्वारा घरों में पानी पहुंचेगा. घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए सौर ऊर्जा चालित बोरिंग के साथ ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा. 500 टोले में पाइप से पानी पहुंचाने पर लगभग 210 करोड़ खर्च होंगे.
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