18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

दूसरे दिन एक और की मौत, दो की शिनाख्त

पहले की घटनाओं से सबक ली होती, तो नहीं होती इतनी बड़ी दुर्घटना मनेर : हाइस्कूल, पड़ावपर के नजदीक मंगलवार की रात को हुए सड़क हादसे में मरे दोनों युवकों की पहचान बुधवार को हो गयी. इसके अलावा एक और तीसरे व्यक्ति की इलाज के क्रम में मौत हो गयी. मृतकों की पहचान चारहजार मुहल्ला […]

पहले की घटनाओं से सबक ली होती, तो नहीं होती इतनी बड़ी दुर्घटना
मनेर : हाइस्कूल, पड़ावपर के नजदीक मंगलवार की रात को हुए सड़क हादसे में मरे दोनों युवकों की पहचान बुधवार को हो गयी. इसके अलावा एक और तीसरे व्यक्ति की इलाज के क्रम में मौत हो गयी.
मृतकों की पहचान चारहजार मुहल्ला निवासी फुटपाथी दुकानदार रंजीत गुप्ता (30) व बिहटा पुरेनियां निवासी दिनेश साव उर्फ धुरखेली के रूप में की गयी.
इस हादसे में एक और युवक ग्यासपुर पंचायत के याहियापुर निवासी सुनील पासवान (35) की मौत इलाज के क्रम मौत हो गयी. इनकी मौत के बाद परिजनों में चीत्कार मचा हुआ है. इधर, इस हादसे में घायल छह लोगों का इलाज चल रहा है.
बुधवार को स्थानीय विधायक भाई वीरेंद्र, पूर्व नपं अध्यक्ष विद्याधर विनोद, युवा नेता प्रशांत निराला व पार्षद अासमां बानो ने घटनास्थल पर पहुंच कर पूरी जानकारी ली. इन नेताओं ने मृतक के परिजनों से मिल कर शोक संवेदना प्रकट की. विधायक ने सीओ व बीडीओ की मौजूदगी में तीनों मृतकों के आश्रितों को आपदा कल्याण योजना के अंतर्गत चार-चार लाख रुपये का चेक तथा दस- दस हजार नकद दिया.
इसी स्थान से थोड़ी दूर पर 1982 में कर्मा-धर्मा पूजा के दिन ट्रक से कुचल कर छह लोगों की मौत हो गयी थी. साथ ही लोगों का कहना था कि पिछली घटना से यदि सबक लिया गया होता, तो शायद यह घटना नहीं घटती. हाइस्कूल, पड़ावपर के समीप सड़क हादसे में तीन लोगों के मौत के बाद पूरा प्रशासन सतर्क है. बुधवार को मनेर नगर पंचायत कार्यालय ने फुटपाथी दुकानदारों को दो दिनों के अंदर सड़क के किनारे से दुकाने हटाने की चेतावनी दी है.
रंजीत अपने परिवार का इकलौता कमानेवाला था : सड़क हादसे में मरे चारहजार मुहल्ला के रंजीत गुप्ता की पत्नी के आंसू थम नहीं रहे थे.
पत्नी पति के लाश के सामने रोते हुए कहे जा रही थी अब केकरा भरोसे हम रहम हो रजवा. छोटन- छोटन तीनों बच्चवा के कईसे पालम हो. यह कहते-कहते वह बेहोश हो जा रही थी. मुहल्ले के लोगो ने बताया कि रंजीत के एक भाई की पहले ही तालाब में डूब कर मौत हो गयी थी. घर में मां और पत्नी के साथ तीन छोटे- छोटे बच्चे है. वह घर का इकलौता कमाऊ व्यक्ति था.
कहीं पुरुष, कहीं बदलाव के बाद महिलाएं ही मैदान में
आरक्षण के बदलाव के बाद कई वार्डों में पेच फंस गया है. जिन वार्डों को अनारक्षित महिला से बदल कर अनारक्षित अन्य कर दिया गया है, वहां और अधिक प्रत्याशी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि, इस बदलाव के बाद जहां कुछ वार्डों में महिला प्रत्याशी के बदले उनके पति उम्मीदवार हो गये हैं. वहीं, सीट अनारक्षित (अन्य) होने के बावजूदकई वार्डों में महिला ही उस वार्ड से दाेबारा चुनाव लड़ने की तैयारी में है. अनारक्षित महिला से बदल कर अनारक्षित अन्य होने पर वार्ड 15 में मुकाबला दिलचस्प होगा. यहां की जनसंख्या 18,147 है. इसमें एससी 9,93 है. यहां की पार्षद उर्मिला सिंह है. वो इस वार्ड से दोबारा चुनाव लड़ रही है. वहीं, दूसरी तरफ वार्ड 19 की पार्षद सुनैना देवी के पति संजय कुमार भी इस बार इस यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. इसके अलावे पिछली बार इस वार्ड से लगभग आधा दर्जन प्रत्याशी थे. इसमें से अधिकांश चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इस वार्ड में राजपूत-बंगाली के साथ अन्य वर्ग के लोग भी रहते हैं.
वार्ड 44 का चुनाव भी इस बार काफी रोचक होगा. पिछली बार दो भाई संजय यादव व अजय यादव की पत्नी आमने-सामने थी. क्योंकि, पिछली बार इस सीट का आरक्षण अनारक्षित (महिला) के लिये था. हालांकि, इस बार इस वार्ड का आरक्षण अनारक्षित (अन्य) के लिये हो गया है.
इसलिए इस बार दोनों भाइयों के मैदान में उतरने की संभावना है. हालांकि, पिछली बार अजय यादव की पत्नी सुधा देवी ने जीत हासिल की थी.
वार्ड 65 पटना सिटी का पुराना क्षेत्र है. खाजेकलां और अन्य कई पुराने बाजार की मंडियां हैं. व्यापार के लिए इस क्षेत्र को जाना जाता है. इससे यहां की राजनीति भी काफी पुरानी है. वार्ड की जनसंख्या 21,589 है. एसी वर्ग की संख्या 1,018 है. इसका आरक्षण भी अनारक्षित महिला से हट कर अनारक्षित अन्य हो गया है. इस कारण महिला को हटा कर फिर पार्षद पति मैदान में उतरने की तैयारी में है. वर्तमान पार्षद तरुणा राय के पति राजेश राय सीधे तौर पर मैदान में उतरने वाले है.
वर्तमान पार्षद उर्मिला सिंह सीट अनारक्षित अन्य होने के बाद भी लड़ने की तैयारी में हैं. उर्मिला सिंह की अनुसार पुत्र वधू चुनाव की तैयारी की जा रही है. उनका कहना है कि आरक्षण में बदलाव से कोई विशेष असर नहीं पड़ रहा है, जब 2012 में पार्षद का चुनाव जीत चुकी हूं. फिर अब बदलाव करने का कोई मतलब नहीं होता. इसलिए वही मैदान में रहेंगी. वार्ड 19 की पार्षद सुनैना देवी के पति संजय कुमार यहां से चुनाव लड़ने से कोई फर्क नहीं पड़नेवाला है.
रामजतन सिंह लेन निवासी अनिल कुमार का कहना है कि आरक्षण में बदलाव के बाद पार्षद से लेकर प्रत्याशी का गुणा-भाग खराब हो गया है. वार्ड 15 में आरक्षण का बदलाव होने से लोगों को अधिक फायदा मिल रहा है. वहीं, दूसरे वार्ड से आकर चुनाव लड़नेवालों को भी फायदा मिलने की उम्मीद है.
वार्ड 19 की पार्षद सुनैना देवी के पति संजय कुमार यहां से चुनाव लड़ने की तैयारी में है. संजय कुमार का कहना है कि वार्ड 19 का आरक्षण अनुसूचित जाति महिला के लिए हो गया है. ऐसे में दूसरे वार्ड में जाकर चुनाव लड़ना पड़ेगा. हालांकि, इस वार्ड में भी लोगों से जान-पहचान है. इसलिए चुनाव जीतने की संभावना पर संशय नहीं है.
सुधा देवी पार्षद है. इनके पति अजय यादव ही चुनावी समीकरण के सारे गणित सेट करते हैं. अजय इस बार खुद चुनाव मैदान में हाथ आजमाने वाले हैं. क्षेत्र में यादवों की जनसंख्या लगभग 40 फीसदी है. जबकि, कायस्थ व भूमिहार की जनसंख्या भी ठीक है. लगातार क्षेत्र में रहने के कारण इसका फायदा मिलेगा.
विद्यापुरी कंकड़बाग के अरविंद कुमार सिन्हा बताते हैं कि जब भी पिछला वर्ग या अनुसूचित जाति और महिला का सीट समाप्त होता है, तो अपने आप चुनाव मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों की संख्या बढ़ जाती है. हालांकि, महिला सीट हटने से लोगों को एक सुविधा मिलेगी कि प्रत्याशी पुरुष होने और जीतने पर काम में कराने अधिक सुविधा होगी.
इस वार्ड से दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी वर्तमान पार्षद
पति को टक्कर देंगे. इसमें से एक अजय यादव के भाई संजय यादव के चुनाव मैदान में खड़े होने की संभावना है. उन्होंने पिछली बार भी अपने भाई की पत्नी को चुनौती देने के लिए लाली देवी को उतारा था. इसके अलावा इस वार्ड से पिछले चुनाव में नंबर दो पर रहीं विमला देवी के परिजन भी चुनाव लड़ेंगे. आंकड़ों के अनुसार इस वार्ड की जनसंख्या 22,333 है. वहीं, इस वार्ड में एससी 1,110 है.
वर्तमान पार्षद तरुणा राय के पति राजेश राय चुनाव लड़ने की तैयारी में है. उन्होंने 2012 में भी लड़ने की तैयारी की थी. लेकिन, आरक्षण बदलने से पत्नी को लड़ाना पड़ा था. इस वार्ड में मुसलिम, बनिया, यादव व अन्य वर्ग की मिश्रित जनसंख्या है. राजेश राय के अनुसार इस बार भी उम्मीदवार बढ़ने की संभावना है.
बदले आरक्षण प्रस्ताव पर खाजेकलां के मच्छरहटा गली निवासी संजय कुमार सिन्हा का तर्क वही पुराना है. उनका कहना है कि जब-जब अनारक्षित
अन्य के लिए वार्ड की सीट तय हो जाती है, तब-तब चुनाव मैदान में प्रत्याशियों की संख्या में इजाफा हो जाता है. इस बार भी ऐसा ही होने की संभावना है. ऐसे में मुकाबला काफी दिलचस्प हो सकता है. वर्तमान पार्षद के अलावा उमाशंकर यादव और अन्य उम्मीदवारों के लिए चुनावी राह आसान नहीं रह जा.
पूर्व पार्षद उमाशंकर यादव इस बार फिर से मैदान में उतरने की तैयारी में है. हालांकि, दो बार उनकी पत्नी प्रतिमा देवी दूसरे नंबर पर थी. बतौर उमाशंकर यादव वर्ष 2002 में चुनाव जीते थे. उस समय 48 प्रत्याशी मैदान में थे. तब भी कोई फर्क नहीं पड़ा था. इस क्षेत्र के ज्यादातर लोग व्यापार से जुड़े हैं. पुराना इलाका है. राजनीति गहरी होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें