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एटीएम के सामने दिखी कैश काउंटर से अधिक भीड़
थोड़ी राहत. नोटबंदी के बाद की पहली सैलरी डे पर बैंकों में नहीं दिखीं लंबी कतारें, लोगों ने ली राहत की सांस पटना : एक दिसंबर नोटबंदी के बाद की पहली सैलरी डे थी. आशंका थी कि इस अवसर पर बैंकों पर लंबी लाइन लगेगी और लोगों के लिए पैसा निकालना मुश्किल होगा. स्थिति का […]
थोड़ी राहत. नोटबंदी के बाद की पहली सैलरी डे पर बैंकों में नहीं दिखीं लंबी कतारें, लोगों ने ली राहत की सांस
पटना : एक दिसंबर नोटबंदी के बाद की पहली सैलरी डे थी. आशंका थी कि इस अवसर पर बैंकों पर लंबी लाइन लगेगी और लोगों के लिए पैसा निकालना मुश्किल होगा. स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रभात खबर की टीम ने शहर के बैंकों का जायजा लिया. इसमें एसबीआइ, इलाहाबाद बैंक, सेंट्रल बैंक, देना बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और आंध्रा बैंक जैसे राष्ट्रीयकृत बैंकों के अतिव्यस्त शाखाओं के साथ-साथ कम व्यस्त शाखाएं भी शामिल थीं. शहर के विभिन्न एटीएम का भी जायजा लिया गया.
शहरवासियों के लिए यह सुकून भरा था कि ज्यादातर बैंकों में बहुत भीड़-भाड़ नहीं थी. एसबीआइ, सिंचाई भवन और जेडी वीमेंस कॉलेज जैसी शाखाओं में पहले भी बहुत भीड़ भाड़ रहती थी, गुरुवार को भी वैसी ही स्थिति दिखी. कहीं वृद्धि भी दिखी तो 10-20 फीसदी से अधिक नहीं. तुलनात्मक रूप में एटीएम के कारण लोग अधिक परेशान दिखे और कहीं-कहीं इस पर बैंकों के कैश काउंटर से अधिक भीड़ दिखी. इधर रिजर्व बैंक में भी पुराने नोट बदलने वालों की संख्या में लगातार कमी देखी जा रही है. बैंक के अनुसार गुरुवार को करीब 200 लोगों ने पुराने नोट बदले.
स्टेट बैंक, श्रीकृष्णापुरी दोपहर 12 बजे
महज 20-20 लोग बैंक में देखे गये. इनमें से अधिकांश लोग कुरसी पर बैठे थे. पांच काउंटर के आगे एक-एक कुर्सी ग्राहकों के लिए रखी थीं, ताकि वेतनभोगी तथा पेंशनरों को परेशानी न हो. पेंशन लेने पहुंचे अनुराग माथुर ने बताया कि पहले डरा हुआ था कि आज लंबी लाइन में लगना पड़ेगा, पर राहत की सांस ली.
बीओबी, डाकबंगला दोपहर 1:30 बजे
बैंक ऑफ बड़ौदा में आठ पेंशनर अपना पेंशन निकालने आये थे. इसमें ज्यादातर पटना नगर निगम के पेंशनधारक थे. अपनी पत्नी के साथ पेंशन निकालने आये शिव शरण ने बताया कि दवा के लिए पैसों की जरूरत थी, इसलिए पेंशन निकालने आया हूं. घर से निकल रहा था, तो पड़ोस के लोग आज बैंक जाने से मना कर रहे थे. उनका कहना था कि आज पहली तारीख है. काफी भीड़ होगी, मगर पांच-छह लोग ही आये हैं.
इलाहाबाद बैंक, कोतवाली थाना : दोपहर 1:00 बजे
बैंक की मुख्य शाखा में सामान्य दिनों की तरह भीड़ देखी गयी. वेतनभोगी एक भी नहीं मिले. पटना सिटी से पेंशन लेने आये राम भजन सिंह ने बताया कि कहीं कोई परेशानी नहीं हैबैंक के सहायक महाप्रबंधक आरके लाल ने बताया कि यहां एक हजार से अधिक वेतनभोगियों के खाते हैं. इनमें पटना विश्वविद्यालय, पर्यटन विकास निगम, ब्रेडा, बुडको आदि के कर्मचारी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि शहर के अधिकांश लोग कार्ड से ही खरीदारी करते हैं. इसलिए बैंक शाखा में भीड़ नहीं है.
नहीं पहुंचा वेतन, तो लौटे निराश
मौर्यालोक स्थित देना बैंक की मुख्य शाखा में 4500 कर्मचारियों का खाता है. इनमें आयकर, नाबार्ड, पटना नगर निगम के कर्मचारी शामिल हैं. सबसे अधिक पटना नगर निगम के कर्मचारी हैं. आज पटना नगर निगम के कई कर्मचारी अपना वेतन निकालने पहुंचे, तो उन्हें निराश लौटना पड़ा. इसका मुख्य कारण खाता में पैसा जमा नहीं होना था. बैंक के शाखा प्रबंधक ने बताया कि वेतन आने में दो-तीन दिन का समय लगेगा.
एसबीआइ, सचिवालय सुबह 11.30 बजे
अंदर का पूरा हॉल ग्राहकों से भरा हुआ है. 11 में से 9 काउंटर चालू हैं. इनमें 8 पर वेतन-पेंशन का भुगतान हो रहा है. हर काउंटर पर लंबी लाइन लगी है, जिसमें 25-30 लोग खड़े हैं. आगे खड़े लोग थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं, क्योंकि लाइन में एक-डेढ़ घंटा खड़ा रहने के बाद वे वहां तक पहुंचे हैं. पीछे खड़े लोग लाइन की धीमी गति से परेशान हैं.
एसबीआइ, हाइकोर्ट दोपहर 12.30 बजे
दो एकल खिड़की काउंटर खुला है. इनमें एक के पीछे बैठा काउंटर
क्लर्क चेक के विवरण का कंप्यूटर में इंट्री कर रहा है जबकि दूसरा क्लर्क विंडो के पार खड़े ग्राहक को देने के लिये नोट गिन रहा है. दोनों काउंटर पर लाइन लगी है जिस पर आठ दस वकील और हाइकोर्ट के कर्मी खड़े हैं. हाथ में दिख रहे चेक और पासबुक से स्पष्ट है कि ज्यादातर लोग वेतन और पेंशन लेने के लिए आये हैं.
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