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बिहार में मृदा स्वास्थ्य जांच कार्ड लक्ष्य से पीछे
53 लाख मृदा जांच का लक्ष्य, अब तक बांटे गये 12 लाख जांच कार्ड पटना : राज्य में किसानों के खेतों की मृदा की स्वास्थ्य जांच कर उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने की याेजना लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है. उपज बढ़ाने के लिए मार्च, 2017 तक राज्य के सभी किसानों के खेतों के मृदा […]
53 लाख मृदा जांच का लक्ष्य, अब तक बांटे गये 12 लाख जांच कार्ड
पटना : राज्य में किसानों के खेतों की मृदा की स्वास्थ्य जांच कर उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने की याेजना लक्ष्य से काफी पीछे चल रही है. उपज बढ़ाने के लिए मार्च, 2017 तक राज्य के सभी किसानों के खेतों के मृदा की स्वस्थ्य की जांच कर किसानों को जांच कार्ड देने का निर्णय लिया गया था.
केंद्र सरकार के निर्देश पर कृषि विभाग ने मार्च 2017 तक राज्य के सभी 1.15 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य जांच कार्ड उपलब्ध कराने की तैयारी शुरू की, ताकि मृदा की स्वास्थ्य के अनुसार खाद और बीज का प्रयोग कर बेहतर उपज लिया जा सके. इसके लिए पूरे बिहार की खेतों को 53 लाख ग्रीड में बांटा गया. इतने ही मिट्टी की जांच में राज्य के शत प्रतिशत किसानों को जांच कार्ड मिल जायेगा. कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि अब तक 12 लाख मिट्टी जांच कार्ड का वितरण किया जा चुका है.
पांच दिसंबर को पांच लाख मृदा स्वास्थ्य जांच कार्ड किसानों के बीच बांटा जायेगा. इसके लिए जिला कृषि पदाधिकारी को प्रखंड स्तर पर शिविर लगाकर मृदा जांच कार्ड बांटने का निर्देश दिया गया है. इतने मृदा जांच कार्ड वितरण के बावजूद विभाग के लिए 36 लाख मिट्टी के नमूने की जांच चुनौती है. कृषि विभाग के अधिकारी ने बताया कि सात जिलों में मृदा जांच को गंभीरता से नहीं लिया गया. इसमें भोजपुर, नालंदा, बक्सर, सीतामढ़ी, जमुई, अररिया और सुपौल जिले शामिल है.
इन जिलों से मृदा जांच के काम नहीं होने से लगभग 15 से 18 लाख जांच कार्ड प्रभावित हुआ है. वहीं किशनगंज, शेखपुरा, अररिया, भोजपुर और औरंगाबाद से किसानों से मिले मिट्टी जांच के नमूने को जांच के लिए भेजा ही नहीं गया. अधिकारी ने बताया कि पांच जिलों में तो मिट्टी जांच के लिए आवश्यकता से काफी कम कर्मचारी होने के कारण जांच कार्य प्रभावित हुआ है. अधिकारी ने बताया कि राज्य में 245 सरकारी फार्म की भी मिट्टी जांच नहीं की जा सकी है. विभाग ने सभी संबंधित जिलों के जिला कृषि पदाधिकारी को मिट्टी जांच कराने का निर्देश दिया है.
कृषि विभाग के निदेशक हिमांशु कुमार राय ने कहा कि कृषि समन्वयकों की कमी के कारण मिट्टी जांच के मामले में लक्ष्य से पीछ हैं. जल्द ही इस समस्या को दूर कर लिया जायेगा. राय ने कहा कि उम्मीद है कि मार्च 2017 तक मिट्टी जांच के लक्ष्य के करीब पहुंच जायेंगे. उन्होंने कहा कि जिलों में मिट्टी जांच में आने वाली बाधा को जल्द ही दूर कर लिया जायेगा. इसके लिए विभाग के स्तर पर तैयारी की जा रही है.
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