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जनता के प्रति नैतिक जिम्मेवारी भूल गयी है भाजपा : जदयू
पटना. पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रवक्ताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू के विधान पार्षद सह प्रवक्ता नीरज कुमार, राजीव रंजन प्रसाद, नवल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में इंदौर-पटना एक्सप्रेस रेल हादसे में 141 लोगों की मौत हो गयी. लोग अपने परिजनों की […]
पटना. पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रवक्ताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में जदयू के विधान पार्षद सह प्रवक्ता नीरज कुमार, राजीव रंजन प्रसाद, नवल शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के कानपुर में इंदौर-पटना एक्सप्रेस रेल हादसे में 141 लोगों की मौत हो गयी. लोग अपने परिजनों की खोज-खबर को लेकर परेशान थे, वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी के ही आगरा में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे.
एक तरफ बिहार सरकार ने जारी होने वाली रिपोर्ट कार्ड को स्थगित कर दिया, वहीं प्रधानमंत्री आगरा गये, लेकिन कानपुर जाकर पीड़ितों का हाल नहीं जाने. रेल मंत्री सुरेश प्रभु भी घटना के 15 घंटे बाद कानपुर पहुंचे. उन्होंने कहा कि भाजपा जनता के प्रति नैतिक जिम्मेवारी भूल गयी है. पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री अपने आप को प्रधान सेवक कहते हैं, लेकिन अगर देश का प्रधान सेवक इतना संवेदनहीन हो जाये तो यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है.
उन्होंने कहा कि रेल हादसे में सौ से अधिक लोगों की मौत गयी, लेकिन रेल मंत्री सुरेश प्रभु प्रधानमंत्री की चिरौरी में आगरा में रहे. वे हादसे के 15 घंटे बाद कानपुर पहुंचे. जबकि सबसे पहले पहुंचने की नैतिक जिम्मेदारी उनकी थी. पीएम भी दो घंटे तक रेलवे की गैलरी देखते रहे, लेकिन वे कानपुर नहीं गये. कानपुर में लोगों की लाश पड़ी थी और यूपी भाजपा नेता प्रधानमंत्री के लिए तालियां बजवा रहे थे.
वहीं, जो पीड़ित परिवार पटना लौट रहे थे तो न तो भाजपा न ही आरएसएस के लोग उनकी मदद को नजर आये. बिहार भाजपा के नेता प्रोटोकॉल विशेषज्ञ बनते हैं, लेकिन वे भी चुप्पी साधे हुए हैं. भाजपा की कार्यशैली सामने आ गयी है और वे जनता के प्रति नैतिक जिम्मेदारी भूल रहे हैं.
भाजपा नेताओं की मर गयी संवेदना : संजय
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि राजनीति में संवेदना एक बड़ी चीज होती है, लेकिन भाजपा नेताओं की संवेदना मर गयी है. पटना-इंदौर एक्सप्रेस रेल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा में सभा को संबोधित किया और खूब राजनीति भी की. ये देश का दुर्भाग्य है कि देश में एक बड़ा हादसा हुआ और उस देश के प्रधानमंत्री बगल में रहते हुए भी घटना स्थल तक नहीं पहुंचते हैं.
वहीं, नीतीश कुमार हैं जिनके अंदर देश के लोगों के प्रति संवेदना है कि उन्होंने अपनी रिपोर्ट कार्ड को स्थगित कर दिया. राजनीति में तो हर रोज बयानबाजी होती है, लेकिन अपने अंदर कुछ संवेदना भी रखनी चाहिए . लगता है वो संवेदना सुशील मोदी के अंदर मर चुकी है.
इस दुख की घड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख व्यक्त करते हुए रिपोर्ट कार्ड पेश करने का कार्यक्रम को रद्द कर दिया. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के काम से सुशील मोदी कांपने लगे हैं. वो अब सोचने लगे हैं कि वो आगे की राजनीति कैसे करेंगे? नीतीश कुमार के काम करने का तरीका ही कुछ ऐसा है. बिहार में नीतीश कुमार ने जैसे ही मुख्यमंत्री पद की शपथ ली वैसे ही वो अपने सात निश्चयों को पूरा करने में लग गये.
विधानसभा चुनाव में उन्होंने बिहार के युवाओं के लिए जो निश्चय किया था कि उनका भविष्य उज्ज्वल हो उसकी तैयारी में लग गये, उन्होंने कहा नीतीश निश्चय यह सुनिश्चत करेगा कि राज्य में ही युवाओं को शिक्षा और रोजगार के बेहतर अवसर मिले. महिला सशक्तिकरण को और आगे बढ़ाया जाये और हर एक नागरिक तक जीवनयापन की मूलभूत सुविधाएं पहुंचे. रोजगार और शिक्षा के अवसरों को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रेरित आर्थिक हल, युवाओं को बल राज्य के करोड़ों युवाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए उनके भविष्य को सुरक्षित करने में सहायक होगा.
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