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क्लास वन सड़कों की मरम्मत की बाधा दूर
ग्रामीण कार्य विभाग जल्द मरम्मत का काम शुरू करेगा पटना : ग्रामीण कार्य विभाग की क्लास वन की सड़कों के निर्माण की बाधा दूर हो गयी है जल्द ही इन सड़कों की मरम्मत का काम शुरू होगा. विभाग इस आकलन में जुट गया है कि कितनी सड़कों की मरम्मत करानी होगी. राज्य में विभाग की […]
ग्रामीण कार्य विभाग जल्द मरम्मत का काम शुरू करेगा
पटना : ग्रामीण कार्य विभाग की क्लास वन की सड़कों के निर्माण की बाधा दूर हो गयी है जल्द ही इन सड़कों की मरम्मत का काम शुरू होगा. विभाग इस आकलन में जुट गया है कि कितनी सड़कों की मरम्मत करानी होगी. राज्य में विभाग की 1.22 लाख किलोमीटर सड़कें हैं, जिनमें 61 हजार किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो चुका है.
विभाग मरम्मत के लिए प्रति किलोमीटर 7 से 30 लाख रुपये उपलब्ध करायेगा. सभी कार्यपालक अभियंताओं से कहा गया है कि आकलन करके बतायें कि उनके यहां क्लास वन की कितनी किलोमीटर सड़क है और किन सड़कों को मरम्मत की जरूरत है. इस संबंध में व्यापक दिशा-निर्देश जारी किया गया है. इस काम को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतने को कह गया है. ग्रामीण कार्य विभाग में पीएमजीएसवाइ, एमएमजीएसवाइ व जीटीएसएनवाइ के द्वारा सड़कों का निर्माण होता है. पीएमजीएसवाइ मेंजिन सड़कों का निर्माण होता है उसके लिए केंद्र सरकार 60 फीसदी राशिदेती है 40 फीसदी राज्य को लगाना होता है.
विभाग में सड़कों की मरम्मत की व्यवस्था यह है कि सड़क के डीपीआर के समय ही पांच साल तक के मरम्मत की राशि की व्यवस्था कर दी जाती है. सड़क निर्माण के बाद संबंधित एजेंसी को पांच साल तक सड़कों की रखरखाव का काम भी करना होता है. विभाग क्लास वन की सड़कों में वैसी सड़कों को रखता है जो अनुमंडल या प्रखंड मुख्यालय को जोड़ती हो, सड़क की लंबाई अधिक हो. अस्पताल या अन्य महत्वपूर्ण स्थानों को जोड़ता हो. सड़क निर्माण के पांच साल के बाद मरम्मत करने में काफी परेशानी होती थी
लेकिन अब मरम्मत का बाधा दूर कर दी गयी है.
बुद्धिस्ट सर्किट की सबसे प्रमुख बिहारशरीफ-गया नेशनल हाइवे 82 का निर्माण काम इस माह के अंत में शुरू हो जायेगा. जायका की फंडिंग से बननेवाली राज्य की यह पहली सड़क है. फोर लेन बनाने का काम हैदराबाद की कंपनी गायत्री प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को मिला है. तीन साल में फोर लेन बनाने का काम पूरा होगा.
फोर लेन बनाने के लिए 80 फीसदी जमीन उपलब्ध होने के बाद कंपनी को वर्क ऑर्डर मिल गया है. फोर लेन बनने से बुद्धिस्ट सर्किट क्षेत्र में लोगों को आने-जाने में सुविधा बढ़ेगी. बिहार राज्य पथ विकास निगम के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि सड़क निर्माण कंपनी को वर्क ऑर्डर मिलने के बाद कंपनी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. कंपनी द्वारा बेस कैंप तैयार करने के साथ काम में इस्तेमाल होनेवाली मशीन लाया गया है. 15 दिनों में सड़क निर्माण का काम शुरू होगा. बिहारशरीफ-नालंदा-राजगीर-हिसुआ गया के बीच 93 किलोमीटर फोर लेन के निर्माण पर 1408 करोड़ खर्च होंगे. फोर लेन का निर्माण जापान की फंडिंग एजेंसी जायका के सहयोग से होगा. बिहारशरीफ से गया के बीच अभी टू लेन सड़क है. इसे तीन साल में फोर लेन बनाना है.
जायका से मिलेगा 1216 करोड़ सहयोग : फोर लेन बनाने के लिए जायका से लोन मिलने पर करार हुआ. फोर लेन बनाने में 1408 करोड़ खर्च होंगे. इसमें जायका से 1216 करोड़ लोन मिलेगा.
इस इलाके को मिलेगा लाभ
बिहारशरीफ-गया फोर लेन बनने से बुद्धिस्ट सर्किट क्षेत्र में वाहनों के आवागमन की सुविधा बढ़ेगी. इस सड़क की कनेक्टिविटी पटना-गया-डोभी के अलावा मोकामा-बरबीघा व बिहरारशरीफ के साथ होगा.
साथ ही सड़क की कनेक्टिविटी पटना-बख्तियारपुर एन.एच- 30 व रजौली-बख्तियारपुर एन.एच.- 31 के साथ होने से सुविधा बढ़ेगी. बौद्ध पर्यटक गया से हिसुआ होते हुए राजगीर,नालंदा आने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.
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