पटना. भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि करोड़ों रुपये के चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद, शारदा चिट फंड घोटाले में फंसी ममता बनर्जी तथा यूपीए सरकार के समय सीबीआई को मैनेज कर आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी होने वाले मुलायम सिंह यादव और मायावती को कालेधन पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है.
कालाधन समाप्त करने की प्रधानमंत्री की ऐतिहासिक पहल के खिलाफ जो लोग लोकलाज भूलकर एकजुट हो रहे हैं, उनसे जनता को सावधान रहना चाहिए. मोदी ने कहा कि जनता की कठिनाई के बहाने जो गोलबंदी हो रही है, उसमें दो तरह के नेता शामिल हैं. पहले राहुल गांधी जैसे लोग है, जो कई पीढ़ियों से कभी बैंक नहीं गये, लेकिन अब 4 हजार रुपये के लिए लाइन में खड़े होकर फोटो खिंचाते हैं. दूसरे वे हैं जिन्होंने अपनी सात पीढ़ियों के लिए धन जुटा लिया. नोटबंदी की घोषणा के बाद बिहार में संचालित दर्जनों क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी के जरिये करोड़ों रुपये का कालाधन खपाया जा रहा है. राज्य सरकार को इस पर कार्रवाई करनी चाहिए. जो लोग नकदी की तात्कालिक समस्या को तूल देकर नोट बंदी का विरोध कर रहे हैं, वे ही नमक की कमी जैसी अफवाह से अराजकता फैलाते हैं.
फर्जिकल स्ट्राइक बोलना बंद करें लालू : डॉ प्रेम कुमार
विधानसभा में विपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश से काले धन व भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए जो बड़ा कदम उठाया है वह ऐतिहासिक है. राजद अध्यक्ष लालू यादव इसे फर्जिकल स्ट्राइक कहा है. वे इस तरह का बयान न दें. डॉ कुमार ने कहा कि लालू प्रसाद काले धन को समाप्त करने के पक्ष में नहीं हैं. डॉ कुमार ने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव, बसपा प्रमुख मायावती व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी काले धन के समर्थन में खड़े हैं. पूरा देश काले धन के विरोध में खड़ा हैं.
काला धन समाप्त होने से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री शराबबंदी कानून पर लोक संवाद कर रहे हैं. उन्होंने आखिर यह मान ही लिया कि राज्य के अंदर पूर्ण शराबबंदी के नाम पर उन्होंने तालिबानी कानून लागू कर दिया है. जनमत के आगे झुकना ही पड़ता है.