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डायबिटिक रेटिनोपैथी से आंखों को खतरा
पटना : मधुमेह धीमा जहर है. यह व्यक्ति को कई स्तर पर प्रभावित करता है. अधिक समय तक बने रहनेवाला मधुमेह शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है, जिसमें आपकी आंखें भी शामिल हैं. डायबिटीज के मरीजों में अगर शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं रहती, तो वह डायबिटिक रेटिनोपैथी के शिकार हो सकते […]
पटना : मधुमेह धीमा जहर है. यह व्यक्ति को कई स्तर पर प्रभावित करता है. अधिक समय तक बने रहनेवाला मधुमेह शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है, जिसमें आपकी आंखें भी शामिल हैं.
डायबिटीज के मरीजों में अगर शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं रहती, तो वह डायबिटिक रेटिनोपैथी के शिकार हो सकते हैं. विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर आइएमए और एआइओएस (ऑल इंडिया ऑप्थेहलमिक सोसायटी) द्वारा संजीवनी आइ हॉस्पिटल में डायबिटीज डिडक्शन एवं रेटिनोपैथी स्क्रीकनिंग कैंप में आइ स्पेशलिस्ट डॉ सुनील सिंह ये बातें कहीं. इस मौके पर 105 लोगों की मधुमेह की जांच की गयी. इसमें 18 लोगों में मधुमेह पाया गया. उसमें से तीन मरीजों में डायबिटिक रेटिनोपैथी भी पायी गयी.
एनएमसीएच के डॉ सुधीर कुमार ने भी आंखों की बेहतर देखभाल की उपयोगिता पर लोगों को जानकारी दी. इस मौके पर डॉ विजय शंकर सिंह, डॉ सहजानंद, डॉ हरिहर दीक्षित, डॉ बंसत सिंह, डॉ सच्चिदानंद आदि उपस्थित थे.
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