उनका कहना है कि पैसे जमा कराने के बाद ही पारस अस्पताल ने मरीज को भरती किया. मरीज की मौत हो गयी, तो पैसे के चलते शव देने से भी इनकार कर दिया. अस्पताल प्रशासन ने बड़ा नोट लेने से मना कर दिया और छह घंटे तक शव कब्जे में रखे रहा. पूजा ने बताया कि उसके बड़े भाई गौतम और उसके पिता सहित दर्जनों रिश्तेदार नौ नवंबर को अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए शास्त्रीनगर थाने गये थे, लेकिन वहां एफआइआर दर्ज नहीं की गयी. सिर्फ मौखिक बातें, सुन कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया. परिजनों ने डीएम के नंबर पर फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं उठा. नतीजा सभी लोग सिर्फ मौखिक शिकायत कर के थाने से चले गये. पूजा ने कहा कि अगर एफआइआर दर्ज नहीं होगी, तो वह सीनियर एसपी से मुलाकात करेगी.
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पारस हॉस्पिटल मामला : मौखिक शिकायत कर लौटे परिजन, डीएम बोलेंगे, तभी एफआइआर
पटना: पारस अस्पताल में धानु महतो की मौत के बाद शास्त्री नगर थाने में परिजनों की एफआइआर नहीं दर्ज की गयी. जब परिजनों ने लिखित में शिकायत दर्ज करने का दबाव बनाया, तो कहा गया कि डीएम के पास जाइए. अगर डीएम कहेंगे, तभी एफआइआर दर्ज होगी. यह आरोप मृतक धानु की पत्नी पूजा देवी […]
पटना: पारस अस्पताल में धानु महतो की मौत के बाद शास्त्री नगर थाने में परिजनों की एफआइआर नहीं दर्ज की गयी. जब परिजनों ने लिखित में शिकायत दर्ज करने का दबाव बनाया, तो कहा गया कि डीएम के पास जाइए. अगर डीएम कहेंगे, तभी एफआइआर दर्ज होगी. यह आरोप मृतक धानु की पत्नी पूजा देवी ने लगाया है. दरअसल मुसलहपुर पटना सिटी की रहने धानु की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था.
उनका कहना है कि पैसे जमा कराने के बाद ही पारस अस्पताल ने मरीज को भरती किया. मरीज की मौत हो गयी, तो पैसे के चलते शव देने से भी इनकार कर दिया. अस्पताल प्रशासन ने बड़ा नोट लेने से मना कर दिया और छह घंटे तक शव कब्जे में रखे रहा. पूजा ने बताया कि उसके बड़े भाई गौतम और उसके पिता सहित दर्जनों रिश्तेदार नौ नवंबर को अस्पताल के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए शास्त्रीनगर थाने गये थे, लेकिन वहां एफआइआर दर्ज नहीं की गयी. सिर्फ मौखिक बातें, सुन कर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया गया. परिजनों ने डीएम के नंबर पर फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं उठा. नतीजा सभी लोग सिर्फ मौखिक शिकायत कर के थाने से चले गये. पूजा ने कहा कि अगर एफआइआर दर्ज नहीं होगी, तो वह सीनियर एसपी से मुलाकात करेगी.
यह सच है कि पारस अस्पताल में मौत के बाद कुछ लोग थाने आये थे. लेकिन उस दौरान मैं थाने में नहीं था. शिकायत करने के लिए पुलिस ने बोला, तो उन्होंने नहीं की. एफआइआर नहीं लिखने की बात पूरी तरह से गलत है, क्योंकि थाने में कोई भी मामला आता है, उसका तुरंत निबटारा होता है.
वीरेंद्र यादव, थाना प्रभारी, शास्त्रीनगर
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