पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब तक सिंचाई के लक्ष्य को हासिल नहीं किया जाता, तब तक कृषि रोड मैप के तहत निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति संभव नहीं है. मंगलवार को लघु जल संसाधन विभाग की दो सौ करोड़ की लागत से पूर्ण हो चुकी योजनाओं का उद्घाटन व 277 करोड़ से बननेवाली दूसरी योजनाओं का शिलान्यास करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में बिहार ने कृषि उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर काम किया है. इसी का परिणाम है कि पिछले साल धान, तो इस साल गेहूं की पैदावार के लिए राष्ट्रपति ने बिहार को कृषि कर्मण पुरस्कार से पुरस्कृत किया है.
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना की भी शुरुआत की. कम व मध्यम गहराई के निजी नलकूप लगानेवाले किसानों को अनुदान राशि का चेक प्रदान किया.
आहर-पइन सिंचाई को भी विकसित किया जायेगा : मुख्यमंत्री ने कहा, बिहार में कृषि की उत्पादकता बढ़ने से यहां के किसानों का उत्साह भी बढ़ा है, लेकिन सिंचाई की निजी व्यवस्था होने से किसानों का आत्मविश्वास और अधिक बढ़ेगा. उन्होंने सिंचाई के सभी साधनों को विकसित किया जाने पर जोर देते हुए कहा कि यहां आहर-पइन से सिंचाई की व्यवस्था मौर्यकालीन है और हम उसे भी विकसित कर रहे हैं. शताब्दी निजी नलकूप योजना के बारे में उन्होंने कहा कि इस योजना से लाभान्वित होनेवाले किसानों को बैंकों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा.
सीधे राज्य सरकार की एजेंसी और किसानों के बीच काम होगा. इस योजना को बहुत सरल बनाया गया है. यह योजना राज्य के सभी प्रखंडों में लागू की गयी है. लघु सिंचाई मंत्री अवधेश प्रसाद कुशवाहा ने कहा कि हमारा विभाग अब तक जल संसाधन विभाग के छोटे भाई की हैसियत से काम करता रहा है. इस विभाग में स्वीकृत बल के मुकाबले महज 30 प्रतिशत कार्य बल ही उपलब्ध हैं. अब अभियंताओं का संवर्ग बनने से लघु सिंचाई योजनाओं को पूरा किया जा रहा है. मौके पर अजा व अजजा कल्याण मंत्री जीतन राम मांझी, मुख्य सचिव एके सिन्हा आदि उपस्थित थे.
बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना
इस योजना में कम गहराई (70 मीटर तक) तथा मध्यम गहराई (70 मीटर से अधिक 100 मीटर तक) मांग पर आधारित नलकूप सेट के लिए किसानों को अनुदान देने का प्रावधान है. शैलो नलकूप के बोरिंग के लिए 100 रुपये प्रति दिन (328 रुपये प्रति मीटर) की दर से अधिकतम 15 हजार रुपये तक का अनुदान देय होगा. मध्यम गहराई के नलकूप की बोरिंग के लिए 182 रुपये (597 रुपये प्रति मीटर) की दर से अधिकतम अनुदान 35 हजार रुपये का अनुदान देय है. साथ ही सभी प्रकार के मोटर पंप सेट (सेफ्टीफ्यूगल अथवा सब मर्सिबल मोटर पंप सेट) के लिए अधिकतम खुदरा मूल्य का 50 प्रतिशत की दर से अथवा दस हजार रुपये दोनों में से जो कम होगा, देय है.