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सैदपुर छात्रावास के लिए सरकार के पास नहीं है पैसा
पटना हाइकोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी, संग्रहालय के लिए हजारों करोड़ पटना : पटना उच्च न्यायालय ने पटना यूनिवर्सिटी के सैदपुर एवं अन्य छात्रावासों की स्थिति पर तल्ख टिप्पणी की है. जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह और जस्टिस नीलू अग्रवाल की कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय कंवेशंन सेंटर और संग्रहालय के निर्माण पर करोड़ों […]
पटना हाइकोर्ट ने की तल्ख टिप्पणी, संग्रहालय के लिए हजारों करोड़
पटना : पटना उच्च न्यायालय ने पटना यूनिवर्सिटी के सैदपुर एवं अन्य छात्रावासों की स्थिति पर तल्ख टिप्पणी की है. जस्टिस नवनीति प्रसाद सिंह और जस्टिस नीलू अग्रवाल की कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार अंतरराष्ट्रीय कंवेशंन सेंटर और संग्रहालय के निर्माण पर करोड़ों का खर्च कर रही है, जबकि शिक्षा के मंदिर जहां छात्र पढ़ते हैं, वहां छात्रावासों के निर्माण के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं.
कोर्ट ने कहा कि पीयू में पढ़े दो पूर्व छात्र अब केंद्र में मंत्री भी हैं. यहां के छात्र सरकार के बड़े अधिकारी, साहित्यकार और समाजसेवी भी हुए. लेकिन, किसी ने भी इसकी सुधि नहीं ली. कोर्ट ने इस मामले में मुख्य सचिव, शिक्षा सचिव, भवन निर्माण सचिव और आधारभूत संरचना निगम के एमडी तथा पीयू के कुलपति व रजिस्ट्रार समेत अन्य अधिकारियों को 28 अक्तूबर काे तलब किया है.
सैदपुर बम विस्फोट के बाद लिया संज्ञान : एक अगस्त को सैदपुर छात्रावास में हुए बम विस्फोट के बाद स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि सैदपुर एवं अन्य छात्रावासों में छात्र तो दूर जानवर भी रहने लायक नहीं है.
कोर्ट ने यह भी कहा कि पीयू को कभी पूर्वी एशिया का ऑक्सफोर्ड कहा जाता था. आज उसकी हालत देख कर दुख होता है. सुनवाई के दौरान कहा कि कोई सोच भी नहीं सकता कि सैदपुर छात्रावास को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन का सहयोग नहीं मिल रहा. नाराज खंडपीठ ने कहा कि अप्रैल महीने में छात्रावासों की चाहरदीवारी बनाने के लिए पैसा उपलब्ध हो गया, लेकिन अब तक इसका निर्माण शुरू नहीं हो पाया है.
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