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अटेंशन ! हम नहीं सुधरे तो पटनावालों, तुम क्या सुधरोगे
दशहरा महोत्सव . असरानी व राजीव की गुदगुदी पर लगे ठहाके पटना : अटेंशन! हम अंगरेजों के जमाने के जेलर हैं. आधे इधर जाओ, आधे उधर जाओ और बाकी हमारे साथ आओ. जब हम नहीं सुधरे, तो पटनावालों तुम क्या सुधरोगे? इस डायलॉग से लोगों के जेहन में कैद मशहूर कॉमेडियन असरानी जैसे ही लाल […]
दशहरा महोत्सव . असरानी व राजीव की गुदगुदी पर लगे ठहाके
पटना : अटेंशन! हम अंगरेजों के जमाने के जेलर हैं. आधे इधर जाओ, आधे उधर जाओ और बाकी हमारे साथ आओ. जब हम नहीं सुधरे, तो पटनावालों तुम क्या सुधरोगे? इस डायलॉग से लोगों के जेहन में कैद मशहूर कॉमेडियन असरानी जैसे ही लाल कोट और ब्लैक पैंट में गांधी मैदान में इंट्री की पांच मिनट तक तालियां बजती रहीं.
स्वागत से अभिभूत असरानी ने कहा कि देश के साथ पूरी दुनिया घूमा है. अमेरिका, लंदन, कनाडा सब जगह गया, लेकिन पटना जैसा सम्मान नहीं मिला. मैं पूरी फिल्म इंडस्ट्री की ओर से बिहार को सलाम करता हूं. पटनावासियों का इस्तकबाल करता हूं….व्हाट ए सेंटी पटना? मैंने सुना है कि दशहरे के महोत्सव बरसों बाद शुरू हुआ है. यहां की समृद्ध परंपरा का हिस्सा रहा महोत्सव फिर से शुरू हुआ है. उन्होंने बिहार सरकार और महोत्सव के आयोजक कमिश्नर आनंद किशोर की तारीफ के पुल बांधे, कहा-परंपरा जीवित करने पर मेरा सलाम.
बिहार के नौजवान देश की जान : उन्होंने कहा कि बिहार के नौजवान देश की जान हैं. देखिए मैं यहां आया हूं और पता चलता कि सिनेमाई परदे पर हमारे अदाकारी को यहां कितना सम्मान दिया जाता है. उन्होंने कहा कि बिहार देश की दिशा तय करती है, यहां से शुरू हुआ महोत्सव फिर वही लकीर तय करेगा. वे इतने भावुक हो गये कि प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर के प्रति श्रद्धा भाव से झुक गये. कमिश्नर ने भी असरानी को गले से लगा लिया. असरानी यहीं नहीं रुके, वे डी एरिया में आये और दर्शक दीर्घा में लोगों से हाथ मिलाकर अभिभावदन को स्वीकार किया.
चुटकुलों पर लोगों ने खूबी बजायीं तालियां
ठहाकों का दौर यहीं नहीं थमने वाला था. टीवी के स्टार कॉमेडियन राजीव ठाकुर के आते ही इसमें खूब बढ़ोतरी हो गयी. राजीव ने पति-पत्नी के रिश्तों से लेकर ताजा राजनैतिक हालात पर भी खूब टिप्पणी की. उन्होंने आते ही शायरों पर निशाना साधते हुए कहा कि बताइए जितने शायर हुए सभी ने लड़कियों की तारीफ में ही कसीदे गढ़े. न जाने क्या क्या कहा?
भगवान ने उनको फुरसत में बनाया और ये रेशमी जुल्फें…अब बताइए हम लड़कों के लिए टेंडर निकाला गया था क्या? इसके बाद पति-पत्नी के खट्टे-मीठे रिश्ते पर टिप्पणी-पति-पत्नी को एक साथ बिठा दो तो लगेगा कि कहीं बुश और लादेन को बिठा दिया गया हो.
इस ह्यूमर पर इतनी तालियां बजीं कि ठाकुर कहने से नहीं चुके कि आठ साल बाद पटना आया हूं, लेकिन वही प्यार और वही दुलार. कार्यक्रम के बीच-बीच में गीत-संगीत का कार्यक्रम चलता रहा और स्थानीय हास्य कलाकार सत्येंद्र नाथ दूरदर्शी ने मोबाइल और भोजपुरी गाने पर चुटकी लेते हुए खूब गुदगुदाया. कमिश्नर द्वारा सभी कलाकारों का स्वागत पुष्पगुच्छ और अंगवस्त्र देकर किया गया.
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