– विजय सिंह –
पटना : बेडरोल धुलाई के लिए रेलवे और ठेकेदार के बीच करार है कि 48 घंटे के निर्धारित शिड्यूल में बेडरोल सप्लाइ की जायेगी. 12 घंटे स्टेशन के स्टोर में सफाई की जांच होगी. सफाई की पुष्टि के बाद ही ट्रेन में सप्लाइ दी जायेगी. लेकिन जांच पीरियड के 11 घंटे तक ठेकेदार बेडरोल की सप्लाइ ही नहीं दे रहे हैं. ट्रेन छूटने के एक घंटे पहले सप्लाइ दी जा रही है. हालत यह है कि राजधानी एसी सुपर फास्ट एक्सप्रेस में रोज होने वाली करीब 4000 चादर, 1000 कंबल, तौलिया की सफाई की जांच महज एक घंटे में हो रही है. बावजूद रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई के नाम पर खामोश हैं.
एक और खुलासा : दानापुर मंडल के सभी ट्रेनों के एसी कोच में बेडरोल सप्लाइ के मामले में एक और खुलासा हुआ है. यह राज खुला है रेलवे और धुलाई ठेकेदार के बीच हुए करारनामे के दस्तावेज से. करार के मुताबिक ट्रेन से गंदे चादर हटाने के बाद ठेकेदार को 48 घंटे में चादर को धो कर स्टेशन के बेडरोल स्टोर में सप्लाइ देनी होती है. यह शिड्यूल ट्रेन के छूटने के समय को ध्यान में रखकर बनाया गया है. इसलिए ट्रेन के छूटने के निर्धारित समय से बारह घंटे पहले सप्लाइ देने का प्रावधान है. बारह घंटे में बेडरोल इंचार्ज को स्टोर में बेडरोल के सफाई की पुष्टि करनी होती है. इसके बाद ट्रेन में साफ-सुथरे बेडरोल की सप्लाइ का नियम है.
लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. राजधानी जैसी वीआइपी ट्रेन में बेडरोल सप्लाइ का हाल है कि शाम के सात बजे राजेन्द्रनगर टर्मिनल के प्लेटफार्म पर ट्रेन लगने से एक घंटे पहले बेडरोल का बंडल स्टोर में पहुंचता है. बेडरोल इंचार्ज को सफाई जांच के लिए बारह घंटे की जगह एक घंटे का ही वक्त मिलता है. एक घंटे में चार हजार चादर, एक हजार कंबल व तौलियों की जांच करनी होती है.
क्या कहते हैं अधिकारी : वरीय मंडल यांत्रिक अभियंता श्रवण कुमार कहते हैं कि शिड्यूल के हिसाब से बेडरोल की सप्लाइ हो रही है या नहीं, इसकी जानकारी नहीं है.