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खिलाड़ी की समस्या फिजियोथेरेपिस्ट ही कर सकेंगे दूर
पटना : एक खिलाड़ी की समस्या फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर ही दूर कर सकेंगे. क्योंकि खिलाड़ियों में आनेवाली स्ट्रेचिंग, ट्रिगर प्वाइंट रिलीज, डीप टिश्यू तकनीक को फिजियो के डॉक्टर ही दूर करते हैं. यह कहना है आइजीआइएमएस के फिजियोथेरेपी विभाग के सीनियर डॉ रत्नेश चौधरी का. विश्व फिजियोथेरेपी सप्ताह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ रत्नेश […]
पटना : एक खिलाड़ी की समस्या फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर ही दूर कर सकेंगे. क्योंकि खिलाड़ियों में आनेवाली स्ट्रेचिंग, ट्रिगर प्वाइंट रिलीज, डीप टिश्यू तकनीक को फिजियो के डॉक्टर ही दूर करते हैं. यह कहना है आइजीआइएमएस के फिजियोथेरेपी विभाग के सीनियर डॉ रत्नेश चौधरी का. विश्व फिजियोथेरेपी सप्ताह के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में डॉ रत्नेश ने बताया कि 130 करोड़ के आबादी वाले भारत में महज दो पदक ही मिले. 117 सदस्यीय टीम में बिहार का एक भी खिलाड़ी नहीं था. इसके पीछे या तो मेडिकल दिक्कत या फिर खिलाड़ियों का फिजियोथेरेपी नहीं करना है.
लोगों को जागरूक करते हुए उन्होंने कहा कि कई ऐसे खिलाड़ी हैं जिनको स्ट्रेचिंग या ट्रिगर की समस्या आने पर वह रेडियोलॉजिस्ट या फिर अन्य चिकित्सा सुविधाओं का सहारा लेते हैं, नतीजा अंत तक बीमारी सही नहीं हो पाती और प्रतिस्पर्धा से बाहर निकला पड़ता है. वहीं दूसरी ओर वर्ल्ड फिजियोथेरेपी डे पर नि:शुल्क इलाज शिविर कैंप का आयोजन किया गया. लायंस क्लब पाटलिपुत्र एस्ट्रो व ओरो डेंटल की ओर से आयोजित कार्यक्रम की जानकारी देते हुए डॉ राजीव ने कहा कि सैकड़ों लोगों का निशुल्क इलाज किया गया.
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