18.4 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

घर में कीचड़ भरल हई, अब जइबइ त हम सफाई करबइ

राहत. शिविरों से दियारे की ओर लौटने लगे हैं बाढ़पीड़ित बाढ़पीड़ितों के चेहरे पर अपने घर लौटने की खुशी तो है लेकिन वे वहां होने वाली परेशानी को लेकर चिंतित हैं. पटना : बाढ़ के पानी घर में घुस गेलई हे, सोमवारवे के ई घर गेल हलथिन. कहलन की अभी घरवा से पानी निकल गेलउ […]

राहत. शिविरों से दियारे की ओर लौटने लगे हैं बाढ़पीड़ित
बाढ़पीड़ितों के चेहरे पर अपने घर लौटने की खुशी तो है लेकिन वे वहां होने वाली परेशानी को लेकर चिंतित हैं.
पटना : बाढ़ के पानी घर में घुस गेलई हे, सोमवारवे के ई घर गेल हलथिन. कहलन की अभी घरवा से पानी निकल गेलउ हे, लेकिन कीचड़ बहुत हई. चलवे त बोल. तब हम बोलली की बुध के चल साफ करके उहे रहल जाई. यह कहना है नकटा दियारे के रहने वाली मंजु देवी का.
इनके घर में पानी घुस गया था और वह राहत शिविर में आकर रह रही थीं. यह महिला जब नाव पर अपने सामान के साथ चढ़ रही थीं, तो उनकी खुशी देखते ही बन रही थी. अपने घर लौटने की खुशी में वह यह भी भूल गयीं कि उनका पति अभी शिविर से पूरे सामान लेकर नहीं आये हैं, पर वह नाव वाले शंभु को नाव चलाने के लिए कह रही हैं. जब नाव वाले ने कहा कि भाभी अभी न अइलथिन हे, तब वह हंसने लगीं. दीघा घाट से अपने-अपने घर लौटने वाले परिवारों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. परिवार का एक व्यक्ति वहां जाकर साफ-सफाई कर लौट आता है, ताकि वह अपने परिवार को दोबारा से अपने घर में ले जा सके. दियारे के गांवों में अभी कीचड़ भरा है.
एनडीआरएफ की टीम को भी गांव में हो रही परेशानी, आज भी बांटी गयीं दवाएं
एनडीआरएफ की टीम को दियारे इलाके के गांवों में जाने में परेशानी हो रही है. क्योंकि, इनकी नाव कम से कम चार फुट पानी में चलेगी, लेकिन गांव के आसपास पानी कम गया है. कीचड़ से भी नाव चलाने में मुश्किल हो रही है. दीघा घाट पर 35 जवान रहते हैं. मंगलवार को भी उनकी टीम ने नकटा दियारे में जाकर दवाएं बांटीं. इसमें डब्लूएचओ के सदस्य भी शामिल थे.
शांति देवी को पीएमसीएच में कराया गया भरती : बालक मध्य विद्यालय, दीघा में लगे राहत शिविर में नकटा दियारे की शांति देवी को पेट दर्द से परेशान हो गयी. दर्द इतना बढ़ गया कि वहां मौजूद डॉक्टर ने उन्हें तुरंत पीएमसीएच रेफर कर दिया. इसके बाद रात में एसडीओ, पटना सदर को फोन किया गया और कुछ ही देर में एंबुलेंस शिविर तक पहुंच गया. उसके बाद डॉक्टर के साथ शांति देवी को पीएमसीएच भेजा गया, जहां उन्हें इलाज के लिए भरती कर लिया गया. डॉक्टरों के मुताबिक खान-पान में गड़बड़ी से पेट दर्द हुआ था. अब महिला की तबीयत ठीक है.
गर्भवतियों के भोजन की हुई अलग व्यवस्था : बालक मध्य विद्यालय, दीघा में दो बच्चों का जन्म हुआ, जिसमें से एक बच्चा व उसकी मां हॉस्पिटल में विशेष केयर के लिए भरती है. एक बच्चा शिविर में है और बेबी देवी गर्भवती हैं. इन तीनों के लिए विशेष खान-पान की व्यवस्था की गयी है. इनके लिए दूध व फल देने का निर्देश डीएम की ओर से दिया गया है.
प्रसव के बाद महिलाओं को जैसा खान-पान होना चाहिए, वैसा ही खाना देने को कहा गया है. सीडीपीओ बबीता राय ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के मुताबिक यहां बच्चों के खाने के लिए मेन्यू है. उसके अनुसार ही हर दिन खाना दिया जाता है.
राहत शिविर से गायब हो रही थाली, खाने के समय बढ़ जाता आंकड़ा : बालक मध्य विद्यालय दीघा, बीएन कॉलेजिएट, बिहार विद्यापीठ में चलने वाले राहत कैंपों में अब भीड़ अचानक से खाने के वक्त बढ़ जाती है.
शिविरों में रहने वालों को खाना खाने के लिए थाली दी गयी है, लेकिन अब इनके पास थाल नहीं है. वो खाली हाथ खाना खाने पहुंच जाते हैं. इन सभी स्कूलों में आंकड़े से अधिक लोग हर दिन खाना खा रहे हैं.
जब बाहरी लोगों को अधिकारी पहचान कर बाहर जाने को कहते हैं, तो वो उनकी नहीं सुनते हें. ऐसे में राहत कैंपों में काम करनेवाले अधिकारियों की परेशानी बढ़ गयी है.
भोला हर दिन बाहर कमाता है, पर खाना शिविर में खाता : शिविर में रहने वाले लोग बाहर में कमाते हैं और अपने परिवार को यहां शिविर में रखे हुए हैं. नया पानापुर के रहनेवाले भोला से जब पूछा गया कि वह दिन भर शिविर में क्या करता है, तो उसने कहा कि खाना खाने के बाद सुबह में कमाने निकल जाता है. काम मिलने के बाद कमाता है और शाम में दोबारा शिविर में लौट आता है. ऐसे कई लोग हैं.
दूर हुई गंगा, तो घाटों पर दिखने लगी गंदगी
पटना : गंगा का जल स्तर धीरे-धीरे घट रहा है. जल स्तर घटने के साथ ही घाटों पर दलदल व जमा कचरे दिखने लगे हैं. मंगलवार को गांधी घाट का जल स्तर 49.26 मीटर रेकॉर्ड किया गया. वहीं, पानी घटने के साथ गंगा किनारे बच्चों की मस्ती बढ़ गयी है. दीघा घाट पर पानी स्वास्थ्य केंद्र के पास तक पहुंच गया था. पानी कम होने से एनडीआरएफ की टीम को परेशानी हो रही है. क्योंकि, उनके बोट फंस जा रहे हैं. शहर के आसपास में भी गंगा, पुनपुन व सोन का लेबर धीरे-धीरे घट रहा है. जहां पर बाढ़ का पानी घुस गया था.
वहां से पानी निकल रहा है. फतुहा व बख्तियारपुर के एनएच से पानी निकल जाने से लोगों को काफी राहत मिली है. मनेर के दियारे के कुछ इलाको में बाइक का आवागमन शुरू हो गया है. बाजार से भी पानी निकल गया है.
अब कीचड़ व गंदगी से परेशानी : घर कीचड़ से भर गया है, जिसे निकलने में काफी समय लगेगा. बिंद टोली व दियारा के इलाकों में रहने वाले लोग जब मंगलवार को घर वापस गये, तो उनके घरों में कीचड़ भरा पड़ा था. दूसरी ओर, घाटों व घरों के पास से पानी निकलने के बाद गंदगी फैली है.
विभिन्न तरह की बीमारियों के फैलने की आशंका उत्पन्न हो गयी है. ऐसे में इन क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया गया, तो परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
गंगा, सोन व पुनपुन के जल स्तर में गिरावट लगातार जारी है. मंगलवार को भी गंगा के जल स्तर में काफी कमी आयी है. ऐसे में सभी जगहों पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करने का निर्देश दिया गया है. अगले दो दिनों में गंगा के जल स्तर में और कमी आयेगी.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम, पटना
644 राहत शिविरों में हैं 3.92 लाख बाढ़पीड़ित
पटना : पटना वैशाली समेत 12 जिलों की बाढ़ में अब तक 67 लोगो की मौत हो चुकी है. अब भी बाढ़ के कारण 644 राहत शिविरों में लगभग चार लाख लोग पनाह लिये हुए हैं. बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार के 2029 गांवों में के 37.53 लाख लोगों के साथ 3.70 लाख पशु बाढ़ की चपेट में है. बाढ़ से मरने वालों में भोजपुर से 21, वैशाली से सात, भागलपुर से दो, बक्सर से एक, लखीसराय से तीन, खगड़िया से छह, सारण से पांच, मुंगेर से एक, बेगूसराय से नौ और समस्तीपुर से 11 व पटना ऐ एक शामिल हैं.
250 करोड़ की सड़कों की क्षति का अनुमान
पटना : राज्य में आयी बाढ़ से व्यापक रूप से सड़कें प्रभावित हुई है. इसमें भोजपुर, भागलपुर, मुंगेर, लखीसराय, छपरा, समस्तीपुर, खगड़िया, बेगूसराय, नालंदा, बक्सर, गया, पटना व कटिहार जिले में पानी के तेज बहाव के कारण न केवल आवागमन ठप रहा बल्कि सड़कों का नुकसान हुआ है.
बाढ़ग्रस्त इलाके में अधिकांश जगहों पर नेशनल हाइवे, स्टेट हाइवे व जिला सड़कें प्रभावित हुई है. एक अनुमान के अनुसार लगभग 250 करोड़ की सड़कों की क्षति हुई है. यह तो प्रारंभिक अनुमान है. जब सड़कों पर से पानी पूरी तरह हटेगा तब असली क्षति का अनुमान होगा. कहां केवल सड़कों के ऊपरी हिस्से की क्षति और कहां मिट्टी के साथ सड़क का कटाव हुआ है, पानी हटने के बाद ही सड़कों को दुरुस्त करने के वास्तविक खर्च का अनुमान लगेगा. जहां पानी घट गया है, वहां आवागमन शुरू हो चुका है.
बाढ़ का पानी सड़कों पर से हटने के बाद उसे तुरंत वाहनों के आवागमन के लायक बनाने को लेकर पथ निर्माण विभाग ने तैयारी की है.
एनएच 31 पर बख्तियारपुर से आगे व नवगछिया में वाहनों का आवागमन चालू कर दिया गया है. बाढ़ से आधा दर्जन से अधिक एनएच पर विभिन्न जगहों पर पानी बहने से सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है. एनएच 19 हाजीपुर-छपरा में चिकया, जलालपुर, डोरीगंज, दिघवाड़ा, नया गांव सहित आसपास के इलाके में, एनएच 85 छपरा-गोपालगंज, एनएच 31-बख्तियारपुर-मोकामा, एनएच 80-मोकामा के अलावा भागलपुर, सबौर, एनएच 84- आरा-बक्सर में चंदवा, गजराजगंज, बिहिया एनएच 30 ए में हरनौत के समीप, एनएच 83-जहानाबाद-गया, एनएच 82 गया -राजगीर में हिसुआ के समीप सड़कें क्षतिग्रस्त हुई है. बाढ़ से लगभग 250 करोड़ की क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है. इसमें स्टेट हाइवे व जिला सड़कें अधिक शामिल है.
पानी घटने के बाद क्षतिगस्त सड़कों की लंबाई के बारे में पता चलेगा. इसके बाद सड़कों के दुरुस्त होनेवाले खर्च का वास्तविक आकलन होगा. सड़कों पर से पानी हटने पर उसे तेजी से वाहनों के आवागमन के लिए मरम्मत किया जायेगा. इस संबंध में अभियंताओं को निर्देश मिला है. पथ निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार ने बताया कि पानी घटने पर वाहनों के आवागमन के लिए उसे चालू किया जाता है. अगर सड़कें कहीं क्षतिग्रस्त है तो तुरंत मरम्मत किया जाता है. उन्होंने बताया कि जहां सड़कें अधिक क्षतिग्रस्त होगी वहां मरम्मत कराने का काम प्रक्रिया के तहत तेजी से होगा. इससे जल्द सड़कों का निर्माण कार्य हो पायेगा.
फतुहा में बाढ़पीड़ितों ने सीओ को घेरा : फतुहा. प्रखंड मुख्यालय पर मंगलवार को उसफा पंचायत के तुरकडीहा गांव के महादलित परिवारों ने बाढ़ राहत वितरण में मुखिया देवशरण ठाकुर और मुंदर यादव की मनमानी के खिलाफ सीओ का घेराव किया. पीड़ितों ने आरोप लगाया कि मुखिया ने प्रखंड से राहत वितरण के लिए जो पैकेट आया वह नहीं दिया़ सुबोध पासवान ने बताया जो वास्तव में पीड़ित हैं उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है. सीओ संजीव कुमार सिंह और मोमिनदपुर पंचायत के मुखिया महेश कुमार ने लोगों को समझा कर शांत कराया.और लोगों से बुधवार को राहत देने की बात कही.
बाढ़-सुखाड़ को लेकर माकपा ने की सर्वदलीय बैठक की मांग : पटना. बाढ़-सुखाड़ की समस्या को ले कर माकपा ने जल्द से जल्द सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है. पार्टी के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने राज्य सरकार से यह मांग की. वे मनेर में बाढ़ राहत कार्य में हो रही लापरवाही के खिलाफ पार्टी द्वारा आयोजित धरना में बोल रहे थे. अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया.
उन्होंने कहा है कि बाढ़ ने सरकार के जल प्रबंधन नीति को पूरी तौर पर गलत साबित कर दिया है. सरकार अबतक जल प्रबंधन की कोई ठोस वैज्ञानिक योजना नहीं बना सकी है. 80 के दशक में द्वितीय सिंचाई आयोग ने बिहार की सभी आठों नदी-घाटियों के अध्ययन और उसके जल प्रबंधन की आवश्यकता पर बल दिया था, आज- तक किसी भी सरकार ने इस समस्या के स्थायी निदान की ठोस योजना नहीं बनायी. इसके चलते औसतन 2000 करोड़ की संपत्ति की सालाना बर्बादी हो रही है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा सिर्फ केंद्र पर दोषारोपण करने से समस्या का निदान नहीं होगा. शिविर में शुद्ध पानी तक की व्यवस्था नहीं है, जानवरों को चारा नहीं मिल पा रहा. राज्य सरकार बड़े-बड़े वादे कर रही है. लेकिन जमीन पर इसे लागू नहीं कर पा रही.धरना को पटना जिला सचिव मनोज कुमार चन्द्रवंशी, ओम प्रकाश शर्मा, रासबिहारी सिंह, देवेंद्र चौरसिया, सरिता पाण्डे, सिद्धनाथ प्रसाद, मौनी लाल पासवान और दीपक कुमार सहित अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया.
पहले दिन बाढ़पीड़ितों में बंटे दो करोड़, चेक से अकाउंट में जायेगी राशि
पटना : बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच आपदा राहत (जीआर) का वितरण शुरू कर दिया गया है. जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने अथमलगोला प्रखंड में बाढ़पीड़ितों को चेक दिये. पहले दिन दो करोड़ रुपये लोगों के बीच बांटे गये. जीआर के तहत 6 हजार रुपये प्रति परिवार दिये जा रहे हैं.
पूर्व में 3 हजार नकद रुपये अनुदान 50 किलो गेहूं 50 किलो चावल दिये जाते थे. वर्तमान में विभागीय निर्देश के बाद खाद्यान्न मद (50 किलो गेहूं, 50 किलो चावल) के स्थान पर 3 हजार रुपये तथा 3 हजार एवं नकद अनुदान राशि, कुल मिला कर प्रति परिवार 6 हजार रुपये दिये जा रहे हैं. जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने कई प्रखंडों के विभिन्न राहत शिविरों का निरीक्षण किया.
ग्रामीण विकास मंत्री ने किया घोसवरी टाल का दौरा : मोकामा. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने मंगलवार को घोसवरी टाल इलाके का दौरा किया. नाव पर सवार होकर मंत्री ने घोसवरी प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में आये बाढ़ से उत्पन्न हालात का जायजा लिया.
बाढ़ से हुए नुकसान का लिया जायजा : फतुहा/खुसरूपुर. फतुहा में सीओ संजीव कुमार सिंह ने बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों में किसानों से फसल क्षति की सरकार के आदेश के आलोक में नुकसान का आकलन किया. मौके पर मोमिनदपुर पंचायत के मुखिया महेश कुमार उर्फ टुनटुन यादव, मुखिया दिलीप यादव ,विजय राय ,ध्रुप नारायण सिंह आदि मौजूद थे. खुसरूपुर में जिला कृषि पदाधिकारी सुधीर कुमार ने मंगलवार को प्रखंड कार्यालय में कृषि योजनाओं की समीक्षा की व योजनाओं की लाभ किसानों तक पहुंचाने का आदेश दिया. उधर बाढ़ में भी अलावलपुर गांव को गोद लेने वाले सांसद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद अलावलपुर गांव नहीं गये. जबकि अलावलपुर पंचायत बाढ़ से चारों ओर से घिरा है.
उन्‍होंने प्रखंड के सूकरवेगचक, मौसीमपुर, बैकटपुर, हैबतपुर, चौंड़ा, हरदासबीघा व अलावलपुर पंचायत का भ्रमण कर बाढ़ से हुए फसल क्षति का जायजा लिया. मौके पर जिला कृषि नोडेल पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार, प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरुण प्रसाद, कृषि समन्‍वयक, किसान सलाहकार आदि मौजूद थे.
तीन दिनों के अंदर तैयार करें बाढ़पीड़ितों की सूची : जिलाधिकारी के द्वारा सभी अंचलाधिकारियों को बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची तीन दिनों के अंदर तैयार कर वितरण शुरू करने का निर्देश दिया है.अंचलाधिकारी को यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि गलत निकासी अथवा फर्जी व्यक्ति को भुगतान न हो, वरना अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
नाम छूटने वालों का नाम जोड़ा जाये : अगर किसी परिवार का नाम सूची में छूट गया है, तो वे अपने-अपने संबंधित अंचलाधिकारी को आवेदन दे सकते हैं. अंचलाधिकारी विधिवत जांच के बाद सही पाये जाने की स्थिति में सूची में नाम जोड़े जायेंगे. डीएम द्वारा मंगलवार को बख्तियारपुर, अथमलगोला, मोकामा व बाढ़ प्रखंड में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं राहत शिविरों का निरीक्षण किया गया. कसहा दियारा पंचायत, मोकामा एवं रामनगर दियारा पंचायत, बाढ़ प्रखंड पंचायत पहुंच कर डीएम ने बाढ़पीड़ितों से मिले और राहत शिविरों का निरीक्षण किया.
जहां से पानी निकल रहा है वहां ब्लीचिंग पाउडर का करें छिड़काव : डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों में बाढ़ का पानी कम रहा है. उन क्षेत्रों में डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति कर स्वास्थ्य शिविर लगाएं. इन क्षेत्रों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने का भी दिया निर्देश दिया गया. ग्रामीण कार्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता को निर्देश दिया कि क्षेत्र की सड़कों का सर्वेक्षण कर लें एवं आवश्यकतानुसार मरम्मत शीघ्र सुनिश्चित करें, ताकि आवागमन सुचारू रहे. निरीक्षण के क्रम में अपर समहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी आदि मौजूद थे.
बीमारियों से बचाने के लिए सिविल सर्जन को निर्देश दिया.
वहीं बाढ़ के प्रखंड परिसर में बनाये गये बाढ़ राहत शिविर का निरीक्षण कर पीड़ितों से मंगलवार को पटना के डीएम संजय कुमार अग्रवाल ने उनका हाल पूछा. इस दौरान डीएम ने पीड़ितों को दी जा रही मदद का भी ब्योरा लिया और उनसे सीधी बातचीत की. डीएम ने शिविर के प्रभारी अधिकारी को बेहतर तरीके से सरकारी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश दिया. मौके पर बाढ़ के एसडीएम सुब्रत कुमार सेन, एएसपी मनोज कुमार तिवारी व सीओ चंद्रकांत सिंह मौजूद थे. सीओ ने बताया कि 80 बाढ़पीड़ित परिवारों के बीच सरकारी मापदंडो के आधार पर सामग्री का वितरण किया गया है.
बख्तियारपुर.
बाढ़ जैसे विपदा की स्थिति में भी अलावलपुर गांव को गोद लेने वाले सांसद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद अलावलपुर गांव नहीं गये, जबकि अलावलपुर पंचायत बाढ़ से चारों ओर से घिरा है. आदर्श गांव कहे जाने वाले अलावलपुर जाने के लिए गौरीचक और फतुहा से रास्ता है, लेकिन गौरीचक अलावलपुर सड़क मार्ग में पुनपुन के तटबंध टूटने के कारण जहां रास्ता बंद है. वहीं फतुहा, दौलतपुर व अलावलपुर सड़क मार्ग दौलतपुर और अलावलपुर के बीच बाढ़ के पानी के दबाव के कारण कई स्थानों पर सड़क कट जाने से मार्ग अवरुद्ध है. वहीं पंचायत के यमुनापुर, बाकरचक, चमरडीह आदि गांवों की हालत काफी खराब है.
पूरे पंचायत में फसल की भारी क्षति हुई है. सैकडों एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न हो गये हैं. इस संबंध में मुखिया उपासना सिंह, पंचायत समिति सदस्य लाला भगत, मनीष कुमार सिंह ने आदि बताया कि स्थानीय सांसद शत्रुघ्न सिन्हा और अलावलपुर गांव को गोद लेने वाले सांसद व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के अलावा स्थानीय अधिकारियों ने भी इस पंचायत की ओर झांकना मुनासिब नहीं समझा, जिससे लोगों में आक्रोश है.
बाढ़ के बाद इनसेफ्लाइटिस का बढ़ा खतरा
पटना : बाढ़ के साथ ही लोगों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बाढ़ का पानी हटने के बाद दुर्गंध व गंदगी से परेशान हैं. पानी कम होने के साथ ही इनसेफ्लाइटिस और महामारी की आशंका बनी हुई है. पानी निकलने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से ब्लीचिंग पाउडर व हाइड्रोजन की गोली का वितरण जिले के अधिकांश इलाकों में नहीं हो रहा है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बाढ़ एवं महामारी की आशंका से निबटने की पुख्ता तैयारी होने की बात कहीं जा रही है. वहीं आइएमए के उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने बताया कि अगर थोड़ी से सावधानी बरतें तो बाढ़ के बाद होने वाली बीमारियों से बचा जा सकता है.
बाढ़ से जहां कई लोग बीमार हो रहे वहीं दो लोग इनसेफ्लाइटिस के शिकार हो चुके हैं. इनमें रवि रंजन 12 साल मनेर और विकास कुमार नौ साल दानापुर के रहने वाले हैं. एक मरीज दानापुर अस्पताल तो दूसरा मरीज कंकड़बाग स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहा है. संबंधित अस्पताल ने इनसेफ्लाइटिस होने का दावा किया है.
हालांकि दोनों मरीज स्वस्थ हैं.
बाढ़ के पानी में डूबने से युवती की हो गयी मौत
मोकामा. घोसवरी प्रखंड की मालपुर पंचायत में बाढ़ के पानी में डूबने से युवती की मौत हो गयी. मृत युवती मालपुर निवासी भासो यादव की पुत्री काजल कुमारी (18 वर्ष) है. काजल बाढ़ के पानी में स्नान कर रही थी. स्नान के दौरान काजल गहरे पानी में चली गयी, जिससे उसकी मौत हो गयी. घटना की सूचना पाकर घोसवरी सीओ वीरेंद्र कुमार मालपुर पहुंचे और गोताखोरों की मदद से काजल कुमारी के शव को बाहर निकाला.
मोकामा में गंगा अब भी खतरे के निशान से ऊपर : मोकामा में गंगा अब भी खतरे के निशान से ऊपर है. मोकामा के हथिदह में केंद्रीय जल आयोग द्वारा गंगा नदी के जल स्तर की लगातार निगरानी की जा रही है. मंगलवार को सुबह दस बजे मोकामा में गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर था.
मोकामा के राजेंद्र पुल के पास गंगा नदी का जल स्तर 42.64 मीटर था, जो कि खतरे के निशान 41.76 मीटर से ज्यादा है. केंद्रीय जल आयोग के गंगा बेसिन के हथिदह स्थित लोवर गंगा डिवीजन कार्यालय के अनुसार मोकामा के हथिदह के पास गंगा नदी का वार्निंग लेवल 40.76 मीटर और डेंजर लेवल 41.76 मीटर है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें