पुलिस मुख्यालय ने प्रोन्नति से वंचित रह गये एएसआइ के लिए जारी किया आदेश
पटना : जिलों में तैनात पुलिस अधीक्षकों ने अपने मातहत जमादार स्तर के कनीय पुलिसकर्मियों की एसीआर नहीं लिखी. इसका नतीजा यह हुआ कि तीन सौ से अधिक एएसआइ यानि जमादार प्रोमोशन से वंचित हो गये. अब पुलिस मुख्यालय ने इसकी नोटिस ली है. प्रतिमाह पुलिस प्रोमोशन बोर्ड की बैठक होगी और जैसे-जैसे एसीआर जमा हाेते जायेंगे, प्रमोशन की अधिसूचना जारी होती जायेगी.
सूत्र बताते हैं कि करीब तीन साल से लटके प्रोन्नति के मामले को हाल में पुलिस महकमा ने मंजूरी दी थी, जिसमें सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक के चार हजार से ज्यादा पुलिस कर्मियों को प्रोन्नति मिली. इसी दौरान 1569 एएसआइ को भी दारोगा (एसआइ) रैंक में प्रोन्नति दी गयी थी. परंतु इतनी बड़ी संख्या में प्रोन्नति मिलने के बाद अभी भी करीब 500 एएसआइ ऐसे हैं, जिन्हें अलग-अलग कारणों से प्रोन्नति नहीं मिल पायी है. इसमें 300 एएसआइ को सिर्फ इसलिए प्रोन्नति नहीं मिली है, क्योंकि इनका एसीआर (एेनुअल कैरेक्टर रिपोर्ट) मुख्यालय में जमा नहीं हो पाया या यह लिखा ही नहीं गया है. इस वजह से इनकी प्रोन्नति रुकी हुई है.
जबकि 200 एएसआइ की प्रोन्नति उनके ऊपर लगे अलग-अलग आरोपों की वजह से नहीं हो पायी है. एसीआर और अन्य कारणों से प्रोन्नति से वंचित रहे पदाधिकारियों के लिए अब हर महीने पुलिस मुख्यालय में प्रोन्नति बोर्ड की बैठक होगी. इस बैठक में जैसे-जैसे पदाधिकारियों का एसीआर समेत अन्य छूटे हुए दस्तावेज जमा होते जायेंगे, उन्हें प्रोन्नति देने पर सहमति बनती जायेगी. उन्हें प्रोन्नति मिलती जायेगी.
खामियाजा भुगत रहे एएसआइ
नियमानुसार, जिलों में तैनात एएसआइ समेत अन्य पुलिस पदाधिकारियों का प्रत्येक साल का एसीआर एसपी को लिखना होता है. परंतु अधिकांश जिलों में एसपी एसीआर लिखने में दिलचस्पी नहीं लेते हैं. एसीआर नहीं मिलने की वजह से एएसआइ को इस बार प्रोन्नति नहीं मिल सकी है.
दारोगा बनने की आस में अब बचे हुए एएसआइ तमाम जुगत लगाकर बचे साल का एसीआर जमा कराने में जुट गये हैं. इसके अलावा करीब 200 एएसआइ ऐसे हैं, जिन्हें ब्लैक मार्क मिलने के कारण प्रोन्नति नहीं मिल पायी है. ये ब्लैक मार्क किसी आरोप या सर्विस के दौरान किसी तरह की लापरवाही, मुकदमा या अन्य आरोप लगने के कारण लगे हैं. इन्हें भी कहा गया है कि वे अपना ब्लैक मार्क क्लियर करवा कर मुख्यालय में जमा करें. जिनके ऊपर हल्के या कम गंभीर आरोप लगे हैं, उनका ब्लैक मार्क हटने की संभावना है.