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लालू ने लाखों बाढ़पीड़ितों का उड़ाया मजाक : मोदी
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने ‘सौभाग्य है कि गंगा मइया दरवाजे पर आई है’ जैसा बयान देकर लाखों बाढ़पीड़ितों का मजाक उड़ाया है. बाढ़ की त्रासदी की गंभीरता को नकारते हुए कभी लालू प्रसाद ने कहा था कि बाढ़ से गरीबों को कम से […]
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने ‘सौभाग्य है कि गंगा मइया दरवाजे पर आई है’ जैसा बयान देकर लाखों बाढ़पीड़ितों का मजाक उड़ाया है.
बाढ़ की त्रासदी की गंभीरता को नकारते हुए कभी लालू प्रसाद ने कहा था कि बाढ़ से गरीबों को कम से कम भरपेट मछली खाने को तो मिलता है. दूसरी ओर मोदी ने ट्वीट कर कहा कि जब राज्य में जहरीला मध्याह्न भोजन खिलाकर 23 स्कूली बच्चों की जान लेने वालों का दोष साबित करने में तीन साल लगेंगे, तब बच्चों की जान से खेलने वालों को कैसे रोका जा सकेगा. गुरुवार को ट्वीट कर उन्होंने कहा है कि इस मामले में स्पीडी ट्रायल कराया जाना चाहिए था, लेकिन अभी तो मामला न्यायपालिका की पहली सीढ़ी पर है. गरीबों का वोट लेकर राज करने वालों को उनके बच्चों की जान सस्ती लगती है.
शिविर जाते तो मोदी को दिखता राहत कार्य : संजय
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि भाजपा नेता सुशील मोदी गलतफहमी के शिकार हो गये हैं. वे बाढ़ राहत शिविरों में जाते तो वे वहां के हालत देखते कि कैसे राहत कार्य चल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश खुद राहत शिविरों में जा रहे हैं, लेकिन मोदी कोई भी मौका राजनीति के लिए नहीं छोड़ते हैं. बाढ़ से तबाही मची हुई है. गंगा के जलस्तर में मामूली कमी आयी, लेकिन अभी भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
इधर, पुनपुन और सोन नदी भी विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बिहार के 12 जिलों के 71 प्रखंडों के 1,866 गांव के 30.31 लाख की आबादी बाढ़ से प्रभावित है, लेकिन सुशील मोदी को इससे कोई फर्क नही पड़ता है. वो तो बस अपनी राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं.
मुख्यमंत्री रिलीफ फंड से पीड़ितों के लिए धोती, साड़ी, सेनेटरी नैपकीन, बच्चों के कपड़े आदि की खरीद कर वितरण किया गया. बाढ़ पीड़ितों के बीच साबुन, आईना, कंघी, सुगंधित तेल बांटा गया. मुख्यमंत्री खुद राहत शिविरों में घूम रहे और अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे रहे हैं. संजय सिंह ने कहा कि राहत शिविर में ही मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि शिविर में बेटी के जन्म पर 15 हजार रुपये और बेटा के जन्म पर दस हजार रुपये देने का सभी जिलों को निर्देश दिया गया. यह सभी खर्च मुख्यमंत्री राहत कोष से किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने रोशनी, शुद्ध पेय जल, खाना बनाने की जगह की सफाई की कड़ी हिदायत दी है.
बाढ़ राहत के लिए सामग्री की खरीद के लिए दर तय नहीं होने के कारण हो रही परेशानी होने पर आपदा प्रबंधन एक्ट की धारा 50 के तहत आपात स्थिति में स्थानीय स्तर पर भी राहत सामग्री की खरीद का प्रावधान है. ऐसे में जहां दर का निर्धारण नहीं किया गया है, वहां इस एक्ट के आधार पर अविलंब सामग्री की खरीद कर राहत वितरण किया जाये.
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