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धीमी गति से हो रहा हर घर बिजली देने का सर्वे

समस्या. अगले साल के अंत तक हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय सरकार ने सर्वे के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है. अभी भी लाखों एपीएल परिवारों के घरों में बिजली नही है. पटना : सरकार के सात निश्चय में एक हर घर को बिजली देने की योजना पर काम तो […]

समस्या. अगले साल के अंत तक हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय
सरकार ने सर्वे के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है. अभी भी लाखों एपीएल परिवारों के घरों में बिजली नही है.
पटना : सरकार के सात निश्चय में एक हर घर को बिजली देने की योजना पर काम तो चल रहा है, लेकिन इसके सर्वे की गति काफी धीमी है. 1.95 करोड़ में से अब तक 60.66 लाख घरों का ही सर्वे हो पाया है. पहले जुलाई तक सर्वे पूरा करने का लक्ष्य था जिसे बढ़ाकर सितंबर किया गया.
सर्वे की गति को देख कर नहीं लग रहा है कि यह सितंबर तक भी पूरा हो पायेगा. सरकार ने सर्वे के काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है. अगले साल के अंत तक हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय किया गया है.
सातों दिन 24 घंटे बिजली योजना देने की योजना पर सरकार मिशन मोड के तर्ज पर काम कर रही है. सरकार यह सर्वे करा रही है कि किस गांव या टोले में कितने लोगों को कनेक्शन देना है. अभी भी लाखों एपीएल परिवारों के घरों में बिजली नही है.
सर्वे की निगरानी का जिम्मा जिला स्तर पर डीडीसी और प्रखंड स्तर पर बीडीओ को मिला हुआ है.
विकास मित्र, पंचायत रोजगार सेवक और इंदिरा आवास सहायक को सर्वे करने की काम मिला हुआ है. सर्वे के बाद ही यह पता चल पायेगा कि कितने एपीएल परिवारों को बिजली का कनेक्शन देना है. पहले जुलाई तक सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य था, जिसे अब बढ़ा कर सितंबर तक किया गया है. अभी जो क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है वहां सर्वे का काम प्रभावित हो गया .बिजली कंपनी के अधिकारियों के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में 20 लाख घरों में कनेक्शन देने का लक्ष्य है.
बीपीएल परिवार को नि:शुल्क बिजली कनेक्शन दिया ही जा रहा है. बिजली कंपनी के एक अधिकारी के अनुसार राज्य में 55 लाख से अधिक एपीएल परिवारों को कनेक्शन देना होगा. एक अनुमान के अनुसार एपीएल परिवार को बिजली कनेक्शन देने व अन्य मद में 1897 करोड़ खर्च होगा. जिसमें नॉर्थ बिहार बिजली वितरण कंपनी को 1035 करोड़ और दक्षिण बिहार बिजली वितरण कंपनी 689 करोड़ खर्च आयेगा.
सर्वे की स्थिति ( 23 अगस्त 12 बजे दिन तक)
सर्वे हुआ – 60.66 लाख घर
बिजली है – 26.48 लाख घरों में
बिजली नहीं है- 34.18 लाख घर में
बिजली वाले एपीएल परिवार- 12.39 लाख
बिजली विहीन एपीएल परिवार- 16.84 लाख
वित्तीय वर्ष बिजली की आवश्यकता
2016-17 24077
2017-18 33050
2018-19 43835
(करोड़ यूनिट में)
तीन साल में सूबे को ढाई गुनी अधिक बिजली की जरूरत
बिजली को लेकर सरकार के सात निश्चय से अगले तीन साल में राज्य में बिजली की जबरदस्त डिमांड होगा.ढाई गुनी अधिक बिजली की जरूरत होगी. लोगों को सातों दिन 24 घंटे बिजली मिलने लगेगा. अभी राज्य में 4000 मेगावाट बिजली की मांग है. सरकार बिजली की मांग को पूरा करने के लिए जुटी हुई है. आधारभूत संरचना को मजबूत किया जा रहा है. राज्य अपने दोनों बिजली घरों बरौनी व कांटी की क्षमता बढ़ा रहा है.
कांटी में 110 -110 मेगावाट क्षमता वाली दो यूनिट चालू है, जबकि बरौनी से भी जल्द बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी. हालांकि निर्भरता सेंट्रल पूल पर ही रहेगी. वर्ष 2016-17 में सेंट्रल पूल से 3815.83 मेगावाट, वित्तीय वर्ष 2017-18 में 4905.73 मेगावाट और वित्तीय वर्ष 2018-19 में सेंट्रल पूल से 5066.93 मेगावाट बिजली मिलने की संभावना है.

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