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एम्स में नहीं मिल रहीं सस्ती दवाएं

परिसर के बाहर दवा दुकानदारों की चांदी, कैंपस में घूमते रहते हैं उनके दलाल पटना : पटना एम्स में इलाज कराने आये मरीजों को दवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है. सुविधाओं के नाम पर यहां एक आउटसोर्सिंग पर दवा दुकान तो खोल दी गयी है. लेकिन, यह दुकान भी मरीजों के काम नहीं आ […]

परिसर के बाहर दवा दुकानदारों की चांदी, कैंपस में घूमते रहते हैं उनके दलाल
पटना : पटना एम्स में इलाज कराने आये मरीजों को दवाओं के लिए भटकना पड़ रहा है. सुविधाओं के नाम पर यहां एक आउटसोर्सिंग पर दवा दुकान तो खोल दी गयी है. लेकिन, यह दुकान भी मरीजों के काम नहीं आ रहा है. दुकान में मरीजों को सभी तरह की दवाएं नहीं मिल पा रही हैं. ऐसे में उन्हें बाहर की दुकानों से दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं. इस दुकान में गिनती की दवा रखी गयी हैं, जो रोगियों के लिए पर्याप्त नहीं हैं. लेकिन, इसे देखने वाला कोई नहीं है.
एम्स के ओपीडी में आनेवाले मरीजों की परची पर डॉक्टर जो भी दवाएं लिखते हैं, उसमें से अधिकतर परिसर में स्थित दुकान में नहीं मिलती, बल्कि बाहर की दुकानों में मिलती हैं. मजे की बात तो यह है कि अस्पताल परिसर में ही दलाल अपनी दुकानों की परची लेकर घूमते हैं और मरीजों को अपनी दुकान पर ले जाते हैं.
मरीजों की सुविधा के लिए एम्स प्रशासन ने शुरुआती दौर में दो दुकानों को परिसर में दवा बेचने की अनुमति दी थी. हालांकि, एक दुकान तो बंद हो गयी, जबकि दूसरी दुकान संचालित हो रही है. आउटसोर्स पर चलने वाली इस दुकान पर सभी तरह की दवाएं उपलब्ध होने की बात कही गयी थी. यहां मरीजों को प्रिंट रेट से 20 प्रतिशत छूट पर दवाएं देने का नियम है.
नहीं खुल पायी अपनी दुकान
दिल्ली, रायपुर, जयपुर सहित कई ऐसे राज्य हैं, जहां संचालित हो रहे एम्स में अमृत मेडिकल स्टोर संचालित हो रहे हैं. लेकिन, इसका लाभ पटना एम्स में नहीं मिल पा रहा है.
इस योजना के तहत मरीजों को 80 से 90 प्रतिशत की छूट पर दवाएं मिलती हैं. अगर अमृत दवा स्टोर पटना एम्स में खुलता, तो मरीजों को सभी तरह की दवाएं काफी कम कीमत पर उपलब्ध हो जातीं.

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