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दलित छात्रों की पिटाई पर सड़क से सदन तक हंगामा
विरोध-प्रदर्शन : विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित, सत्ता-विपक्ष ने एक-दूसरे के खिलाफ की नारेबाजी पटना : अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों में गुरुवार को भारी हंगामा हुआ. मुख्य विपक्षी दल भाजपा समेत भाकपा माले, लोजपा, रालोसपा […]
विरोध-प्रदर्शन : विधानमंडल के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित, सत्ता-विपक्ष ने एक-दूसरे के खिलाफ की नारेबाजी
पटना : अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों पर हुए पुलिस लाठीचार्ज की न्यायिक जांच कराने की मांग को लेकर विधानमंडल के दोनों सदनों में गुरुवार को भारी हंगामा हुआ. मुख्य विपक्षी दल भाजपा समेत भाकपा माले, लोजपा, रालोसपा और हम के सदस्यों ने सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी. भोजनावकाश के पहले विधानसभा में महज छह मिनट कामकाज हुआ. विधान परिषद में भी विपक्षी सदस्यों ने कार्यवाही सुचारु ढंग से नहीं चलने दी.
दोनों सदनों में विपक्षी सदस्य कार्यस्थगन प्रस्ताव मंजूर करने और बुधवार को पटना में हुए लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे. हंगामे और शोर-शराबे के कारण विधानसभा में प्रश्नोत्तर काल, शून्यकाल और ध्यानाकर्षण नहीं हो पाया. विधानसभा की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. भोजनावकाश के बाद सदन में हंगामे और शोर-गुल के बीच ही सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और अनुसूचित जाति व जनजाति कल्याण मंत्री संतोष निराला ने एससी-एसटी छात्रों की छात्रवृत्ति को लेकर सरकार का पक्ष रखा. विधानसभा अध्यक्ष बार-बार नारेबाजी कर रहे वपिक्षी सदस्यों से सीट पर लौटने का अनुरोध करते रहे. उन्होंने यह भी कहा कि छात्रवृत्ति और लाठीचार्ज को लेकर सरकार सदन में वक्तव्य देना चाहती है. लेकिन, विपक्षी सदस्य कार्यस्थगन प्रस्ताव मंजूर करने और लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की घोषणा पर अड़े रहे. आखिर में गैर सरकारी संकल्प लिये बिना सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दी गयी.
माॅनसूत्र सत्र के अंतिम दिन सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाकपा(माले) के विधायक महबूब आलम, भाजपा के विधायक विजय कुमार सिन्हा और संजीव चौरसिया वेल में रखे गये टेबल पर चढ़ गये. मार्शल ने उनको उतारा, तो माले विधायक वेल में ही बेहोश होकर गिर पड़े.
उनको भाजपा सदस्यों ने उठा कर वेल से बाहर किया. सदन से बाहर निकले, तो एंबुलेंस में सवार होकर सीधे अस्पताल चले गये. पूरा विपक्ष दलित छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में सदन में सरकार का पक्ष जानना चाहते थे. जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ दलित छात्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम माझी, विरोधी दल के नेता प्रेम कुमार, भाजपा नेता नंदकिशोर यादव व रालोसपा नेता ललन पासवान वेल में आकर आसन के सामने धरना पर बैठ गये. इधर भाजपा के सभी सदस्य वेल में आकर रिपोर्टर का टेबल थपथपाने लगे और कभी उसे आड़े और कभी तिरछा कर पीटने लगे.
शेष सदस्य हाथ में तख्तियां लेकर नारेबाजी करते रहे. इधर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी सदन की कार्यवाही शुरू करने की घोषणा की. उन्होंने जैसे ही तारांकित प्रश्न के लिए महेश्वर प्रसाद यादव का नाम पुकारा, विपक्षी दलों ने हंगामा आरंभ कर दिया. इधर कृषि मंत्री रामविचार राय द्वारा हंगामे के बीच महेश्वर यादव के सवालों का जवाब दिया. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी बेल में खड़े सदस्यों से बार-बार अपनी सीट पर लौटने का आग्रह करते रहे. साथ ही रिपोर्टर टेबल पर बैठे रिपोर्टर भी मेज पीटने के कारण कुछ नहीं लिख पा रहे थे. उनके अनुरोध के बाद भी जब सदस्यों ने हंगामा बंद नहीं किया तो आसन ने पहले सत्र की कार्यवाही को दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दिया.
विधान परिषद में भी विपक्ष ने इस मुद्दे पर जम कर हंगामा किया. भाजपा के संजय मयूख, लाल बाबू प्रसाद आदि सदस्यों ने सरकार पर दलितों पर अत्याचार बंद करो के नारे लगा रहे थे.
भाजपा के रजनीश कुमार ने कहा कि दलितों पर मुजफ्फरपुर के पारू, भभुआ, किशनगंज, कुशेश्वर स्थान और खगड़िया में अमानवीय व्यवहार किया गया है. इन सभी मामलों में सरकार मूकदर्शक बनी रही है. हंगामा कर रहे सदस्यों से सभापति अवधेश नारायण सिंह शांत रहने और इस मुद्दे को शून्यकाल में लाने का अनुरोध करते रहे. विपक्षी सदस्यों के हंगामे के देख सत्ताधारी दलों के सदस्यों ने भी खड़े होकर भाजपा के विरोध में नारे लगाने लगे. लगभग आठ मिनट तक चले हंगामे के बीच सभापति ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
पटना : दलित छात्रों के प्रदर्शन पर लाठीचार्ज के विरोध में शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों पर एनडीए प्रदर्शन करेगा. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि दलित छात्र प्रोन्नति में आरक्षण की मांग और पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में कटौती के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे.
उनकी वाजिब मांगों के बदले राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस ने लाठियां बरसायीं. दलित महिलाओं को नग्न कर घुमाया जा रहा है. दलित छात्रों को मूत्रपान कराया गया. अब सरकार उनकी छात्रवृत्ति में कटौती कर रही है.
उधर लाठीचार्ज के विरोध में छात्र संगठनों ने गुरुवार को जोरदार प्रदर्शन किया. गुरुवार को अांबेडकर कल्याण छात्रावास के छात्रों ने महेंद्रू में काला दिवस मनाते हुए विरोध प्रदर्शन किया. भारतीय छात्र कल्याण संघ ने काली पट्टी लगा कर नारे लगाये.
एबीवीपी ने निकाला आक्रोश मार्च : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कारगिल चौक पर आक्रोश मार्च निकाला और नीतीश कुमार का पुुतला फूंका. राष्ट्रीय मंत्री निखिल रंजन ने कहा कि पूरे प्रदेश के छात्र सड़क पर उतरेंगे.
पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करे सरकार: घायल दलित छात्रों से मिलने सिकंदरा विधायक व कांग्रेस के प्रदेश सचिव बंटी चौधरी पीएमसीएच पहुंचे. उन्होंने लाठीचार्ज को गलत बताया. उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस के खिलाफ कार्रवाई करे.
आइसा ने मनाया प्रतिरोध दिवस : आइसा ने साइंस कॉलेज से प्रतिरोध मार्च निकाला. मार्च विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर पहुंच कर सभा हुई. राज्य सह सचिव मुख्तार ने कहा कि पुलिसिया हिंसा प्रशासन के असली चरित्र को दरसाती है.
एआइडीएसओ ने की निंदा : ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन के जिला सचिव सरोज कुमार सुमन ने कहा कि दोषी पुलिस अफसरों व बलों पर कार्रवाई हो.
आम आदमी पार्टी : आम आदमी पार्टी के समन्वयक मनोज कुमार ने कहा कि हत्या, लूट, दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने में विफल राज्य सरकार की पुलिस ने निहत्थे दलितों पर लाठियां बरसा कर अपनी कायरता साबित की है. पार्टी ने कारगिल चौक से विरोध मार्च भी निकाला. पार्टी ने सरकार को दलित विरोधी बताया.
नयी दिल्ली. पटना में छात्रवृत्ति को लेकर दलित छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पथराव और पुलिस लाठीचार्ज का मुद्दा गुरुवार को लोकसभा में उठा और विभिन्न दलों ने राज्य की नीतीश सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए इस मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की.
लोकसभा में शून्यकाल के दौरान लोजपा के चिराग पासवान ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि आंबेडकर की प्रतिमा के नीचे दलित छात्रों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. उन्होंने कहा कि ये दलित छात्र छात्रवृत्ति में कटौती के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे. बिहार में दलित छात्रों की हालत बहुत खस्ता है. उन्होंने इस मामले की सीबीआइ से जांच कराने की मांग की.
काला कानून लायी है बिहार सरकार : पप्पू यादव
राजद से निष्कासित राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि राज्य में एक तानाशाह सरकार ऐसा काला कानून लेकर आयी है, जिसमें किसी के भी घर में शराब पायी जाती है, तो उसके माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. ऐसे काले कानून को वापस लेने के लिए केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. उन्होंनेे कहा कि खगड़िया में पिछले दिनों चार दलित छात्रों की मौत हो गयी और अब पटना में छात्रों पर लाठीचार्ज किया गया. इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए.
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