पटना: पार्षदों के विरोध के कारण सोमवार को नगर निगम बोर्ड की बैठक स्थगित करनी पड़ी. इससे दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित नहीं हो सके. इनमें ठोस कचरा प्रबंधन को लेकर क्रय समिति और सीवरेज सिस्टम को लेकर बुडको से एमओयू के प्रस्ताव हैं. बैठक निर्धारित समय से 45 मिनट विलंब से शुरू हुई.
मेयर अफजल इमाम ने 17 दिसंबर, 2013 को निगम बोर्ड की बैठक की कार्यवाही को संपुष्ट करने का प्रस्ताव सदन के पटल पर रखा. मेयर की बात खत्म होते ही पार्षदों ने नगर आयुक्त के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. नगर आयुक्त के समझाने के बाद भी पार्षद शांत नहीं हुए. विरोध को देखते हुए मेयर को 20 मिनट में ही बैठक स्थगित करनी पड़ी.
15 व 10 लाख की योजनाओं में क्यों नहीं निकला टेंडर
स्थायी समिति के सदस्यों आभा लता, विनोद कुमार, शकुंतला देवी, पिंकी कुमारी, संजीव कुमार, तोता चौधरी, बालेश्वर सिंह, शहजादी बेगम, गुलफिशा जबीं, संजय कुमार, रामनाथ चौधरी, मुमताज जहां आदि का कहना था 15 लाख व 10 लाख की योजनाओं में अब तक टेंडर क्यों नहीं निकला है.
पिछले छह माह से योजना स्वीकृत है और पर्याप्त राशि भी है, तो नगर आयुक्त जनहित योजना को पूरा क्यों नहीं करा रहे हैं. पार्षदों का कहना था कि जब तक टेंडर नहीं निकलेगा, तब तक बोर्ड की बैठक नहीं होने देंगे.
आखिर उजागर हुए घोटाले की जांच क्यों नहीं
पार्षदों का कहना है कि वार्डो में जनहित की योजनाएं पूरी करने के लिए राशि नहीं है, लेकिन निगम में घोटाले उजागर हो रहे हैं और कोई जांच नहीं हो रही है. हाल के दिनों में डीजल, फॉगिंग, शौचालय, कचरा उठाव, होल्डिंग टैक्स आदि में वित्तीय अनियमितता व राजस्व में गड़बड़ी हुई है.
कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा नहीं
विपक्ष के वार्ड पार्षद विनय कुमार पप्पू, कुमार संजीत, संजय कुमार व सुषमा साहू ने कहा कि जिसकी संपुष्टि की जानी है, उस बैठक की कार्यवाही पर मेयर के हस्ताक्षर हैं और उसे संपुष्ट नहीं करा पाते हैं.
जहां तक 10 व 15 लाख योजना की बात है, तो मेयर अपनी मरजी से स्वीकृति देना चाहते हैं, तो नगर आयुक्त अड़चन लगाते हैं. आज की बैठक में सीवरेज सिस्टम और ठोस कचरा प्रबंधन से जुड़े दो महत्वपूर्ण प्रस्ताव थे. उन पर चर्चा नहीं हो सकी.