Advertisement
विधानसभा में विपक्ष वेल में, चलता रहा प्रश्नकाल
हंगामा. विस अध्यक्ष विपक्षी सदस्यों से सीट पर जाने का बार-बार अनुरोध करते रहे विधानसभा में आधा अधूरा प्रश्नकाल चला जरूर पर, प्रश्नकर्ता और जवाब देने वाले मंत्री को सदन के अंदर कुछ भी सुनायी नहीं पड़ा. पटना : मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को विधानसभा के पहले सत्र की कार्यवाही पूरी तरह से […]
हंगामा. विस अध्यक्ष विपक्षी सदस्यों से सीट पर जाने का बार-बार अनुरोध करते रहे
विधानसभा में आधा अधूरा प्रश्नकाल चला जरूर पर, प्रश्नकर्ता और जवाब देने वाले मंत्री को सदन के अंदर कुछ भी सुनायी नहीं पड़ा.
पटना : मॉनसून सत्र के दूसरे दिन सोमवार को विधानसभा के पहले सत्र की कार्यवाही पूरी तरह से विपक्षी सदस्यों के कोलाहल में डूबती रही. आधा अधूरा प्रश्नकाल चला जरूर पर न तो प्रश्नकर्ता को और न हीं जवाब देने वाले मंत्री को सदन के अंदर कुछ भी सुनायी पड़ा. सदन की कार्यवाही का आलम यह था कि सरकार की ओर से जवाब देने के लिए ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री डॉ अब्दुल गफूर ने ही जवाब दिया.
इधर, मुख्य विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों के प्रश्न भी सदन में नहीं रखे जा सके. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी बार-बार विपक्षी सदस्यों से अपनी सीट पर जाने का अनुरोध और विपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार से आग्रह करते रहे. आसन की बातों को मुख्य विपक्षी दल के सदस्यों द्वारा नहीं माने जाने पर विधानसभा अध्यक्ष ने 40 मिनट तक वेल में ही खड़ा रह कर नारेबाजी करने दिया. सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे आरंभ हुई.
जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ विपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार अपने आसन से खड़े होकर सरकार से कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग करने लगे. उनकी मांग थी कि राज्य में बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति पैदा हो गयी है. सरकार सभी कार्यों को स्थगित रखकर पहले दिये गये बाढ़-सुखाड़ के कार्य स्थगन पर चर्चा कराये. साथ ही उनकी मांग थी कि इस मामले में पहले सामान्य सहमति बनायी जाये उसके बाद आगे की कार्यवाही संचालित की जाये.
यूजीसी रेगूलेशन को लागू करने और नियोजित शिक्षकों को पांच माह से वेतन भुगतान नहीं के विरोध में भाजपा के सदस्यों ने बेल में पहुंचकर सरकार विरोधी नारे लगाये. हंगामा की स्थिति को देखते हुए सभापति अवधेश नारायण सिंह ने दिन के 2.30 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया. इसके पूर्व पहली पाली की कार्यवाही शुरू होते ही विधान परिषद में भाजपा के रजनीश कुमार ने यूजीसी के संशोधित रेगूलेशन लागू कराने के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव लाया.
साथ निर्दलीय संजीव श्याम सिंह ने नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालय अध्यक्षों के पांच माह से वेतन भुगतान नहीं होने को लेकर कार्य स्थगन प्रस्ताव लाये. नियमावली के आधार पर सभापति अवधेश नारायण सिंह ने इसे अस्वीकृत करते हुए शून्यकाल में इसे लाने का सुझाव दिया. इस दौरान भाजपा के रजनीश कुमार, प्रो नवल किशोर यादव आदि ने कहा कि यूजीसी रेगूलेशन लागू नहीं होने से राज्य के 30 हजार से अधिक पीएचडी धारकों को साक्षात्कार में शामिल होने का माैका नहीं मिला.
यही वजह है कि सहायक प्रोफेसर के पदों पर दूसरे राज्यों के 80 प्रतिशत लोगों को बहाली में मौका मिला है. शून्यकाल शुरू होते ही भाजपा सदस्यों ने पुन: यूजीसी के नये रेगूलेशन लागू कराने की मांग काे लेकर सरकार से जवाब की मांग करने लगे. बेल में आकर भाजपा के सदस्यों ने सरकार के विरोध में नारेबाजी करने लगे. इसके पूर्व भाकपा के केदानाथ पांडेय और जदयू के संजीव कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षकों को पांच माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं. सरकार सदन में जवाब दे.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement