इस वर्ष महिला हेल्पलाइन में कुल 2036 मामले दर्ज किये गये हैं. इनमें लिखित आवेदन देकर 288 शिकायतें दर्ज करायी गयीं, तो वहीं फोन पर दर्ज शिकायतों की संख्या 1748 रहीं. बीते वर्ष 2015 में अप्रैल से दिसंबर तक 2689 मामले दर्ज किये गये. इनमें फोन पर दर्ज शिकायतों की संख्या 2274 रहीं, तो लिखित आवेदनों की संख्या 415 रहीं. आंकड़ों के अनुसार महिलाओं की पहुंच फोन से आसान हुई है. वे कार्यालय जाकर आवेदन देने के बजाय फोन पर ही अपनी समस्याओं का समाधान मांग रही हैं.
महिला हेल्पलाइन के अनुसार फोन पर दर्ज होने वाले शिकायतों की संख्या प्रतिमाह 200-250 तक होती है. फोन पर ज्यादातर आनेवाली शिकायतें इव-टीजिंग (छेड़छाड़) से जुड़ी होती हैं. कॉलेज जाने वाली लड़कियां हों या फिर कामकाजी महिलाएं, वे कई बार दोस्तों की आपसी रंजिश की शिकार हो जाती हैं. उनके नंबर को ऐसे जगहों पर डिसप्ले कर दिया जाता है, जिससे वह परेशान हो जाती हैं. इसके अलावा लव अफेयर से संबंधित शिकायतें होती हैं. जिसमें महिलाएं या युवतियां अपने प्रेम संबंधों के कारण ब्लैक मेल की शिकार हो जाती हैं, जिससे उन्हें समझ नहीं आता कि वे क्या करें. तो वे इन हेल्पलाइन नंबरों पर फोन कर मदद मांगती हैं.