पटना : गुजरात में दलित उत्पीड़न के मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्यमंत्री पर जोरदार हमला बोला है. मोदी ने सवालिया लहजे में कहा है कि गुजरात में कथित दलित प्रताड़ना को लेकर हाय तौबा मचाने वाले मुख्यमंत्री बिहार में दलितों के उत्पीड़न पर चुप क्यों हैं. गुजरात मे 2015 में दलित उत्पीड़न की मात्र 1,052 घटनाएं घटीं जबकि बिहार में 7,874 घटनाएं दर्ज की गयी.
2013 में 4,821 घटना घटी थी. राज्य में दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं मगर सरकार आरोपितों पर कार्रवाई करने की जगह मामलों की लीपापोती में जुटी है.
भभुआ में दलित युवती की हत्या के मामले को पुलिस जांच से पहले ही आत्महत्या बता रही है. मोदी ने दलित उत्पीड़न को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ-साथ नीतीश व लालू को आड़े हाथ लिया है. मुजफ्फरपुर के पारू में दलित युवकों को पेशाब पिलाने के आरोप को सरकार नकार रही है.
मोदी ने कहा कि कैमूर में दलित युवती के परिजनों द्वारा यौनशोषण और हत्या के आरोप के बावजूद पुलिस द्वारा आत्महत्या करार देने से कई सवाल खड़े हुए हैं. कोचिंग संचालकों सहित चार पर परिजनों द्वारा यौनशोषण और हत्या के आरोप के बावजूद जांच पूरी किये बिना पुलिस आत्महत्या कैसे बता रही है. अगर यह आत्महत्या ही है तो सरकार बतायें कि युवती आत्महत्या के लिए विवश क्यों हुई. हत्या को आत्महत्या बता कर पुलिस आरोपितों को बचाने की कोशिश नहीं कर रही है.
पिछले तीन दिनों में नरकटियागंज में एक दलित युवती के साथ हथियार का भय दिखा कर अवैध संबंध बनाने और जमीन रजिस्ट्री नहीं करने पर अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी, जहानाबाद के मखदुमपुर में दलितों के साथ मारपीट और घर में आग लगाने तथा दरभंगा के कुशेश्वरस्थान में दलितों के उत्पीड़न के मामले प्रकाश में आये हैं.इन सभी मामलों में कारगर कार्रवाई करने की जगह सरकार मामले को रफा-दफा करने में लगी हुई है.
दलितों पर भाजपा समर्थकों ने किया अत्याचार : संजय सिंह
पटना. जदयू के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि भाजपा नेता सुशील मोदी अपने पैर में चक्का बांध कर पूरे बिहार में घूमें, फिर भी राज्य सरकार को वो घेर नहीं पायेंगे.
बिहार में जहां भी दलित अत्याचार की घटना हुई है वो कौन लोग है? जिन लोगों ने इन घटनाओं को अंजाम दिया, क्या वो लोग भाजपा के समर्थक नहीं हैं. हर घटना पर सुशील मोदी चले जाते है. इन घटनाओं में आखिर क्यों नही गये? सुशील मोदी जानते हैं कि जिन लोगों ने दलितों पर अत्याचार किया है वो कौन लोग हैं? वो भाजपा के समर्थक हैं और उन्हें भाजपा का संरक्षण प्राप्त है. बिहार की सरकार ने कभी भी किसी को बचाने प्रयास नहीं किया है. जो इस घटना में दोषी होंगे, उन्हें प्रशासन के तरफ से कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी.
उन्होंने कहा कि मोदी महादलित के हिमायती हैं तो मांझी को अब तक केंद्र में मंत्री क्यों नहीं बनवाया? क्यों नहीं मांझी को राज्यसभा का सदस्य मनोनीत करवाया गया? नीतीश कुमार ने तो एक महादलित को अपनी कुर्सी दे दी थी, लेकिन धोखा तो भाजपा के लोग कर रहे हैं. भाजपा इतनी अतिपिछड़ों, अनुसूचित जाति, महादलित की हिमायती है तो फिर बिहार की तरफ से अतिपिछड़ा जाति से आने वाले सांसदों को केंद्र में मंत्री क्यों नहीं बनाया गया?, जबकि उच्च जाति से चार-चार लोगों को मंत्री बनाया गया है.